शिमला: प्रदेश सरकार अब स्कूली छात्रों को वर्दियों के बदले पैसे देगी. राज्य के स्कूलों में 1 से 8वीं तक पढ़ने वाली सभी लड़कियों और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लड़कों को वर्दियों के बदले 600 रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से दिए जाएंगे. वर्दियों के लिए यह राशि इन स्टूडेंटस को अथवा उनकी माता के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी.
इसके तहत राज्य के करीब 3.70 लाख स्टूडेंटस कवर होंगे. अभी तक राज्य सरकार स्टूडेंट्स को वर्दियां दे रही हैं, लेकिन अब इसके बदले सरकार नगद राशि इन स्टूडेंट्स को देगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया. इसके अलावा कैबिनेट ने वन विभाग के इंजीनियरिंग स्टाफ का युक्तिकरण करने को भी मंजूरी दी है. जिसके तहत 26 कर्मचारियों को लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड और हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में समायोजित किया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने योल खास कंटोनमेंट बोर्ड से बाहर सिविल क्षेत्र के साथ लगती ग्राम पंचायतों रक्कड़, बाघनी, तंगोरटी खास और नरवाणा खास में सम्मिलित करने करने को भी मंजूरी दी है. वहीं, बैठक में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मंडी में क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद को पद भरने का भी फैसला लिया गया.
एक अप्रैल से बंद होगा NPS कंट्रीब्यूशन: बैठक में ओपीएस लागू करने की दिशा में भी निर्णायक कदम उठाया गया है. शुक्रवार को शिमला में हुई कैबिनेट बैठक में पहली अप्रैल से एनपीएस कंट्रीब्यूशन बंद करने का फैसला लिया गया. हालांकि, ओपीएस लागू करने से जुड़े सभी प्रावधान 17 मार्च को मुख्यमंत्री के बजट भाषण में सामने आएंगे. लेकिन, कैबिनेट बैठक में यह तय हो गया है कि अप्रैल 2023 से हिमाचल में ओपीएस लागू हो जाएगी. कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है कि जिन एनपीएस कर्मचारियों की रिटायरमेंट 15 मई 2003 के बाद हुई है, उनको भावी तिथि यानी प्रोस्पेक्टिव डेट से ओपीएस का लाभ दिया जाएगा. कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि अगर यदि कर्मचारी NPS में रहना चाहता है तो उसे अपनी सहमति देनी होगी.
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