रामपुर: शिमला जिला में रामपुर के खनेरी अस्पताल में बनने वाले ट्रॉमा सेंटर का काम फिर से अधर में लटक गया है. ट्रॉमा सेंटर का काम 4 अगस्त, 2017 को लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार को सौंपा था. जिसे पूरा करने का लक्ष्य फरवरी 2019 तक दिया गया था, लेकिन अभी तक काम धरातल पर ही लटका हुआ है.
![pending work of Trauma Center](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2883136_trauma-center-12.png)
खनेरी अस्पताले के इस ट्रॉमा सेंटर का काम समय पर पूरा न होने का मुख्य कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा समय पर नक्शा न देना बताया जा रहा है. जिसके बाद कई महीने नक्शे को ठीक करने में लगा दिए गए, लेकिन नया नक्शा आने के बाद फिर से काम अधर में लटक गया है. रामपुर के लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण ट्रॉमा सेंटर का काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है.
![pending work of Trauma Center](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2883136_trauma-center-1.png)
गौर हो कि खनेरी अस्पताल चार जिला (शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी) के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाता है. यहां पर हर दिन हजारों लोग इलाज करवाने को आते हैं. साथ ही पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हर दिन होने वाली घटना और दुर्घटनाओं में घायल लोग भी यहीं इलाज करवाने पहुंचते हैं. ऐसे में कई बार यहां लोगों के उपचार के लिए पूरी सुविधा न मिलने के कारण उन्हें शिमला आईजीएमसी ट्रांसफर किया जाता है. कई मामलों में तो मरीज इलाज के अभाव में ही दम तोड़ देते हैं.
खनेरी अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे लोगों का कहना है कि यहां ट्रॉमा सेंटर का काम जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए. इस ट्रॉमा सेंटर को बनाने के लिए लागत राशि स्वास्थ्य विभाग के पास पड़ी हुई है. इसके बावजूद अभी भी कार्य अधर में लटका हुआ है. बीते दो साल से ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य पूरा न होने से अब लोगों में रोष पनपने लगा है.
![pending work of Trauma Center](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/images/2883136_65_07997837-47b8-49af-b1db-00594cf94f6e.png)
वहीं, ट्रॉमा सेंटर के निर्माण को लेकर खनेरी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सुनील शर्मा का कहना है कि सेंटर का काम फिलहाल बंद पड़ा हुआ है. जिस जगह पर ट्रॉमा सेंटर का निर्माण होना है, वहां पर सात पेड़ हैं. चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ठेकेदारों का कहना है कि पेड़ काटे बिना सेंटर का निर्माण होना नामुमकिन है. पेड़ को काटने के लिए रिपोर्ट तैयार कर डीसी ऑफिस शिमला भेज दी गई है. अभी तक वहां से कोई रिपोर्ट नहीं आई है, जिस कारण ट्रॉमा सेंटर का काम अधर में ही लटका हुआ है.