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IGMC में मेडिकल बनवाने के लिए भटक रहे लोग, प्रबंधन का दावा सभी को मिल रहे सर्टिफिकेट

राजधानी शिमला में आम लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी में ज्वाइनिंग, लाइसेंस बनवाने, राज्य से बाहर जाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना या पुलिस की ओर से पकड़े गए अपराधी के मेडिकल भी आईजीएमसी में बन रहे है. ऐसे में आपातकाल स्थिति में गंभीर मरीज आने के कारण सीएमओ के व्यस्त रहने से लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

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Published : May 24, 2020, 3:21 PM IST

IGMC shimla
आईजीएमसी में मेडिकल बनवाने के लिए भटक रहे लोग.

शिमला: कोरोना के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में बाहरी राज्य से आने या फिर बाहरी राज्यों में जाने के लिए लोगों को मेडिडकल सर्टिफिकेट की जरूरत है. राजधानी शिमला में आम लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी में ज्वाइनिंग, लाइसेंस बनवाने, राज्य से बाहर जाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना या पुलिस की ओर से पकड़े गए अपराधी के मेडिकल भी आईजीएमसी शिमला में बन रहे है. यह मेडिकल सीएमओ (केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर) की ओर से साइन किया जाता है. पहले यह मेडिकल रिपन अस्पताल में बनते थे, लेकिन रिपन को कोविड अस्पताल बनाए जाने के बाद सभी मेडिकल आईजीएमसी में ही बनते हैं, जिस कारण हर रोज दर्जनों लोग मेडिकल करवाने आईजीएसमी पहुंच रहे हैं.

इन दिनों फॉरेस्ट गार्ड की जॉइनिंग हो रही है और नौकरी के लिए हिमाचल से बाहर जाने वाले लोगों भी मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए आईजीएमसी आना पड़ रहा है. अस्पताल में कोविड-19 के कारण व्यवस्था सख्त है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है. ऐसे में आपातकाल में गंभीर मरीज आने के कारण सीएमओ के व्यस्त रहने से लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. उसके बाद भी उनकी समस्या कम नहीं होती.

अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज का कहना है कि रिपन कोविड अस्पताल बनने के कारण सभी मेडिकल आईजीएमसी में बनते हैं, जिससे प्रतिदिन काफी लोग मेडिकल के लिए आते हैं और सभी लोगों को मेडिकल कर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: इनके साहस को ETV भारत का सलाम, फ्रंट लाइन पर निभा रहे कोरोना वॉरियर की भूमिका

शिमला: कोरोना के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में बाहरी राज्य से आने या फिर बाहरी राज्यों में जाने के लिए लोगों को मेडिडकल सर्टिफिकेट की जरूरत है. राजधानी शिमला में आम लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी में ज्वाइनिंग, लाइसेंस बनवाने, राज्य से बाहर जाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना या पुलिस की ओर से पकड़े गए अपराधी के मेडिकल भी आईजीएमसी शिमला में बन रहे है. यह मेडिकल सीएमओ (केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर) की ओर से साइन किया जाता है. पहले यह मेडिकल रिपन अस्पताल में बनते थे, लेकिन रिपन को कोविड अस्पताल बनाए जाने के बाद सभी मेडिकल आईजीएमसी में ही बनते हैं, जिस कारण हर रोज दर्जनों लोग मेडिकल करवाने आईजीएसमी पहुंच रहे हैं.

इन दिनों फॉरेस्ट गार्ड की जॉइनिंग हो रही है और नौकरी के लिए हिमाचल से बाहर जाने वाले लोगों भी मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए आईजीएमसी आना पड़ रहा है. अस्पताल में कोविड-19 के कारण व्यवस्था सख्त है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जा रहा है. ऐसे में आपातकाल में गंभीर मरीज आने के कारण सीएमओ के व्यस्त रहने से लोगों को मेडिकल बनवाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. उसके बाद भी उनकी समस्या कम नहीं होती.

अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज का कहना है कि रिपन कोविड अस्पताल बनने के कारण सभी मेडिकल आईजीएमसी में बनते हैं, जिससे प्रतिदिन काफी लोग मेडिकल के लिए आते हैं और सभी लोगों को मेडिकल कर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है.

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