शिमला: कांग्रेस को सत्ता का ताज दिलाने में हिमाचल में ओपीएस बहाली के वादे का सबसे अहम योगदान है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार अब इस वादे को पूरा करने की दहलीज पर है. चुनावी नतीजों के एक महीने बाद ही सही कैबिनेट का विस्तार भी हो चुका है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान पहली कैबिनेट में ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का वादा किया था, एक वादा एक लाख नौकरियों का भी है लेकिन ओपीएस का वादा चुनावी साल में सुर्खियों में रहा और फिर कांग्रेस ने इसे सबसे बड़ा मुद्दा बनाया. अब सुक्खू कैबिनेट की पहली बैठक का इंतजार हो रहा है. (OPS in Himachal) (NPS in Himachal) (Himachal Cabinet Expansion)
छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने भी ओल्ड पेंशन का वादा किया है और सुखविंदर सरकार ओपीएस से जुड़े हर पहलू का गंभीरता से अध्ययन कर रही है. खासकर हिमाचल की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा. वैसे तो ओपीएस की बहाली को लेकर राजस्थान व छत्तीसगढ़ सहित झारखंड व पंजाब सरकार ने पहल कर ली है, लेकिन सुक्खू सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. ओपीएस बहाली को लेकर राज्य सरकार के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क किया है. हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के अफसरों ने छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग से कई दौर की बातचीत की है. (Himachal govt preparation on OPS)
हिमाचल में ओपीएस का गणित- हिमाचल में इस समय न्यू पेंशन स्कीम के तहत 1.18 लाख कर्मचारी आते हैं. इन्हें बैक डेट से ओपीएस का लाभ देना है. यहां एक पहलू ये भी है कि राज्य के एनपीएस कर्मियों का अंशदान एक अच्छी-खासी रकम के तौर पर जमा हो चुका है. ऐसे में सरकार को ये फैसला भी लेना है कि क्या एनपीएस अंशदान को कर्मचारियों से सरेंडर करवाने की ऑप्शन रखनी है या नहीं. ये भी संभव है कि हिमाचल सरकार एनपीएस को वालंटरियल रखे यानी जिसने एनपीएस में रहना है, उसे वहीं रहने का विकल्प दिया जाए. यही कारण है कि सुखविंदर सिंह सरकार अभी छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रही है. (Sukhu govt on OPS)
मिशन 2024 पर कांग्रेस की निगाहें- दरअसल, हिमाचल सरकार चाहती है कि एक बार ओपीएस की बहाली हो जाए तो निकट भविष्य में कोई अड़चन ऐसी न आए कि कर्मचारी वर्ग को नुकसान हो. चूंकि 2024 का लोकसभा चुनाव आ रहा है तो सुक्खू सरकार अपनी परफार्मेंस बेहतरीन करना चाहती है, ताकि लोकसभा की चारों सीटों पर विजय हासिल की जा सके. खैर, अब जल्द ही कैबिनेट की पहली औपचारिक बैठक आयोजित की जाएगी. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में वित्त विभाग ओल्ड पेंशन को लेकर कैबिनेट नोट तैयार करने में जुटा है लेकिन इस नोट को अंतिम रूप देने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार की ओपीएस वाली नोटिफिकेशन का इंतजार किया जा रहा है. हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के अफसरों ने छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों से चर्चा की है और सूत्रों का कहना है कि वहां इसी हफ्ते अधिसूचना जारी हो जाएगी.
कर्मचारियों से हो चुकी है चर्चा- हिमाचल सरकार ने एनपीएस कर्मचारी महासंघ से भी चर्चा की है. उन्होंने भी सरकार को कई सुझाव दिए हैं और इन्हीं सुझावों के आधार पर सरकार एनपीएस का विकल्प भी खुला रखना चाहती है. हिमाचल में वर्ष 2003 से 2022 तक के एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन में लाने के लिए सारा एनपीएस कंट्रीब्यूशन सरेंडर करने की शर्त लगेगी. यही शर्त छत्तीसगढ़ में भी रेट्रोस्पेक्टिव लगाई गई है. वहीं, राजस्थान की गहलोत सरकार ने इसे यानी ओपीएस को प्रोस्पेक्टिव डेट से ही लागू किया है. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पहले ही कह चुके हैं कि सरकार के निर्देश पर वित्त विभाग के पास सभी बैकअप प्लान मौजूद हैं. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित कांग्रेस के नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि पहली कैबिनेट में हर हाल में ओपीएस का मसला हल किया जाएगा. कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाएगा. अब सभी की नजरें सरकार की पहली कैबिनेट पर लगी है.
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