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5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन, मरीजों की सुविधाओं के लिए 45 करोड़ होंगे खर्च

कैंसर अस्पताल में नए भवन पर 5.78 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. भवन के बनने से अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. कैंसर अस्पताल में अक्सर मरीजों को ठहरने की सुविधा नहीं मिल पाती थी.

5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन
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Published : May 21, 2019, 6:46 AM IST

शिमला: प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल में नए भवन पर 5.78 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. लोक निर्माण विभाग ने भवन को बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. यह भवन 5 मंजिला होगा, जिसमें मरीजों को ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी.

5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन

विभाग का दावा है कि ढेढ़ साल के अंदर इस भवन को मरीजों के लिए संर्पित किया जाएगा. यह भवन पुराने भवन के साथ ही पार्किंग की जगह पर बन रहा है. भवन के बनने से अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. कैंसर अस्पताल में अक्सर मरीजों को ठहरने की सुविधा नहीं मिल पाती थी.

1986 में बने इस कैंसर अस्पताल की हालत दनयनीय हो गई थी. ऐसे में यहां पर मरीजों को अपना उपचार करवाने में काफी दिक्कतें आती हैं. कैंसर पीड़ित मरीज को आईजीएमसी समय बिताते हैं. कैंसर अस्पताल में जगह का इतना अभाव है कि लोगों को बाहर फर्श पर भी सोने के लिए जगह नहीं मिलती है. ऐसे में नया भवन मिलने से मरीजों की मुश्किलें काफी हद तक कम होंगी.

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5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन

बता दें कि 1986 से लेकर अब तक पहली बार अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. भवन के साथ-साथ अस्पताल में मशनरी और अन्य चीजें भी स्थापित होनी है. भवन बनाने का कार्य 2012 से लटका हुआ था. पहले अस्पताल के पास जगह को लेकर विवाद चला हुआ था और बाद में भवन निर्माण को लेकर एनजीटी की तलवार लटक गई थी. ऐसे में भवन का कार्य 7 सालों से लंबित में पड़ा हुआ था. एनजीटी. की अनुमति मिलने के बाद अब भवन बनाने का कार्य पीडबल्यूडी को सौंपा गया है.

कैंसर अस्पताल प्रशासन 14 करोड़ रुपये की लागत से लिनीयर एक्सीलिटर मशीन स्थापित करेगा और जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगा, ये मशीन भवन में स्थापित कर दी जाएगी. मशीन स्थापित होने से कैंसर के मरीजों का आसानी से इलाज होगा. दरअसल मशीन स्थापित करने के लिए जगह का अभाव था और नया भवन बनने से जगह का अभाव खत्म हो जाएगा. ऐसे में हिमाचल के कैंसर पीड़ित मरीज अब पीजीआई रैफर नहीं किये जाएंगे.

लोगों का कहना है कि जब नया भवन बनकर तैयार होगा तो यहां पर बिस्तरों की संख्या भी बढ़नी चाहिए, ताकि मरीजों को ठहरने में कोई दिक्कतें न आए. कैंसर अस्पताल में मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन बिस्तरों की संख्या नहीं बढ़ी है. अस्पताल में मात्र 42 बिस्तर है, जिसमें 13 बिस्तर महिला मरीजों और 24 बिस्तर पुरूष मरीजों के लिए है. जबकि आपातकालीन वार्ड में 5 बिस्तर की सुविधा है. यहां ओपीडी में रोजाना 100 से 120 मरीज चैकप करवाने आते हैं, जिसमें से 10 से 15 को उपचार के लिए भर्ती कर दिया जाता है. ऐसे में मरीज बाहर बेंचों पर सोने को मजबूर होते हैं.

कैंसर विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि भवन बनाने का कार्य पीडबल्यूडी को सौंपा गया है. इसी भवन में लिनीयर एक्सीलिटर मशीन भी स्थापित होगी. प्रदेश मरीजों को इलाज के लिए अब दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी. अस्पताल प्रशासन की ओर से ये मरीजों को हर सुविधा देने की कोशिश की जाएगी.

शिमला: प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल में नए भवन पर 5.78 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. लोक निर्माण विभाग ने भवन को बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. यह भवन 5 मंजिला होगा, जिसमें मरीजों को ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी.

5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन

विभाग का दावा है कि ढेढ़ साल के अंदर इस भवन को मरीजों के लिए संर्पित किया जाएगा. यह भवन पुराने भवन के साथ ही पार्किंग की जगह पर बन रहा है. भवन के बनने से अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी. कैंसर अस्पताल में अक्सर मरीजों को ठहरने की सुविधा नहीं मिल पाती थी.

