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यूपी से आए पेंटरों को गौशाला में किया क्वारंटाइन, बिना बिजली पानी रहने को मजबूर - दत्तनगर पंचायत

रामपुर में बाहरी राज्यों से आए पेंटरों को दत्तनगर की गौशाला में क्वारंटाइन किया गया है. गौशाला में क्वारंटाइन किए गए इन मजदूरों को बिना बिजली के गोबर के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. इससे पहले भी कई लोग यहां पर क्वारंटाइन हो चुके हैं और अपना क्वारंटाइन पूरा करने के बाद अब अपने कामों पर लौट चुके हैं.

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Published : Jul 12, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 6:56 PM IST

रामपुर/शिमला: जिला शिमला के रामपुर में बाहरी राज्यों से आए पेंटरों को दत्तनगर की गौशाला में क्वारंटाइन किया गया है. गौशाला में क्वारंटाइन किए गए इन मजदूरों को बिना बिजली के गोबर के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं, दत्तनगर पंचायत की प्रधान ने पंचायत में क्वारंटाइन की सुविधा न होने के बारे में एसडीएम रामपुर को सूचित किया है. इसके बावजूद एसडीएम की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आ पाया है.

यूपी से आए पेंटर ने बताया कि वह 6 दिन पहले यहां यूपी से आए थे. इसके बाद पुलिस के पास अपना पंजीकरण करवाया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें दत्तनगर पंचायत भेजा. यहां पर पंचायत प्रधान ने उनके रहने की कोई व्यवस्था नहीं की.

वीडियो.

पेंटरों ने बताया कि वह पहले भी दत्तनगर पंचायत में ही रहते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद वह अपने घर यूपी चले गए थे, जिसके बाद अब वापस काम पर लौटने पर यहां गौशाला में क्वारंटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस गौशाला में ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही बिजली की कोई व्यवस्था है. उन्हें मजबूरन यहां गोबर के बीच गौशाला में रहना पड़ रहा है.

मजदूर ने कहा कि एक मुंशी ने यहां पर खाने की व्यवस्था की है. मुंशी उनके खाने- पीने का सामान गौशाला में पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मजदूर होने के कारण ही यहां के लोग हमारे साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे रामपुर में कई सालों से काम कर रहे हैं लेकिन आज उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है.

वहीं, इस बारे में स्थानीय निवासी जॉनी कायथ ने बताया कि यह लोग पिछले 7 दिनों से यहां पर रह रहे हैं. इनके लिए यहां पर रहने की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके बाद उन्हें मजबूरन गौशाला में रहना पड़ रहा है. ऐसे में पंचायत को मजदूरों के रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए. बाहर से आने वाले लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है.

वहीं, दत्तनगर पंचायत की प्रधान बिना नेगी ने कहा कि उनके पास दत्तनगर में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में एसडीएम रामपुर को लिखित में सूचित कर दिया गया है कि वह दततनगर पंचायत में आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन की उचित व्यवस्था करें. इसे लेकर अभी तक एसडीएम की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है.

बता दें कि इससे पहले भी कई लोग यहां पर क्वारंटाइन हो चुके हैं और अपना क्वारंटाइन पूरा करने के बाद अब अपने कामों पर लौट चुके हैं. लगातार बाहर से आने वाले मजदूरों को यहां पर क्वारंटाइन में रहना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: अभिनेता अमिताभ बच्चन और अभिषेक कोरोना संक्रमित, CM ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

रामपुर/शिमला: जिला शिमला के रामपुर में बाहरी राज्यों से आए पेंटरों को दत्तनगर की गौशाला में क्वारंटाइन किया गया है. गौशाला में क्वारंटाइन किए गए इन मजदूरों को बिना बिजली के गोबर के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं, दत्तनगर पंचायत की प्रधान ने पंचायत में क्वारंटाइन की सुविधा न होने के बारे में एसडीएम रामपुर को सूचित किया है. इसके बावजूद एसडीएम की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं आ पाया है.

यूपी से आए पेंटर ने बताया कि वह 6 दिन पहले यहां यूपी से आए थे. इसके बाद पुलिस के पास अपना पंजीकरण करवाया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें दत्तनगर पंचायत भेजा. यहां पर पंचायत प्रधान ने उनके रहने की कोई व्यवस्था नहीं की.

वीडियो.

पेंटरों ने बताया कि वह पहले भी दत्तनगर पंचायत में ही रहते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद वह अपने घर यूपी चले गए थे, जिसके बाद अब वापस काम पर लौटने पर यहां गौशाला में क्वारंटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस गौशाला में ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही बिजली की कोई व्यवस्था है. उन्हें मजबूरन यहां गोबर के बीच गौशाला में रहना पड़ रहा है.

मजदूर ने कहा कि एक मुंशी ने यहां पर खाने की व्यवस्था की है. मुंशी उनके खाने- पीने का सामान गौशाला में पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मजदूर होने के कारण ही यहां के लोग हमारे साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे रामपुर में कई सालों से काम कर रहे हैं लेकिन आज उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है.

वहीं, इस बारे में स्थानीय निवासी जॉनी कायथ ने बताया कि यह लोग पिछले 7 दिनों से यहां पर रह रहे हैं. इनके लिए यहां पर रहने की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके बाद उन्हें मजबूरन गौशाला में रहना पड़ रहा है. ऐसे में पंचायत को मजदूरों के रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए. बाहर से आने वाले लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है.

वहीं, दत्तनगर पंचायत की प्रधान बिना नेगी ने कहा कि उनके पास दत्तनगर में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में एसडीएम रामपुर को लिखित में सूचित कर दिया गया है कि वह दततनगर पंचायत में आने वाले लोगों के लिए क्वारंटाइन की उचित व्यवस्था करें. इसे लेकर अभी तक एसडीएम की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है.

बता दें कि इससे पहले भी कई लोग यहां पर क्वारंटाइन हो चुके हैं और अपना क्वारंटाइन पूरा करने के बाद अब अपने कामों पर लौट चुके हैं. लगातार बाहर से आने वाले मजदूरों को यहां पर क्वारंटाइन में रहना पड़ रहा है.

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Last Updated : Jul 12, 2020, 6:56 PM IST
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