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NAAC से मान्यता ना लेने वाले कॉलेजिस को एक और रिमाइंडर, मान्यता नहीं तो ग्रांट भी नहीं

जिन कॉलेजों ने नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है, शिक्षा विभाग की तरफ से उन कॉलेजों को नैक से मान्यता लेने का एक और रिमाइंडर दिया गया है.

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Published : Apr 11, 2019, 9:04 AM IST

नैक फाइल फोटो

शिमला: प्रदेश के जिन कॉलेजों ने नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है, शिक्षा विभाग की तरफ से उन कॉलेजों को नैक से मान्यता लेने का एक और रिमाइंडर दिया गया है. स्टेट हायर काउंसिल ने कॉलेजों के प्राचार्यों को नैक से निरीक्षण करवाने के निर्देश जारी किए हैं.

बता दें कि प्रदेश के 63 कॉलेज अपनी स्थापना के 6 साल पूरे होने के बाद भी नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड को पूरा ही नहीं कर पा रहे हैं. 30 कॉलेज ऐसे भी शामिल हैं, जो मापदंड तो पूरा कर रहे हैं, लेकिन इन्होंने किसी कारण की वजह से नैक से मान्यता नहीं ली है.

प्रदेश में कुल 129 कॉलेज हैं और 7 संस्कृत कॉलेज भी हैं. कुल 36 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता प्राप्त है. 30 ऐसे कॉलेज ऐसे हैं, जो नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र हैं, लेकिन मान्यता नहीं ले रहे हैं. अब इन कॉलेजों को नैक से जल्द से जल्द मान्यता लेने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

काउंसिल ने चिंता जताई है कि अगर कॉलेजों ने अभी भी नैक से मान्यता नहीं ली तो रूसा से मिलने वाली करोड़ों की ग्रांट रुक जाएगी. एमएचआरडी ने पहले ही ये स्पष्ट कर दिया है कि केवल उन्ही कॉलेजों को रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट जारी की जाएगी, जिन्हें नैक से मान्यता प्राप्त है. ऐसे में कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं वो इसी साल नैक से मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर लें, ताकि समय रहते नैक से मान्यता की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके.

प्रदेश के जिन 30 कॉलेजों ने नैक से मान्यता नहीं ली है, उनमें सुन्नी, शिलाई, नेरवा, चुवाड़ी, नगरोटा, भगंवा, नाहन, नूरपुर, हरिपुर, जयसिंहपुर, संगड़ाह, नौरा, राजगढ़, सुजानपुर टिहरा, आरकेएमवी, अर्की, द्रंग, धर्मपुर मंडी, इंदौरा, आनी हरिपुरधार, सलूणी, सिराज, भरमौर, कुकुमसेरी, थुरल, तीसा, सरकाघाट, जोगिन्दरनगर, बैजनाथ व पांगी कॉलेज शामिल हैं.

शिमला: प्रदेश के जिन कॉलेजों ने नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है, शिक्षा विभाग की तरफ से उन कॉलेजों को नैक से मान्यता लेने का एक और रिमाइंडर दिया गया है. स्टेट हायर काउंसिल ने कॉलेजों के प्राचार्यों को नैक से निरीक्षण करवाने के निर्देश जारी किए हैं.

बता दें कि प्रदेश के 63 कॉलेज अपनी स्थापना के 6 साल पूरे होने के बाद भी नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड को पूरा ही नहीं कर पा रहे हैं. 30 कॉलेज ऐसे भी शामिल हैं, जो मापदंड तो पूरा कर रहे हैं, लेकिन इन्होंने किसी कारण की वजह से नैक से मान्यता नहीं ली है.