1986 में बने इस कैंसर अस्पताल की हालत दनयनीय हो गई थी. ऐसे में यहां पर मरीजों को अपना उपचार करवाने में काफी दिक्कतें आती हैं. कैंसर पीड़ित मरीज को आईजीएमसी समय बिताते हैं. कैंसर अस्पताल में जगह का इतना अभाव है कि लोगों को बाहर फर्श पर भी सोने के लिए जगह नहीं मिलती है. ऐसे में नया भवन मिलने से मरीजों की मुश्किलें काफी हद तक कम होंगी.

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5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल का नया भवन

बता दें कि 1986 से लेकर अब तक पहली बार अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. भवन के साथ-साथ अस्पताल में मशनरी और अन्य चीजें भी स्थापित होनी है. भवन बनाने का कार्य 2012 से लटका हुआ था. पहले अस्पताल के पास जगह को लेकर विवाद चला हुआ था और बाद में भवन निर्माण को लेकर एनजीटी की तलवार लटक गई थी. ऐसे में भवन का कार्य 7 सालों से लंबित में पड़ा हुआ था. एनजीटी. की अनुमति मिलने के बाद अब भवन बनाने का कार्य पीडबल्यूडी को सौंपा गया है.

कैंसर अस्पताल प्रशासन 14 करोड़ रुपये की लागत से लिनीयर एक्सीलिटर मशीन स्थापित करेगा और जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगा, ये मशीन भवन में स्थापित कर दी जाएगी. मशीन स्थापित होने से कैंसर के मरीजों का आसानी से इलाज होगा. दरअसल मशीन स्थापित करने के लिए जगह का अभाव था और नया भवन बनने से जगह का अभाव खत्म हो जाएगा. ऐसे में हिमाचल के कैंसर पीड़ित मरीज अब पीजीआई रैफर नहीं किये जाएंगे.

लोगों का कहना है कि जब नया भवन बनकर तैयार होगा तो यहां पर बिस्तरों की संख्या भी बढ़नी चाहिए, ताकि मरीजों को ठहरने में कोई दिक्कतें न आए. कैंसर अस्पताल में मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन बिस्तरों की संख्या नहीं बढ़ी है. अस्पताल में मात्र 42 बिस्तर है, जिसमें 13 बिस्तर महिला मरीजों और 24 बिस्तर पुरूष मरीजों के लिए है. जबकि आपातकालीन वार्ड में 5 बिस्तर की सुविधा है. यहां ओपीडी में रोजाना 100 से 120 मरीज चैकप करवाने आते हैं, जिसमें से 10 से 15 को उपचार के लिए भर्ती कर दिया जाता है. ऐसे में मरीज बाहर बेंचों पर सोने को मजबूर होते हैं.

कैंसर विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि भवन बनाने का कार्य पीडबल्यूडी को सौंपा गया है. इसी भवन में लिनीयर एक्सीलिटर मशीन भी स्थापित होगी. प्रदेश मरीजों को इलाज के लिए अब दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी. अस्पताल प्रशासन की ओर से ये मरीजों को हर सुविधा देने की कोशिश की जाएगी.

Intro:5.78 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल में नया भवन

लोक निर्माण विभाग ने भवन बनाने का कार्य किया शुरू

ढेड साल में भवन का कार्य पूरा करने का है लक्ष्य

5 मंजिला बनेगा यह भवन

प्रदेश के कैंसर पीडि़त मरीजों को मिलेगी राहत

शिमला .

प्रदेश के एकमात्र कैंसर अस्पताल में नए भवन पर 5.78 करोड़  रूपए खर्च किया जाएगा। भवन को बनाने का कार्य लोक निर्माण विभाग ने शुरू कर दिया है। यह भवन 5 मंजिला होगा। जिसमें मरीजों को ठहरने की व्यवस्था सहित मशीनरी आदि स्थापित होगी।


