ETV Bharat / state

चौपाल: बर्फ के बीच लकड़ियां लेकर चूड़धार मंदिर पहुंचे नौरा-बौरा क्षेत्र के लोग - chopal hindi news

नौरा-बौरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने आस्था की एक नई मिसाल पेश की है. इन लोगों ने चूड़धार मंदिर में बर्फ के बीच करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर लकड़ियां पहुंचाने का काम किया है.

People of Naura Bura area
चूड़धार मंदिर पहुंचे नौरा बौरा क्षेत्र के लोग
author img

By

Published : Dec 7, 2020, 3:44 PM IST

चौपाल: 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र चूड़धार मंदिर में नौरा-बौरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने लकड़ियां पहुंचाने के लिए 2 फीट बर्फ के बीच करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर आस्था की एक नई मिसाल पेश की है.

नवंबर से मार्च तक बंद रहते हैं मंदिर के कपाट

दरअसल, चूड़धार मंदिर के कपाट हर वर्ष नवंबर माह से लेकर मार्च महीने तक सभी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन शारदा मठ आश्रम के महंत स्वामी विरेंद्रानंद महाराज और स्वामी कमलानंद महाराज 20 से 25 फीट की बर्फ में भी चूड़धार में रहकर शिरगुल मंदिर में दैनिक पूजा पाठ करते हैं.

Photo
चूड़धार मंदिर.

धुना जलाए रखने के लिए लकड़ियों की जरूरत

ऐसे में भीषण सर्दी में शारदा मठ आश्रम का धुना जलाए रखने के लिए बहुत सारी लकड़ियों की आवश्यकता रहती है. इस बार समय से पहले बर्फबारी होने की वजह से पर्याप्त लकड़ियों का प्रबंध नहीं हो पाया था, जिसके बाद नौरा-बौरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने मिलकर चूड़धार मंदिर के लिए लकड़ियों की व्यवस्था की.

बर्फ के कारण घोड़ों पर लकड़ियां ले जाना मुश्किल

वहीं, लकड़ियों का इंतजाम करने के बाद भी उन्हें चूड़धार मंदिर तक पहुंचाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. कई फीट बर्फ होने की वजह से घोड़े और खच्चर पर भी लकड़ियां ले जाना मुमकिन नहीं था. ऐसे में सभी लोगों ने लकड़ियों के भारी बोझों को अपनी पीठ पर उठाकर चूड़धार पहुंचाने का फैसला लिया.

आस्था की एक नई मिसाल

रास्ते में 2 फीट से ज्यादा बर्फ होने के बाद भी दर्जनों लोगों ने करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर चूड़धार मंदिर में लकड़ियां पहुंचा कर आस्था की एक नई मिसाल पेश की है. समूचे क्षेत्र में नौरा-बौरा गांव के लोगों द्वारा किये गए इस नेक कार्य की खूब प्रशंसा हो रही है.

ये भी पढ़ें: पांवटा साहिब में सीएम जयराम ने 94 करोड़ की दी सौगात, एक साल में पूरे होंगे सभी काम

चौपाल: 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र चूड़धार मंदिर में नौरा-बौरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने लकड़ियां पहुंचाने के लिए 2 फीट बर्फ के बीच करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर आस्था की एक नई मिसाल पेश की है.

नवंबर से मार्च तक बंद रहते हैं मंदिर के कपाट

दरअसल, चूड़धार मंदिर के कपाट हर वर्ष नवंबर माह से लेकर मार्च महीने तक सभी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन शारदा मठ आश्रम के महंत स्वामी विरेंद्रानंद महाराज और स्वामी कमलानंद महाराज 20 से 25 फीट की बर्फ में भी चूड़धार में रहकर शिरगुल मंदिर में दैनिक पूजा पाठ करते हैं.

Photo
चूड़धार मंदिर.

धुना जलाए रखने के लिए लकड़ियों की जरूरत

ऐसे में भीषण सर्दी में शारदा मठ आश्रम का धुना जलाए रखने के लिए बहुत सारी लकड़ियों की आवश्यकता रहती है. इस बार समय से पहले बर्फबारी होने की वजह से पर्याप्त लकड़ियों का प्रबंध नहीं हो पाया था, जिसके बाद नौरा-बौरा क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने मिलकर चूड़धार मंदिर के लिए लकड़ियों की व्यवस्था की.

बर्फ के कारण घोड़ों पर लकड़ियां ले जाना मुश्किल

वहीं, लकड़ियों का इंतजाम करने के बाद भी उन्हें चूड़धार मंदिर तक पहुंचाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी. कई फीट बर्फ होने की वजह से घोड़े और खच्चर पर भी लकड़ियां ले जाना मुमकिन नहीं था. ऐसे में सभी लोगों ने लकड़ियों के भारी बोझों को अपनी पीठ पर उठाकर चूड़धार पहुंचाने का फैसला लिया.

आस्था की एक नई मिसाल

रास्ते में 2 फीट से ज्यादा बर्फ होने के बाद भी दर्जनों लोगों ने करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर चूड़धार मंदिर में लकड़ियां पहुंचा कर आस्था की एक नई मिसाल पेश की है. समूचे क्षेत्र में नौरा-बौरा गांव के लोगों द्वारा किये गए इस नेक कार्य की खूब प्रशंसा हो रही है.

ये भी पढ़ें: पांवटा साहिब में सीएम जयराम ने 94 करोड़ की दी सौगात, एक साल में पूरे होंगे सभी काम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.