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सुख का फैसला! रोजगार कार्यालय जाने का झंझट खत्म, अब घर बैठे ही करवा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

हिमाचल प्रदेश में अब बेरोजगार युवाओं को रोजगार कार्यलय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. अब युवा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे. इस फैसले से युवाओं के समय और पैसे दोनों की बचत होगी. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Employment Exchange
सांकेतिक तस्वीर.
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Published : Jun 19, 2023, 4:16 PM IST

शिमला: रोजगार कार्यालय में जाने का झंझट अब खत्म हो गया है. बेरोजगार युवा अब घर बैठे ही रोजगार कार्यालयों में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, यही नहीं रिन्यूल भी अब आनलाइन हो सकेगा, इसके लिए सरकार ने रोजगार कार्यालयों में ई-ईएमआईएस (रोजगार विनिमय प्रबंधन सूचना प्रणाली) शुरू किया है. इसके माध्यम से अब ये सभी सुविधाएं बेरोजगारों को मिलेगी. इससे अब रोजगार कार्यालयों की सभी सेवाएं घर पर ही मिलने लगेंगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने रोजगार कार्यालयों की उपलब्धता और दक्षता बढ़ाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन की प्रतिज्ञा के तहत कागज रहित प्रणाली लागू करने का बड़ा फैसला लिया है. सरकार का उद्देश्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है. इसके साथ ही जिस तरह नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रोजगार कार्यालयों के बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं, उसमें बदलाव लाते हुए उम्मीदवारों के लिए रोजगार कार्यालयों तक पहुंच सुगम बनाना है.

'समय और पैसे दोनों की होगी बजत': मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पहल के तहत, रोजगार चाहने वाले उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए व्यक्तिगत रूप से कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी. पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से बेरोजगार युवाओं, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों का इन कार्यालयों में जाने लिए होने वाले समय और पैसे दोनों की ही बचत होगी. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत युवा रोजगार कार्यालय में आए बिना स्वयं या लोकमित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. सभी आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रड और अपलोड किया जा सकेगा और रजिस्ट्रेशन का टोकन यानी प्रमाण ऑनलाइन डाउनलोड करने की भी सुविधा होगी.

'युवाओं को लगाने पड़ते थे रोजगार कार्यालयों के चक्कर': मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 50 सालों से रोजगार कार्यालयों में युवाओं को स्वयं जाने की जरूरत को समाप्त करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा अब एक अधिक सुविधाजनक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्थापित की जा रही है. पूर्व में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद भी युवाओं को अपने मूल दस्तावेजों के साथ रोजगार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने में प्रौद्योगिकी की क्षमता को न केवल पहचाना है बल्कि इसे तुरंत अपनाकर संस्थानों, कार्यालयों एवं प्रक्रियाओं में बदलाव लाने के लिए प्रभावी कदम भी उठाए हैं.

इसके तहत युवाओं के लिए सुगम बनाने के मद्देनजर श्रम और रोजगार विभाग ने ई-ईएमआईएस (रोजगार विनिमय प्रबंधन सूचना प्रणाली) के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है. यह सॉफ्टवेयर आवेदकों को बिना किसी वित्तीय परेशानी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में सक्षम बनाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की शुरूआत से नौकरी चाहने वालों के लिए पैसों के साथ-साथ समय की बचत भी सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रौद्योगिकी के उपयोग से रोजगार कार्यालयों को समावेशी बनाने, कार्यालयों में प्रक्रिया सम्बन्धी बाधाओं को कम करना और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को सुविधा प्रदान करना है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह प्रगतिशील बदलाव डिजिटाइजेशन की दिशा में एक ऐसा कदम है जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बदलने और सेवाओं तक आसानी से पहुंच बढ़ाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों की सुविधा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित आधुनिक तकनीक का लाभ उठाना और उन्हें घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्रतिबद्धता है.

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शिमला: रोजगार कार्यालय में जाने का झंझट अब खत्म हो गया है. बेरोजगार युवा अब घर बैठे ही रोजगार कार्यालयों में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, यही नहीं रिन्यूल भी अब आनलाइन हो सकेगा, इसके लिए सरकार ने रोजगार कार्यालयों में ई-ईएमआईएस (रोजगार विनिमय प्रबंधन सूचना प्रणाली) शुरू किया है. इसके माध्यम से अब ये सभी सुविधाएं बेरोजगारों को मिलेगी. इससे अब रोजगार कार्यालयों की सभी सेवाएं घर पर ही मिलने लगेंगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने रोजगार कार्यालयों की उपलब्धता और दक्षता बढ़ाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन की प्रतिज्ञा के तहत कागज रहित प्रणाली लागू करने का बड़ा फैसला लिया है. सरकार का उद्देश्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है. इसके साथ ही जिस तरह नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रोजगार कार्यालयों के बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं, उसमें बदलाव लाते हुए उम्मीदवारों के लिए रोजगार कार्यालयों तक पहुंच सुगम बनाना है.

'समय और पैसे दोनों की होगी बजत': मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पहल के तहत, रोजगार चाहने वाले उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए व्यक्तिगत रूप से कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी. पेपरलेस रजिस्ट्रेशन से बेरोजगार युवाओं, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों का इन कार्यालयों में जाने लिए होने वाले समय और पैसे दोनों की ही बचत होगी. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत युवा रोजगार कार्यालय में आए बिना स्वयं या लोकमित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. सभी आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रड और अपलोड किया जा सकेगा और रजिस्ट्रेशन का टोकन यानी प्रमाण ऑनलाइन डाउनलोड करने की भी सुविधा होगी.

'युवाओं को लगाने पड़ते थे रोजगार कार्यालयों के चक्कर': मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 50 सालों से रोजगार कार्यालयों में युवाओं को स्वयं जाने की जरूरत को समाप्त करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा अब एक अधिक सुविधाजनक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम स्थापित की जा रही है. पूर्व में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद भी युवाओं को अपने मूल दस्तावेजों के साथ रोजगार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने में प्रौद्योगिकी की क्षमता को न केवल पहचाना है बल्कि इसे तुरंत अपनाकर संस्थानों, कार्यालयों एवं प्रक्रियाओं में बदलाव लाने के लिए प्रभावी कदम भी उठाए हैं.

इसके तहत युवाओं के लिए सुगम बनाने के मद्देनजर श्रम और रोजगार विभाग ने ई-ईएमआईएस (रोजगार विनिमय प्रबंधन सूचना प्रणाली) के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है. यह सॉफ्टवेयर आवेदकों को बिना किसी वित्तीय परेशानी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में सक्षम बनाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की शुरूआत से नौकरी चाहने वालों के लिए पैसों के साथ-साथ समय की बचत भी सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रौद्योगिकी के उपयोग से रोजगार कार्यालयों को समावेशी बनाने, कार्यालयों में प्रक्रिया सम्बन्धी बाधाओं को कम करना और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को सुविधा प्रदान करना है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह प्रगतिशील बदलाव डिजिटाइजेशन की दिशा में एक ऐसा कदम है जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बदलने और सेवाओं तक आसानी से पहुंच बढ़ाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों की सुविधा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित आधुनिक तकनीक का लाभ उठाना और उन्हें घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्रतिबद्धता है.

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