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भवन को बनाने का लक्ष्य ढेड साल रखा गया है, विभाग का दावा है कि ढेड साल के अंदर इस भवन को मरीजों के लिए संर्पित किया जाएगा। कैंसर अस्पताल में यह भवन पुराने भवन के साथ ही पार्किंग की जगह पर बन रहा है। इस भवन के बनने से अब प्रदेश के कैंसर पीडि़त मरीजों को काफी राहत मिलेंगी। कैंसर अस्पताल में अक्सर देखा जाता था कि यहां पर मरीजों को ठहरने तक की उचित सुविधा नहीं मिल पाती थी। जैसे ही यह भवन बनकर तैयार होगा  तो मरीजों को ठहरने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आएगी। बताया जा रहा है कि यहां पर एक पेड़ भी पहले ही काट दिया गया है। अब भवन बनाने के लिए पेड़ भी नहीं कटेेंगे। ऐसे में भवन जल्द ही भवन बनकर तैयार होगा।  1986 में बने इस कैंसर अस्पताल की हालत दनयनीय हो गई थी। ऐसे में यहां पर मरीजों को अपना उपचार करवाने में काफी दिक्कतें आती है। कैंसर पीडि़त मरीजों को आई.जी.एम.सी. में दिन व राते गुजारते है। कैंसर अस्पताल में जगह का इतना अभाव है कि लोगों को बाहर फर्श पर भी सोने के लिए जगह नहीं मिलती है। नया भवन मिलने से मरीजों को इस अस्पताल में काफ सुवधिा मिलेंगी। जब से यह अस्पताल खुला है तब से लेकर पहली बार मरीजों की सुविधाओं के लिए 45 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे है। भवन के साथ साथ यहां पर मशनरी और अन्य चीजें भी स्थापित होनी है। भवन बनाने को लेकर यह कार्य 2012 से लटका हुआ था। पहले अस्पताल के पास जगह को लेकर विवाद चला हुआ था बाद में एच.जी.टी. की तलवार लटक गई थी। ऐसे में भवन का कार्य 7 सालों से लंबित में पड़ा हुआ था। एन.जी.टी. की अनुमति मिलने के बाद अब भवन बनाने का कार्य पी.डबल्यू.डी. को सौंपा गया है। अब पी.डबल्यू.डी. विभाग इससे जल्द बनाकर तैयार करेंगा।

 

14 करोड़ रूपए लगेगी लिनियर एक्सीलिटर मशीन

कैंसर अस्पताल प्रशासन 14 करोड़ रूपए की लागत से लिनीयर एक्सीलिटर मशीन स्थापित करेंगा। यह मशीन जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगाउसी भवन में स्थापित की जाएगी। मशीन स्थापित होने से कैंसर के मरीजों का आसानी से इलाज होगा। भवन न बनने को लेकर यह मशीन भी स्थापित नहीं हो पा रही थी। मशीन के लिए जगह का अभाव था ऐसे में प्रशासन ने निर्णय लिया था कि जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगा तुरंत मशीन को स्थापित की जाएगी। मशीन  स्थापित न होने से मरीजों को पी.जी.आई. रैफर किया जाता है, लेकिन हिमाचल के कैंसर पीडि़त मरीज अब पी.जी.आई. रैफर नहीं होगे।

 

नए भवन बनने पर बढ़ाई जाए बिस्तरों की संखया

लोगों का कहना है कि जब नया भवन बनकर तैयार होगा तो यहां पर बिस्तरों की संखया भी बढऩी चाहिए। ताकि मरीजों को ठहरने में कोई दिक्कतें न आए। कैंसर अस्पताल में मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन बिस्तरों की संख्या नहीं बढ़ी है। अस्पताल में मात्र 42 बिस्तर है, जिसमें 13 बिस्तर महिला मरीजों और 24 बिस्तर पुरूष मरीजों के लिए है। जबकि आपातकालीन में 5 बिस्तर की सुविधा है। यहां ओ.पी.डी. में रोजाना 100 से 120 मरीज चैकप करवाने आते है, जिसमें से 10 से 15 को उपचार के लिए भर्ती कर दिया जाता है। इस स्थिति में साफ  अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजाना बढऩे वाली मरीजों की संख्या पर मात्र 42 बिस्तर कहां तक पुरे होते होगें। आलम तो यह है कि मरीज अस्पताल के बाहर बेंचों पर ही रहने को मजबूर है।



Conclusion:
 

भवन बनाने का कार्य पी.डबल्यू.डी. को सौंपा गया है। इसी भवन में लिनीयर एक्सीलिटर मशीन भी स्थापित होगी। प्रदेश मरीजों को इलाज के लिए अब दर दर की ठोकरे नहीं खानी पड़ेगी। कोशिश की जाएगी की मरीजों को अस्पताल में पूरी सुविधा मिले।

-डॉ. मनीष, विभागयाध्यक्ष कैंसर अस्पताल शिमला।

 

कैंसर में बन रहे नए भवन का कार्य शुरू हो गया है। जल्द ही यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा। हमारी तरफ से पूरी कोशिश रहेंगी कि बनकर का कार्य शीघ्र पूरा हो।

-बलदेव ठाकुर, एस.डी.ओ. लोकनिर्माण विभाग।



 

 


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