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सर्दियों में बढ़ रही आग लगने की घटनाएं, पुलिस ने रोकने के लिए जारी की एडवाइजरी

प्रदेश में सर्दियों के समय में आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, ताकि इन घटनाओं को कम किया जा सके.

ASP Praveer Thakur
एएसपी प्रवीर ठाकुर
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Published : Dec 7, 2020, 3:25 PM IST

शिमला: सर्दियां शुरू होते ही आगजनी के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है.

आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से रोहडू उपमंडल के चिड़गांव,रोहडू व जुब्बल क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई है. चिड़गांव व रोहडू के कई गावों में आए दिन कहीं न कहीं घर, जंगलों, बगीचों, घासनियों में आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है, जो अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अधिकतर आग की घटनाएं हमारी स्वयं की लापरवाही से होती है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

जान-माल के साथ लाखों का नुकसान

इस प्रकार की लापरवाही से न केवल संपत्ति का नुकसान हुआ है, बल्कि हमारे कई अपनों की जान भी गई है. इस तरह की कई घटनाओं में लोगों के द्वारा कड़ी मेहनत से तैयार किए गए मकान, बगीचों व मवेशियों का भारी नुकसान हो रहा है. हमारा ये क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है और पूर्वजों के समय से बने हमारे घरों में लकड़ी का बहुत प्रयोग होता है. इस सुखी लकड़ी के कारण हल्की चिंगारी भी भयानक रूप धारण कर लेती है. साथ ही यहां बड़े-बड़े गांव में मकान अत्यंत घने तौर पर बने हुए हैं, जिससे एक छोटी सी चिंगारी पूरे गांव को तबाह कर देती है.

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए ये उपाए करें, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके.

  • अपने घरों में पुरानी बिजली की तारों की रिपेयर करवाएं और अच्छी किस्म की तारों का प्रयोग करें, ताकि किसी तरह का शार्ट सर्किट न हो सकें. आज कल आधुनिक तरीके के उपकरण बाजार में उपलब्ध है, जो शॉर्ट सर्किट के खतरे को निष्क्रिय करते हैं.
  • अपने घरों में लकड़ी/ कोयले की अंगीठी न जलाएं. कई बार हम लोग आग का ताप लेकर सो जाते है और अंगीठी जलती रहती है. कई बार उससे निकली चिंगारी भी घर को नुकसान पहुंचा सकती है. इसके अतिरिक्त कोयले से निकलने वाली कार्बन-मोनोऑक्साईड गैस से व्यक्ति एकदम निष्क्रिय होकर मर सकता है. इसलिए इस प्रकार की अंगीठी को सोने से पूर्व बुझाकर घर से बाहर रख दें व प्रयोग के दौरान वायु प्रवाह के लिए खिड़की को थोड़ा खुला रखें.
  • अपने घरों में सुखी घास, जंगलों व ज्वलनशील पदार्थों के पास धुम्रपान न करें. अगर धूम्रपान कर ही रहे हैं तो जले हुए माचिस की तीली व बीड़ी-सिगरेट के जले हुए टुकडों को लापरवाही से इधर-उधर न फेंके और इन्हें ठीक से बुझाना सुनिश्चित करें.
  • घास काटने के बाद आग न लगाएं. अक्सर यह आग हवा के साथ तेजी से फैल जाती है, जिसमें नियन्त्रण नहीं रहता. इससे अत्यधिक नुकसान होता है और आग फैलती-फैलती गांव तक आ सकती है.
  • अपने घरों में ज्वलनशील पदार्थों को जैसे की मिट्टी का तेल, पैट्रोल आदि को घर से बाहर एक सुरक्षित जगह रखें.
  • उपयोग के बाद गैस चूल्हे को ठीक से बंद करना सुनिश्चित करें और सिलेंडर को रेगुलेटर से ऑफ करें.
  • अपने-अपने घरों में फायर एक्सटिंगशर लगाएं और इसकी वैधता अवधि को चैक करतें रहें.
  • अपने-अपने घरों के आस पास छोटे पानी का टैंक बनाएं. यदि जगह नहीं है तो गांव के बाहर एक बड़ा टैंक बनाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में इसका फायदा उठाया जा सके.

