शिमला: ऑनलाइन शॉपिंग साइट से खरीददारी के बाद साइबर ठगों की फोन कॉल और ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में भी इस प्रकार के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है.
साइबर पुलिस ने अंदेशा जताया है कि ऑनलाइन शॉपिंग साइट में भरोसेमंद कर्मचारियों की कमी के कारण ऐसा हो रहा है. ये कर्मचारी कुछ दिनों के लिए शॉपिंग साइट्स द्वारा आउटसोर्स पर नियुक्त किए जाते हैं.
इस दौरान ये कर्मचारी खरीदारों का डेटा साइबर ठगों को बेच देते हैं, जिसके बाद ये साइबर ठग उन ग्राहकों को फोन करके खुद को ऑनलाइन शॉपिंग साइट का कर्मचारी बताते हैं और साथ ही शॉपिंग डिटेल भी ग्राहक को देते हैं.
ऐसे में ग्राहक इन ठगों पर भरोसा कर लेते हैं, क्योंकि इनके द्वारा दी गई खरीदारी की जानकारी साइट से चुराई होती है. इसके बाद ये ग्राहक को अपने जाल में फंसा लेते हैं और उसे ठगी का शिकार बना लेते हैं.
साइबर अपराधी इस तरह से भी करते हैं ठगी
दरअसल, एक पीड़ित ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उसने ऑनलाइन सामान मंगवाया और जब उस सामान की डिलीवरी हो गई तो उसे साइट की ओर से एक कॉल आया जिसमें उन्हें ऑफर के बारे में बताया गया.
शिकायतकर्ता ने बताया कि कॉल पर उसे बताया गया कि आपको 10 हजार रुपये की शॉपिंग में छूट दी जा रही है. या फिर राशि आपके बैंक अकाउंट में भी भेजी जा सकती है. इसके बाद उसे एक लिंक पर अपने बैंक संबंधी जानकारी देने को कहा. जब शिकायतकर्ता ने अपनी जानकारी उस लिंक पर दर्ज की तो उसकी सारी कमाई ठगों ने उड़ा दी.
एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि जब भी जब भी इस प्रकार का कोई फोन आता है तो आप उसके झांसे में ना आएं. अक्सर आरोपी लुभावने ऑफर देते हैं, इसलिए हमें समझदारी अपनाते हुए ओपियों के झांसे में नहीं आना है.
भारी छूट के झांसे में न आएं
ऑनलाइन बेवसाइट्स पर सौंदर्य प्रसाधन, परफ्यूम जैसे उत्पादों पर भारी छूट मिलती रहती है. इसके लालच में न फंसें, क्योंकि ज्यादातर ऐसे उत्पादों पर साफ रिटर्न पॉलिसी नहीं होती है.
ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त बरतें सावधानी
एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह बताते हैं कि ऑनलाइन बैंक खातों से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. ओटीपी, सीवीवी, एटीएम पिन की जानकारी किसी को ना दें. अज्ञात क्यूआर कोड को स्कैन ना करें. किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें. इसके अलावा आधार औप पैन कार्ड की डिटेल किसी के साय़ शेयर ना करें.
ठगी हो तो क्या करें ?
अगर कभी भी आपके साथ साइबर ठगी हो तो जल्द से जल्द इसकी जानकारी अपने नजदीकी साइबर थाने में शिकायत करें. वरना ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें.
साइबर ठगी होने पर NCRB के पोर्टल से लेकर अपने राज्य की साइबर सेल या साइबर पुलिस की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर और मेल करके भी इसकी शिकायत की जा सकती है.
ठगी होने पर तुरंत अपने बैंक खाते को बंद करवाएं. अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं तो पुलिस भी बैंक को बोलकर आपके खाते को फ्रीज करवाती है ताकि ठग उस खाते से और पैसा ना निकाल पाएं.
जानकार बनिये, सुरक्षित रहिये
साइबर अपराधी आपको कई तरह से अपना शिकार बनाने के लिए तैयार रहते हैं. ये फिर नौकरी या घर बैठे पैसे कमाने का झांसा हो या फिर शॉपिंग में भारी छूट, या फिर लक्की ड्रॉ में आपका नाम आने जैसे तरीके प्रमुख हैं. इसलिए ऐसे ठगों से सावधान रहिये.
इसके अलावा महंगी गाड़ी सस्ते में देने, डिस्काउंट, ऑफर, लाखों-करोड़ों की लॉटरी, गहनों का लालच दिया जाता है और बदले में इनकम टैक्स या किसी फीस के रूप में लाखों रुपये की ठगी होती है. ऐसे ऑफर देने वाले ठगों को सावधानी का ठेंगा दिखाना चाहिए. किसी के कहने पर बैंक खाते या पैन और आधार की जानकारी नहीं देनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः सावधानी से करें ऑनलाइन शॉपिंग, नहीं तो खाली हो सकता है आपका बैंक खाता