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World Diabetes Day: हिमाचल में क्यों बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज? पड़ोसी राज्यों से ज्यादा बुरी हालत - HIMACHAL DIABETES PATIENTS NUMBER

हिमाचल प्रदेश में डायबिटीज मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हिमाचल की स्थिति पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से भी ज्यादा खराब है.

World Diabetes Day 2024
वर्ल्ड डायबिटीज डे 2024 (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 2:28 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मधुमेह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से भी ज्यादा हालत हिमाचल प्रदेश में खराब है. इसका कारण खराब खान पान व दिनचर्या है. द राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर-इंडियाब क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है. इस अध्ययन परियोजना में आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा प्रधान अन्वेषक रहे हैं.

हिमाचल में डायबिटीज के मरीज

इस अध्ययन के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 100 लोगों में से 13.5 फीसदी लोग डायबिटीज की चपेट में है. 18.7 फीसदी प्री डायबिटिक हैं. इसी अनुपात के अनुसार हरियाणा में 12.4 फीसदी लोगों को डायबिटीज और 18.2 फीसदी प्री-डायबिटिक हैं. पंजाब में 12.7 फीसदी लोगों में डायबिटीज और 8.7 फीसदी प्री-डायबिटिक हैं. उत्तराखंड में 11.1 फीसदी लोगों को डायबिटीज है और 13.4 प्री-डायबिटिक हैं. हिमाचल प्रदेश में 35.5 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी है. 38.7 फीसदी लोगों में सामान्य मोटापा है. हरियाणा की बात करें तो 31.1 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन और 39.6 फीसदी लोगों में मोटापा है. पंजाब में 51.8 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन और 43.8 फीसदी लोगों में मोटापा है. इसी तरह से उत्तराखंड में 38.4 फीसदी लोगों को हाइपरटेंशन है और 43.8 प्रतिशत लोगों में मोटापे की समस्या है.

राज्य डायबिटीज के मरीज (प्रतिशत में)प्री-डायबिटिक मरीज (प्रतिशत में)
हिमाचल13.518.7
हरियाणा12.4 18.2
पंजाब12.78.7
उत्तराखंड11.113.4

क्यों बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा ?

डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा ने बताया, "वर्ष 1995 तक मधुमेह के काफी कम मामले होते थे. घर में तकनीक के आ जाने के बाद लोग अब कामकाज नहीं कर रहे हैं. श्रमिकों का स्थान मशीनों ने ले लिया है. खानपान सही नहीं है और न ही उचित समय पर किया जाता है. आज की दुनिया में इतनी व्यस्तता हो गई है कि सुबह का नाश्ता और लंच के अलावा डिनर ज्यादा मात्रा में हो रहा है. जबकि, ब्रेकफास्ट सबसे हैवी होना चाहिए. उसके बाद लंच और डिनर कम मात्रा में सात या आठ बजे से पहले होना चाहिए. तनाव भी इसका एक कारण है. हिमाचल सहित पूरे भारत की आनुवंशिकता भी डायबिटीज को बढ़ावा देती है. हाइपरटेंशन और मोटापे के लिए भी यह एक कारण है."

विश्व मधुमेह दिवस

हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस यानी वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में भी मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करना है. भारत में भी मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी मधुमेह का खतरा बढ़ता जा रहा है. स्पेशलिस्ट डॉक्टर इसका कारण शहरी क्षेत्रों में शारीरिक कसरत कम और खानपान सही न होना बताते हैं. स्पेशलिस्ट डॉक्टर का कहना है कि अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो लोग इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं.

छोटे बच्चों में भी फैल रही डायबिटीज

हिमाचल प्रदेश में छोटे बच्चों में भी तेजी से डायबिटीज फैल रहा है. बच्चों में टाइप-1 प्रकार की डायबिटीज पाई जाती है, लेकिन टाइप-2 प्रकार की डायबिटीज, जिसमें मोटापा होता है, वो भी अधिक तेजी से फैल रहा है.

डायबिटीज के लक्षण

  • बार-बार पेशाब करने जाना
  • वजन कम होना
  • फोड़े-फुंसी अधिक होना
  • प्यास ज्यादा लगना
  • थकान
  • चक्कर आना
  • भूख ज्यादा लगना
  • घाव का जल्दी से न भरना
  • संक्रमण या स्किन की समस्या

कैसे करें बचाव ?