    एएसपी ने कहा कि आओ हम सब मिलकर एक अलख जगाएं, ताकि हमारे पूर्वजों द्वारा मकानों के रूप में निर्मित धरोहरों को बचाने के लिए आगजनी की घटनाओं को रोकने का प्रयास करें.

शिमला: सर्दियां शुरू होते ही आगजनी के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है.

आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से रोहडू उपमंडल के चिड़गांव,रोहडू व जुब्बल क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि हुई है. चिड़गांव व रोहडू के कई गावों में आए दिन कहीं न कहीं घर, जंगलों, बगीचों, घासनियों में आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है, जो अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अधिकतर आग की घटनाएं हमारी स्वयं की लापरवाही से होती है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

जान-माल के साथ लाखों का नुकसान

इस प्रकार की लापरवाही से न केवल संपत्ति का नुकसान हुआ है, बल्कि हमारे कई अपनों की जान भी गई है. इस तरह की कई घटनाओं में लोगों के द्वारा कड़ी मेहनत से तैयार किए गए मकान, बगीचों व मवेशियों का भारी नुकसान हो रहा है. हमारा ये क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है और पूर्वजों के समय से बने हमारे घरों में लकड़ी का बहुत प्रयोग होता है. इस सुखी लकड़ी के कारण हल्की चिंगारी भी भयानक रूप धारण कर लेती है. साथ ही यहां बड़े-बड़े गांव में मकान अत्यंत घने तौर पर बने हुए हैं, जिससे एक छोटी सी चिंगारी पूरे गांव को तबाह कर देती है.

एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए ये उपाए करें, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके.

  • अपने घरों में पुरानी बिजली की तारों की रिपेयर करवाएं और अच्छी किस्म की तारों का प्रयोग करें, ताकि किसी तरह का शार्ट सर्किट न हो सकें. आज कल आधुनिक तरीके के उपकरण बाजार में उपलब्ध है, जो शॉर्ट सर्किट के खतरे को निष्क्रिय करते हैं.
  • अपने घरों में लकड़ी/ कोयले की अंगीठी न जलाएं. कई बार हम लोग आग का ताप लेकर सो जाते है और अंगीठी जलती रहती है. कई बार उससे निकली चिंगारी भी घर को नुकसान पहुंचा सकती है. इसके अतिरिक्त कोयले से निकलने वाली कार्बन-मोनोऑक्साईड गैस से व्यक्ति एकदम निष्क्रिय होकर मर सकता है. इसलिए इस प्रकार की अंगीठी को सोने से पूर्व बुझाकर घर से बाहर रख दें व प्रयोग के दौरान वायु प्रवाह के लिए खिड़की को थोड़ा खुला रखें.
  • अपने घरों में सुखी घास, जंगलों व ज्वलनशील पदार्थों के पास धुम्रपान न करें. अगर धूम्रपान कर ही रहे हैं तो जले हुए माचिस की तीली व बीड़ी-सिगरेट के जले हुए टुकडों को लापरवाही से इधर-उधर न फेंके और इन्हें ठीक से बुझाना सुनिश्चित करें.
  • घास काटने के बाद आग न लगाएं. अक्सर यह आग हवा के साथ तेजी से फैल जाती है, जिसमें नियन्त्रण नहीं रहता. इससे अत्यधिक नुकसान होता है और आग फैलती-फैलती गांव तक आ सकती है.
  • अपने घरों में ज्वलनशील पदार्थों को जैसे की मिट्टी का तेल, पैट्रोल आदि को घर से बाहर एक सुरक्षित जगह रखें.
  • उपयोग के बाद गैस चूल्हे को ठीक से बंद करना सुनिश्चित करें और सिलेंडर को रेगुलेटर से ऑफ करें.
  • अपने-अपने घरों में फायर एक्सटिंगशर लगाएं और इसकी वैधता अवधि को चैक करतें रहें.
  • अपने-अपने घरों के आस पास छोटे पानी का टैंक बनाएं. यदि जगह नहीं है तो गांव के बाहर एक बड़ा टैंक बनाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में इसका फायदा उठाया जा सके.

    एएसपी ने कहा कि आओ हम सब मिलकर एक अलख जगाएं, ताकि हमारे पूर्वजों द्वारा मकानों के रूप में निर्मित धरोहरों को बचाने के लिए आगजनी की घटनाओं को रोकने का प्रयास करें.
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