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Shimla Suicide Case: पति-पत्नी का झगड़ा बना मौत की वजह, नेपाली मूल की महिला ने की आत्महत्या

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामले में नेपाली मूल की एक महिला ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. शिमला पुलिस की प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पति-पत्नी का झगड़ा बताया जा रहा है. (Shimla Suicide Case) (Shimla Crime News)

Shimla Suicide Case
शिमला आत्महत्या मामला
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 2:23 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में बीते कुछ समय से सुसाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामले में राजधानी शिमला में पति-पत्नी के आपसी झगड़े में पत्नी ने आत्महत्या कर ली है. मामले में शिमला पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और तफ्तीश शुरू कर दी है. शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने आईजीएमसी शिमला भेज दिया है.

नेपाली मूल की थी महिला: शिमला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतका की पहचान नेपाली मूल की महिला, मीना देवी (उम्र 50 साल) पत्नी बीरू के रूप में हुई है. दंपति काफी लंबे समय से भराड़ी के पगोग पंचायत में रह रहा था. बताया जा रहा है कि बुधवार को पती-पत्नी के बीच झगड़े हुआ था. जिसके बाद महिला ने ढारा कनैणा के जंगल में जाकर आत्महत्या कर ली. शिमला पुलिस ने बताया कि मीना देवी का पति बीरू भी मानसिक रूप से परेशान रहता है.

गुरुवार सुबह मिला शव: स्थानीय लोगों का कहना है कि इन पति-पत्नी के बीच में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे. बीते रोज भी इनके बीच में झगड़ा हुआ था. जिसके बाद बीती शाम 5 बजे से मीना देवी लापता थी. गुरुवार सुबह के समय स्थानीय लोगों ने पाया की मीना देवी ने आत्महत्या कर ली है और मामले की सूचना शिमला पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया. मामले की पुष्टि एसपी शिमला संजीव गांधी ने की है.

क्यों करते हैं आत्महत्या: मनोचिकित्सक की मानें तो आत्महत्या के कई कारण हो सकते हैं. इनमें मानसिक तनाव, दबाव कई कारण हैं. जिसके चलते लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं. मनोचिकित्सक के अनुसार, जो लोग आत्महत्या करते हैं, उनमें कुछ दिन पहले ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जैसे की बात कम करना, चिड़चिड़ापन होना, नींद कम या बहुत ज्यादा सोना, भूख में कमी, सबसे अलग-थलग रहना या अवसाद में जाना इत्यादी. ऐसे में परिवार और दोस्तों को चाहिए की व्यक्ति को अधिक से अधिक समय दें और डॉक्टर के पास जाकर समय पर इलाज व काउंसलिंग करवाएं.

आत्महत्या के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया: एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि आत्महत्या के मामले में पुलिस 174 के तहत केस दर्ज करती है. उसके बाद यदि परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या में किसी तरह के शक की आशंका जताता है, तब अन्य पहलुओं से भी जांच की जाती है. बहुत से मामलों में यह भी सामने आता है कि किसी के दबाव के चलते आत्महत्या की गई है. जिसके बाद मामले में पुलिस हर एंगल से जांच करती है.

ये भी पढे़ं: मानसिक दबाव के कारण 4 महीने में 151 लोग जहर खाकर पहुंचे IGMC, 28 बच्चे भी शामिल

ये भी पढे़ं: शिमला में मशहूर होम्योपैथी डॉक्टर सुरेंद्र ने की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

शिमला: राजधानी शिमला में बीते कुछ समय से सुसाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामले में राजधानी शिमला में पति-पत्नी के आपसी झगड़े में पत्नी ने आत्महत्या कर ली है. मामले में शिमला पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और तफ्तीश शुरू कर दी है. शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने आईजीएमसी शिमला भेज दिया है.

नेपाली मूल की थी महिला: शिमला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतका की पहचान नेपाली मूल की महिला, मीना देवी (उम्र 50 साल) पत्नी बीरू के रूप में हुई है. दंपति काफी लंबे समय से भराड़ी के पगोग पंचायत में रह रहा था. बताया जा रहा है कि बुधवार को पती-पत्नी के बीच झगड़े हुआ था. जिसके बाद महिला ने ढारा कनैणा के जंगल में जाकर आत्महत्या कर ली. शिमला पुलिस ने बताया कि मीना देवी का पति बीरू भी मानसिक रूप से परेशान रहता है.

गुरुवार सुबह मिला शव: स्थानीय लोगों का कहना है कि इन पति-पत्नी के बीच में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते थे. बीते रोज भी इनके बीच में झगड़ा हुआ था. जिसके बाद बीती शाम 5 बजे से मीना देवी लापता थी. गुरुवार सुबह के समय स्थानीय लोगों ने पाया की मीना देवी ने आत्महत्या कर ली है और मामले की सूचना शिमला पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया. मामले की पुष्टि एसपी शिमला संजीव गांधी ने की है.

क्यों करते हैं आत्महत्या: मनोचिकित्सक की मानें तो आत्महत्या के कई कारण हो सकते हैं. इनमें मानसिक तनाव, दबाव कई कारण हैं. जिसके चलते लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं. मनोचिकित्सक के अनुसार, जो लोग आत्महत्या करते हैं, उनमें कुछ दिन पहले ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जैसे की बात कम करना, चिड़चिड़ापन होना, नींद कम या बहुत ज्यादा सोना, भूख में कमी, सबसे अलग-थलग रहना या अवसाद में जाना इत्यादी. ऐसे में परिवार और दोस्तों को चाहिए की व्यक्ति को अधिक से अधिक समय दें और डॉक्टर के पास जाकर समय पर इलाज व काउंसलिंग करवाएं.

आत्महत्या के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया: एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि आत्महत्या के मामले में पुलिस 174 के तहत केस दर्ज करती है. उसके बाद यदि परिवार का कोई सदस्य आत्महत्या में किसी तरह के शक की आशंका जताता है, तब अन्य पहलुओं से भी जांच की जाती है. बहुत से मामलों में यह भी सामने आता है कि किसी के दबाव के चलते आत्महत्या की गई है. जिसके बाद मामले में पुलिस हर एंगल से जांच करती है.

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