शिमला: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी पात्र लोगों को वैक्सीन की पहली डोज देकर हिमाचल प्रदेश ने एक मानदंड स्थापित किया है. ऐसे में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैक्सीन के लाभार्थियों और राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल संवाद कर रहे थे.
प्रदेश के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते हिमाचल को भी देखा है और विकास की गाथा लिखते हिमाचल को भी देख रहा हूं. देवी देवताओं के आशीर्वाद और स्वास्थ्यकर्मियों के टीम वर्क की वजह से हिमाचल ने यह सफलता पाई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है. यह बात देश के लोगों को हिमाचल ने याद दिलाई है. हिमाचल के बाद सिक्किम और दादरा नगर हवेली ने शत प्रतिशत पहली डोज का लक्ष्य हासिल कर लिया है. हमें प्रयास करना है कि जिसने पहली डोज लगावाई है वह दूसरी भी जरूर लगावाए.
हिमाचल ने अपने संसाधनों और देश के वैज्ञानिकों पर विश्वास किया. पहाड़ी प्रदेश होने के नाते यहां तमाम दिक्कतें रहती हैं, लेकिन जयराम सरकार ने सभी साधन उपलब्ध करवाए. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद जन संवाद की वजह से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी हुई है.
कुल्लू जिले के मलाणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का लोकतंत्र को रास्ता दिखाने में अहम भूमिका रहती है, लेकिन वहां भी देव समाज को भरोसे में लिया. लाहौल स्पीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश भर में सबसे तेजी से वैक्सीनेशन करने वाले जिलों में है. यह इसी बात का प्रमाण है कि देश कितनी तेजी से टीकाकरण कर रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से हो रहे वैक्सीनेशन का लाभ हिमाचल के पर्यटन व्यवसाय को भी होगा. जिस प्रकार हम स्नोफॉल होने के बाद संभल कर चलते हैं. उसी प्रकार हमें अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम होने पर हिमाचल सबसे पसंदीदा स्थान बन गया. बेहतर नेटवर्क होने के कारण देश के कोने-कोने से युवा हिमाचल का रुख कर हैं. हिमाचल की संस्कृति को यहां के युवा देश-विदेश में पहुंचा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में देश ने एक और फैसला लिया है कि ड्रोन की मदद से सामान डिलीवर किया जाएगा. ड्रोन के प्रयोग से पहाड़ी इलाके के लोगों का जीवन और आसान बना सकता है. हिमाचल आज तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है. केंद्र सरकार स्वंयसेवी महिलाओं के उत्पादों को बेचने के लिए विशेष प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रही है, ताकि देश दुनिया में वो अपने उत्पादों को बेच सके. इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगा सकेंगे. आजादी के अमृत काल में विशेष निवेदन करते हुए उन्होंने कहा हिमाचल की मिट्टी को केमिकल मुक्त करने के लिए हिमाचल के बागवान और किसान अग्रणीय भूमिका निभा सकते हैं.
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