शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है. सदन के पहले दिन ही विपक्ष के कड़े तेवर देखने को मिले. विपक्ष ने सदन में विधायक निधि बंद करने को लेकर जमकर हंगामा किया. वहीं, विपक्ष की ओर से 9 विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करके चर्चा की मांग उठाई. लेकिन चर्चा के लिए समय न मिलने पर विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की और विधायक निधि को बहाल करने की मांग उठाई. इसके बाद नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.
वॉकआउट के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने विधायक विकास निधि को बंद कर दिया है, जिससे विकास कार्य ठप हो गए हैं. इसको लेकर आज सदन में 9 विधायकों द्वारा नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की गई थी. लेकिन, उन्हें चर्चा की समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के समय विधायक निधि एक करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ कर दी गई थी. लेकिन, जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, विधायक निधि को ही रोक दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि सरकार इस पर चर्चा से भाग रही है और उन्हें चर्चा का समय नहीं दिया गया. जिसके चलते उन्होंने सदन से ही वॉकआउट कर दिया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से बिना बजट के संस्थान खोलने की बात कही जा रही है, लेकिन सभी संस्थानों के लिए बजट का प्रावधान किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार के पास सीपीएस बनाने और चेयरमैन बनाने के लिए पैसों की कमी नहीं हैं और जब बात विधायक निधि की आती है तो आर्थिक स्थिति ठीक न होने का रोना रोया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार दूसरी जगह खर्चें कम करके आय के स्रोत बढ़ा सकती है. वहीं, क्षेत्र के विकास के लिए विधायकों के लिए जो राशि मिलती है, उसे जल्द बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष आम जनता से जुड़े मुद्दों को सदन में प्रमुखता से उठाने से पीछे नहीं हटेगी.
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