शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेशक कोरोना का ग्राफ गिरावट दर्ज करवा रहा है, लेकिन राज्य सरकार जरा भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है. राज्य सरकार के पास पर्यटन कारोबार से जुड़े सेक्टर का ये आग्रह आया था कि क्रिसमस और न्यू इयर ईव पर कुछ रियायत दी जाए, लेकिन सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती.
बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) व मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में न्यू इयर ईव (New Year Eve) पर काफी चहल-पहल होती है. इस दौरान हिमाचल के पर्यटन स्थलों में बहुत से सैलानी आते हैं. ऐसे में भीड़ के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा है.
राज्य सरकार के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी कहा है कि नवरात्रि व गुरू पर्व पर भी सीमित संख्या में श्रद्धालु आयोजनों में शामिल हुए हैं. शिमला सहित प्रदेश के अन्य चर्च के पादरी भी कह रहे हैं कि सूक्ष्म आयोजन ही किया जाएगा. विंटर पर्यटन सीजन (Winter Tourism Season) में हिमाचल में लाखों सैलानी आते हैं. खासकर शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, कुल्लू आदि में सैलानियों की संख्या काफी रहती है.
पर्यटन कारोबारी मांग कर रहे थे कि न्यू इयर ईव पर तो रात्रि कर्फ्यू में थोड़ी रियायत दी जाए
पर्यटन कारोबारी लगातार ये मांग कर रहे थे कि न्यू इयर ईव (New Year Eve) पर तो रात्रि कर्फ्यू में थोड़ी रियायत दी जाए, लेकिन सरकार ने पहले से लागू 5 जनवरी तक के नाइट कर्फ्यू में किसी भी तरह की छूट से इनकार किया है. शिमला व मनाली में वीकेंड पर पर्यटकों का जमावड़ा रहता है. शिमला में इस समय 65 फीसदी होटल सैलानियों से भरे हैं. यानी होटलों की ऑक्यूपैंसी 65 फीसदी है.
न्यू ईयर ईव पर सैलानी रात भर मस्ती करते हैं
कई सैलानी सिर्फ न्यू इयर ईव सेलीब्रेट करने के लिए शिमला व अन्य स्थलों पर आते हैं. पर्यटन कारोबारी भी चाहते थे कि न्यू इयर ईव पर छूट दी जाए. स्वास्थ्य विभाग ने भी सरकार को यही सलाह दी है कि किसी भी तरह की छूट देना घातक हो सकता है.
हिमाचल में बड़ी मुश्किल से एक्टिव केस की संख्या पांच हजार से नीचे आई है. यही नहीं, रिवकरी रेट भी अस्सी फीसदी से अधिक हो गई है. पिछले कुछ दिनों से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. यही कारण है कि सरकार अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.