प्रदेश में कुल 129 कॉलेज हैं और 7 संस्कृत कॉलेज भी हैं. कुल 36 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता प्राप्त है. 30 ऐसे कॉलेज ऐसे हैं, जो नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र हैं, लेकिन मान्यता नहीं ले रहे हैं. अब इन कॉलेजों को नैक से जल्द से जल्द मान्यता लेने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

काउंसिल ने चिंता जताई है कि अगर कॉलेजों ने अभी भी नैक से मान्यता नहीं ली तो रूसा से मिलने वाली करोड़ों की ग्रांट रुक जाएगी. एमएचआरडी ने पहले ही ये स्पष्ट कर दिया है कि केवल उन्ही कॉलेजों को रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट जारी की जाएगी, जिन्हें नैक से मान्यता प्राप्त है. ऐसे में कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं वो इसी साल नैक से मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर लें, ताकि समय रहते नैक से मान्यता की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके.

प्रदेश के जिन 30 कॉलेजों ने नैक से मान्यता नहीं ली है, उनमें सुन्नी, शिलाई, नेरवा, चुवाड़ी, नगरोटा, भगंवा, नाहन, नूरपुर, हरिपुर, जयसिंहपुर, संगड़ाह, नौरा, राजगढ़, सुजानपुर टिहरा, आरकेएमवी, अर्की, द्रंग, धर्मपुर मंडी, इंदौरा, आनी हरिपुरधार, सलूणी, सिराज, भरमौर, कुकुमसेरी, थुरल, तीसा, सरकाघाट, जोगिन्दरनगर, बैजनाथ व पांगी कॉलेज शामिल हैं.

Intro:प्रदेश के जिन कॉलेजों ने नैक से मान्यता लेने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है उन कॉलेजों को नैक से मान्यता लेने का एक ओर रिमाइंडर शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया है। स्टेट हायर काउंसिल ने इन कॉलेजों के प्रचार्यो को नैक से निरीक्षण करवाने के निर्देश जारी किए है। इन कॉलेजों के प्रचार्यो सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर काउंसिल के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने इन कॉलेज के प्रचार्यो से नैक से मान्यता लेने का कारण भी पूछा।


Body:बता दे कि प्रदेश के 63 कॉलेज अपनी स्थापना के 6 साल पूरे होने के बाद भी नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड पूरा ही नहीं कर पा रहे है। इसमें 30 कॉलेज ऐसे भी शामिल है जो मापदंड तो पूरा कर रहे है लेकिन इन्होंने किसी न किसी कारण के चलते नैक से मान्यता नहीं ली है। प्रदेश में कुल 129 कॉलेज है और ऐसी साथ ही 7 संस्कृत कॉलेज भी है। कॉलेजों के इस आंकड़े में से कुल 36 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता है। 30 ऐसे कॉलेज ऐसे है जो नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है लेकिन मान्यता नहीं ले रहे है। अब इन कॉलेजों को नैक से जल्द से जल्द मान्यता लेने के लिए निर्देश जारी किए गए है।


Conclusion:काउंसिल ने चिंता जताई है कि अगर कॉलेजों ने अभी भी नैक से मान्यता नहीं ली तो रूसा से मिलने वाली करोड़ों की ग्रांट रुक जाएगी ओर कॉलेजों के विकास कार्य भी नहीं हो पाएंगे। एमएचआरडी पहले ही यह सपष्ट कर चुका है कि केवल उन्ही कॉलेजों को रूसा के तहत मिलने वाली ग्रांट जारी की जाएगी जिन्हें नैक से मान्यता प्राप्त है। ऐसे में कॉलेजों को निर्देश दिए गए है वो इसी वर्ष नैक से मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन कर ले ताकि समय रहते नैक से मान्यता की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। प्रदेश के जिन 30 कॉलेजों ने नैक से मान्यता नहीं ली है उसमें सुन्नी,शिलाई,नेरवा,चुवाड़ी,नगरोटा भगंवा,नाहन,नूरपुर,हरिपुर,जयसिंहपुर,संगड़ाह,नौरा,राजगढ़,सुजानपुर टिहरा,आरकेएमवी,अर्की,द्रंग,धर्मपुर मंडी,इंदौरा,आनी हरिपुरधार,सलूणी,सिराज,भरमौर,कुकुमसेरी,थुरल,तीसा, सरकाघाट,जोगिन्दरनगर,बैजनाथ ओर पांगी कॉलेज शामिल है।
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