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NPA मामला: IGMC में डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक, मरीजों को करना पड़ा परेशानी का सामना

हिमाचल के सबसे बडे़ सरकारी अस्पताल में आज डॉक्टरों ने एनपीए की बहाली को लेकर पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार इसे दोबारा बहाल नहीं करती,तब तक यह जारी रहेगी. वहीं, दूसरी तरफ मरीजों को इसके चलते परेशानियों का सामना करना पड़ा.

pen down strike of doctors in IGMC
pen down strike of doctors in IGMC
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Published : May 29, 2023, 12:47 PM IST

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एनपीए की मांग को लेकर चिकित्सकों ने पेन डाउन स्ट्राइक की. डेढ़ घंटे इस पेन डाउन स्ट्राइक के चलते मरीजों और उनके परिजनों का परेशानियों का सामना करना पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार एनपीए की वापस बहाली नहीं करती तब तक पेन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी.

निजीकरण को मिलेगा बढ़ावा: चिकित्सकों ने अस्पताल के गेट पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया. सीएसए अध्यक्ष शिखिन सोनी ने कहा है कि सरकार का यह गलत फैसला है और सरकार जब तक एनपीए बहाल नहीं करती हड़ताल जारी रहेगी. आने वाले समय में यह उग्र आंदोलन बन सकता है. वहीं, अन्य प्रशिक्षु डॉ. का कहना है कि सरकार के इस फैसले से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

35 हजार पड़ेगा कम: उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से चिकित्सकों को 35000 के लगभग मिलेगा जो बहुत कम होगा. डॉक्टरों का कहना है कि वह जान जोखिम में डाल कर काम करते ओर उसके बदले उनका एनपीए बंद कर दिया गया.बता दें कि सरकार ने अभी तक एनपीए का फैसला वापस नहीं लिया और डॉक्टरों की स्ट्राइक वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.

ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़: ओपीडी के बाहर मरीजो की भीड़ लगी रही. कई मरीज गेट पर ही बैठ कर डॉक्टर के ओपीड़ी में जाने का इंतजार करते रहे. अगर कुछ दिन और डॉक्टरों की इस तरह की पेन डाउन स्ट्राइक जारी रही तो परेशानियां बढ़ जाएंगी.

12 बजे तक होते टेस्ट: यहां पर सरकारी लैब में सिर्फ 12 बजे तक ही टेस्ट होते है. उसके बाद कृष्णा लैब में टेस्ट करवाने जाना पड़ता है. मरीजों के जो सरकारी लैब में निशुल्क टेस्ट होते थे उसका भी मरीज फायदा नहीं उठा पाएंगे. अब मरीजों को पैसे खर्च कर ही टेस्ट करवाने पड़ेंगे. वहीं, पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान कोई भी डॉक्टर काम नहीं करेगा. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रखेंगे. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के साथ भी डॉक्टरों की बातचीत बेनतीजा निकली थी.

ये भी पढ़ें : NPA मामला: डॉक्टरों की हड़ताल की चेतावनी से डरी सरकार!, स्वास्थ्य मंत्री ने आज बातचीत के लिए बुलाया

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में एनपीए की मांग को लेकर चिकित्सकों ने पेन डाउन स्ट्राइक की. डेढ़ घंटे इस पेन डाउन स्ट्राइक के चलते मरीजों और उनके परिजनों का परेशानियों का सामना करना पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सरकार एनपीए की वापस बहाली नहीं करती तब तक पेन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी.

निजीकरण को मिलेगा बढ़ावा: चिकित्सकों ने अस्पताल के गेट पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया. सीएसए अध्यक्ष शिखिन सोनी ने कहा है कि सरकार का यह गलत फैसला है और सरकार जब तक एनपीए बहाल नहीं करती हड़ताल जारी रहेगी. आने वाले समय में यह उग्र आंदोलन बन सकता है. वहीं, अन्य प्रशिक्षु डॉ. का कहना है कि सरकार के इस फैसले से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

35 हजार पड़ेगा कम: उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से चिकित्सकों को 35000 के लगभग मिलेगा जो बहुत कम होगा. डॉक्टरों का कहना है कि वह जान जोखिम में डाल कर काम करते ओर उसके बदले उनका एनपीए बंद कर दिया गया.बता दें कि सरकार ने अभी तक एनपीए का फैसला वापस नहीं लिया और डॉक्टरों की स्ट्राइक वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.

ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़: ओपीडी के बाहर मरीजो की भीड़ लगी रही. कई मरीज गेट पर ही बैठ कर डॉक्टर के ओपीड़ी में जाने का इंतजार करते रहे. अगर कुछ दिन और डॉक्टरों की इस तरह की पेन डाउन स्ट्राइक जारी रही तो परेशानियां बढ़ जाएंगी.

12 बजे तक होते टेस्ट: यहां पर सरकारी लैब में सिर्फ 12 बजे तक ही टेस्ट होते है. उसके बाद कृष्णा लैब में टेस्ट करवाने जाना पड़ता है. मरीजों के जो सरकारी लैब में निशुल्क टेस्ट होते थे उसका भी मरीज फायदा नहीं उठा पाएंगे. अब मरीजों को पैसे खर्च कर ही टेस्ट करवाने पड़ेंगे. वहीं, पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान कोई भी डॉक्टर काम नहीं करेगा. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रखेंगे. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के साथ भी डॉक्टरों की बातचीत बेनतीजा निकली थी.

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