  • डायबिटीज की बीमारी से बचने के लिए पौष्टिक आहार खाना चाहिए.
  • सुबह उठकर वॉक पर जाना चाहिए.
  • नियमित दवाई खाएं. इससे मरीज लंबी जिंदगी आराम से जी सकता है.
ये भी पढ़ें: शरीर में किस विटामिन की कमी से हो सकता है डायबिटीज, जानें क्या कहते है विशेषज्ञ

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मधुमेह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से भी ज्यादा हालत हिमाचल प्रदेश में खराब है. इसका कारण खराब खान पान व दिनचर्या है. द राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर-इंडियाब क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है. इस अध्ययन परियोजना में आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा प्रधान अन्वेषक रहे हैं.

हिमाचल में डायबिटीज के मरीज

इस अध्ययन के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 100 लोगों में से 13.5 फीसदी लोग डायबिटीज की चपेट में है. 18.7 फीसदी प्री डायबिटिक हैं. इसी अनुपात के अनुसार हरियाणा में 12.4 फीसदी लोगों को डायबिटीज और 18.2 फीसदी प्री-डायबिटिक हैं. पंजाब में 12.7 फीसदी लोगों में डायबिटीज और 8.7 फीसदी प्री-डायबिटिक हैं. उत्तराखंड में 11.1 फीसदी लोगों को डायबिटीज है और 13.4 प्री-डायबिटिक हैं. हिमाचल प्रदेश में 35.5 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी है. 38.7 फीसदी लोगों में सामान्य मोटापा है. हरियाणा की बात करें तो 31.1 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन और 39.6 फीसदी लोगों में मोटापा है. पंजाब में 51.8 फीसदी लोगों में हाइपरटेंशन और 43.8 फीसदी लोगों में मोटापा है. इसी तरह से उत्तराखंड में 38.4 फीसदी लोगों को हाइपरटेंशन है और 43.8 प्रतिशत लोगों में मोटापे की समस्या है.

राज्य डायबिटीज के मरीज (प्रतिशत में)प्री-डायबिटिक मरीज (प्रतिशत में)
हिमाचल13.518.7
हरियाणा12.4 18.2
पंजाब12.78.7
उत्तराखंड11.113.4

क्यों बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा ?

डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा ने बताया, "वर्ष 1995 तक मधुमेह के काफी कम मामले होते थे. घर में तकनीक के आ जाने के बाद लोग अब कामकाज नहीं कर रहे हैं. श्रमिकों का स्थान मशीनों ने ले लिया है. खानपान सही नहीं है और न ही उचित समय पर किया जाता है. आज की दुनिया में इतनी व्यस्तता हो गई है कि सुबह का नाश्ता और लंच के अलावा डिनर ज्यादा मात्रा में हो रहा है. जबकि, ब्रेकफास्ट सबसे हैवी होना चाहिए. उसके बाद लंच और डिनर कम मात्रा में सात या आठ बजे से पहले होना चाहिए. तनाव भी इसका एक कारण है. हिमाचल सहित पूरे भारत की आनुवंशिकता भी डायबिटीज को बढ़ावा देती है. हाइपरटेंशन और मोटापे के लिए भी यह एक कारण है."

विश्व मधुमेह दिवस

हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस यानी वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में भी मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करना है. भारत में भी मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी मधुमेह का खतरा बढ़ता जा रहा है. स्पेशलिस्ट डॉक्टर इसका कारण शहरी क्षेत्रों में शारीरिक कसरत कम और खानपान सही न होना बताते हैं. स्पेशलिस्ट डॉक्टर का कहना है कि अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो लोग इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं.

छोटे बच्चों में भी फैल रही डायबिटीज

हिमाचल प्रदेश में छोटे बच्चों में भी तेजी से डायबिटीज फैल रहा है. बच्चों में टाइप-1 प्रकार की डायबिटीज पाई जाती है, लेकिन टाइप-2 प्रकार की डायबिटीज, जिसमें मोटापा होता है, वो भी अधिक तेजी से फैल रहा है.

डायबिटीज के लक्षण

  • बार-बार पेशाब करने जाना
  • वजन कम होना
  • फोड़े-फुंसी अधिक होना
  • प्यास ज्यादा लगना
  • थकान
  • चक्कर आना
  • भूख ज्यादा लगना
  • घाव का जल्दी से न भरना
  • संक्रमण या स्किन की समस्या

कैसे करें बचाव ?

  • डायबिटीज की बीमारी से बचने के लिए पौष्टिक आहार खाना चाहिए.
  • सुबह उठकर वॉक पर जाना चाहिए.
  • नियमित दवाई खाएं. इससे मरीज लंबी जिंदगी आराम से जी सकता है.
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