शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुंह के कैंसर के 1.5 फीसदी मरीज हैं. इनमें से पहले स्थान पर मंडी, दूसरे पर शिमला व कांगड़ा तीसरे स्थान पर है. यह खुलासा डेंटल कॉलेज शिमला व कैंसर अस्पताल शिमला के सयुंक्त शोध में हुआ है. कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान व तंबाकू का सेवन करना है.
हिमाचल में मुंह के कैंसर के 1.5 फीसदी लोग
इस संबंध में डेंटल कॉलेज में शोधार्थी डॉ. शैली फोतेदार ने बताया कि उन्होंने 8 साल यानि 2011 से 2018 तक का सर्वे किया है. इसमें पता चला है कि हिमाचल में मुंह के कैंसर के 1.5 फीसदी लोग हैं. यदि राष्ट्रीय आंकड़ों पर गौर करें तो तो वह 30 फीसदी है.
जीभ के कैंसर के ज्यादा मामले
डॉ. शैली फोतेदार का कहना है कि यूपी-बिहार में यह ज्यादा होता है, क्योंकि वहां के लोग सुपारी, खैनी, गुटका का प्रयोग अधिक करते हैं. जिससे मुंह के कैंसर होने की अधिक संभावना रहती है. अभी तक जीभ के कैंसर के ज्यादा मामले सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि हिमाचल में अभी सुपारी व खैनी का प्रयोग इतनी अधिक मात्रा में नहीं है. यहां मुंह के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान ही सामने आया है.
सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. शैली फोतेदार
डॉ. शैली फोतेदार राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटस्ट्री विभाग में कार्यरत हैं. डॉ. शैली फोतेदार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री के राष्ट्रीय सममेलन में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुति पुरस्कार मिला है.
इससे पहले डॉ. शैली ने तीन राष्ट्रीय स्तर की सम्मेलन, 2012 में चेन्नई, 2016 में भुवनेश्वर, 2018 में मेरठ में मुंह के रोग, लक्षण, कारण व बचाव के संबंधित शोध पत्र प्रस्तुत कर बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन अवार्ड हासिल किए हैं. डॉ. शैली फोतेदार की विभिन्न राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में लगभग 50 वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं.