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'शिक्षा साथी ऐप' का साथ देने से कतरा रहे विभाग के ही अधिकारी, प्रधान शिक्षा सचिव ने लगाई फटकार

प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित 'शिक्षा साथी ऐप' का प्रयोग खुद विभाग के आला अधिकारी भी नहीं कर रहे. जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधान शिक्षा सचिव ने अधिकारियों को फटकार लगाई है.

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Published : Sep 20, 2019, 12:52 PM IST

शिक्षा विभाग

शिमला: प्रधान शिक्षा सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऐप को इस्तेमाल ना किए जाने को लेकर फटकार लगाई है. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऐप को इस्तेमाल ना किए जाने की वजह भी पूछी है.


बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के निरीक्षण के लिए 'शिक्षा साथी ऐप' को तैयार किया गया है, लेकिन अभी तर इस ऐप को जांच अधिकारियों ने डाउनलोड ही नहीं किया है. हालांकि कई बीडीईओ इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन जो अधिकारी जांच के लिए स्कूलों में जाते हैं उन्होंने अभी तक इस ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है.


इस ऐप के माध्यम से शिक्षा विभाग के इंस्पेक्शन टीम ने विभाग को स्कूलों पर जाकर अपडेट भेजने का निर्णय लिया था. स्कूल के निरीक्षण की पूरी अपडेट ऑनलाइन है, जो कि इस ऐप के माध्यम से भेजी जानी हैं.

प्रधान शिक्षा सचिव के.के पंत ने यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए हैं कि इस ऐप का इस्तेमाल करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं, जिससे ऐप बनाने का उद्देश्य पूरा हो सके.

ये भी पढ़ें- ऊनाः सराय में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला शव, पुलिस की जांच जारी

बता दें कि 'शिक्षा साथी ऐप' का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था. इस ऐप के माध्यम से तीन हजार अधिकारियों को जोड़ा गया है, जो प्रदेश के 15 हजार स्कूलों का निरीक्षण करेंगे. ऐप के माध्यम से ही शिक्षा विभाग जहां स्कूलों के निरीक्षण पर नजर रखेगा. इस ऐप को बनाने का उद्देश्य स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की पाठक की प्रक्रिया पर नजर रखना और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है.

शिमला: प्रधान शिक्षा सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऐप को इस्तेमाल ना किए जाने को लेकर फटकार लगाई है. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऐप को इस्तेमाल ना किए जाने की वजह भी पूछी है.


बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के निरीक्षण के लिए 'शिक्षा साथी ऐप' को तैयार किया गया है, लेकिन अभी तर इस ऐप को जांच अधिकारियों ने डाउनलोड ही नहीं किया है. हालांकि कई बीडीईओ इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन जो अधिकारी जांच के लिए स्कूलों में जाते हैं उन्होंने अभी तक इस ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है.


इस ऐप के माध्यम से शिक्षा विभाग के इंस्पेक्शन टीम ने विभाग को स्कूलों पर जाकर अपडेट भेजने का निर्णय लिया था. स्कूल के निरीक्षण की पूरी अपडेट ऑनलाइन है, जो कि इस ऐप के माध्यम से भेजी जानी हैं.

प्रधान शिक्षा सचिव के.के पंत ने यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए हैं कि इस ऐप का इस्तेमाल करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं, जिससे ऐप बनाने का उद्देश्य पूरा हो सके.

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बता दें कि 'शिक्षा साथी ऐप' का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था. इस ऐप के माध्यम से तीन हजार अधिकारियों को जोड़ा गया है, जो प्रदेश के 15 हजार स्कूलों का निरीक्षण करेंगे. ऐप के माध्यम से ही शिक्षा विभाग जहां स्कूलों के निरीक्षण पर नजर रखेगा. इस ऐप को बनाने का उद्देश्य स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की पाठक की प्रक्रिया पर नजर रखना और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है.

Intro:प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश में स्कूलों के निरीक्षण के लिए ऐप तो बना दी गई है लेकिन इस ऐप का इस्तेमाल का ही अधिकारी नहीं कर रहे हैं । अब इसे लेकर फटकार प्रधान शिक्षा सचिव ने शिक्षा विभाग को लगाई है । उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऐप को इस्तेमाल ना किए जाने की वजह भी पूछी। शिक्षा विभाग में खुद ही इस ऐप को तैयार किया है और अब शिक्षा विभाग के अधिकारी हैं इस ऐप का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं जिस पर नाराजगी प्रधान शिक्षा सचिव नहीं जताई है।


Body:बता दे की समग्र शिक्षा की ओर से स्कूलों के निरीक्षण के लिए शिक्षा साथी ऐप को तैयार किया गया है लेकिन इस ऐप को जांच अधिकारियों ने डाउनलोड ही नहीं किया है। हालांकि कई बीडीईओ इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन जो अधिकारी जांच के लिए स्कूलों में जाते हैं उन्होंने अभी तक इस ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है। इस ऐप के माध्यम से शिक्षा विभाग के इंस्पेक्शन टीम ने विभाग को स्कूलों पर जाकर अपडेट भेजनी थी। जिस स्कूल का निरीक्षण होना था उसकी पूरी अपडेट ऑनलाइन है इस ऐप के माध्यम से भेजी जानी हैं। अब प्रधान शिक्षा सचिव के.के पंत ने यह निर्देश शिक्षा विभाग को दिए है कि इस ऐप का इस्तेमाल करने को लेकर निर्देश अधिकारियों को जारी किए जाए जिससे कि ऐप को बनाने का उद्देश्य पूरा हो।


Conclusion:समग्र शिक्षा की ओर से तैयार की गई शिक्षा साथी ऐप का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था। इस ऐप के माध्यम से 3 हजार अधिकारियों को जोड़ा गया है जो प्रदेश के 15 हजार स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। ऐप के माध्यम से ही शिक्षा विभाग जहां स्कूलों के निरीक्षण पर नजर रखेगा तो वहीं यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हर वर्ष प्रदेश के हर स्कूल में दो बार निरीक्षण हुआ है या नहीं। शिक्षा साथी ऐप को ऑनलाइन मोड के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी रखा गया है ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में जहां नेटवर्क ना हो तो वहां भी इस ऐप का इस्तेमाल अधिकारी कर सकें। इसके साथ ही इसमें जीपीएस भी लिंक किया गया है जिसके माध्यम से निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी। इस ऐप को बनाने का उद्देश्य स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की पाठक की प्रक्रिया पर नजर रखना और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
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