शिमला: पूरे विश्व मे फैल रहे कोरोना वायरस के कहर को रोकने के लिए सभी देश अपने अपने तरीके से सावधानी बरत रहे है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सभी देशों के यात्रियों के वीजा कुछ दिनों के लिए रद्द कर दिए हैं और सभी राज्य सरकारें भी अपने अपने तरीके से इससे निपटने की तरकीब इस्तेमाल कर रही है.
वहीं, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार भी दूसरे देशों से आने वाले पर्यटकों पर कड़ी नजर बनाए हुए है और राज्य के सभी सीमाओं पर जांच केंद्र स्थापित कर लोगों की निगरानी कर रहा है. इसको देखते हुए जिला शिमला में नेपाली मूल और दूसरे देशों से आने वाले लोगों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जांच केंद्र स्थापित कर दिए हैं, जहां पर नेपाली मूल के लोगों और खांसी, बुखार और जुखाम से पीड़ित लोगों की जांच की जा रही है.
कोरोना वायरस को रोकने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने आईएसबीटी शिमला, शोघी और खोडानाला रोहड़ू के पास जांच केंद्र स्थापित किए हैं, जहां नेपाली मूल के लोगों और अन्य लोगों की जांच की जा रही है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस का कहर धीरे धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है.
चीन से फैले इस वायरस का खौफ पड़ोसी देशों पर भी दिखाई दे रहा है. ऐसे में नेपाल, चीन के साथ सटा देश है, जहां से अधिकतर नेपाली मूल के लोग जिला शिमला में अपनी आजीविका कमाने के लिए आते हैं. सबसे ज्यादा नेपाली जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्र में आते हैं और अधिकतर घरों में काम करते हैं. आजकल के दिनों में यह लोग अपने घरों से जिला के विभिन्न के क्षेत्रों में आ रहे हैं जिनकी जांच करना बहुत जरुरी है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान ने कहा कि यदि कोई नेपाली मूल का व्यक्ति बिना जांच के जिला में आ जाए और उसे कोरोना वायरस के लक्षण हों, तो यह जिला के हर घर मे दस्तक देगा. इससे बहुत नुकसान हो सकता है. इसलिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिला की सभी सीमाओं पर जांच केंद्र स्थापित किए हैं, ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति जिला में प्रवेश न कर सके. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पुलिस का भी सहयोग ले रही है और सीमाओं पर ही जांच की जा रही है.
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