शिमला: आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को गोपनीय सूचनाएं लीक करने के मामले में NIA ने आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी (nia arrests himachal pradesh cadre ips arvind digvijay negi ) को गिरफ्तार किया है. अरविंद दिग्विजय नेगी हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी हैं. नेगी पुलिस हेडक्वार्टर शिमला में तैनात थे. नेगी इससे पहले NIA में ही बतौर एसपी तैनात थे. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा तक महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचने के एक मामले की जांच के दौरान अरविंद दिग्विजय नेगी का नाम सामने आया था. हाल ही में एनआईए ने हिमाचल में नेगी और उनके करीबियों के 4 स्थानों पर छापेमारी भी की थी.
NIA के आधिकारिक प्रवक्ता (Official Spokesperson of NIA) ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को दस्तावेज सौंपने के आरोप में यह गिरफ्तारी की गई है. प्रवक्ता ने कहा कि 2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत एक पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल 6 नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.
यह मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क (lashkar e taiba secret information leak case) के प्रसार से संबंधित है. एनआईए ने इस आरोप में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शिमला में तैनात एडी नेगी, आईपीएस की भूमिका का सत्यापन किया गया और उनके घर की तलाशी ली गई. यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गुप्त दस्तावेज एडी नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा का ओजीडब्ल्यू है.
अरविंद दिग्विजय नेगी एक ईमानदार छवि के अधिकारी जाने जाते थे. वहीं, एनआईए में रहते हुए भी वह काफी सुर्खियों में रहे. जांच के तहत पिछले दिनों एनआईए ने उनके किन्नौर स्थित ठिकाने और सिरमौर में भी उनके एक करीबी के यहां छापेमारी की थी. इस सर्च रेड का कारण यह है कि उनका नाम जम्मू-कश्मीर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता से संवेदनशील सूचनाएं साझा करने से जुड़ा है.
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