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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर बुनकरों ने उद्योग मंत्री को सुनाया अपना दुख, राहत पैकेज की मांग - shimla today news

राष्ट्रीय हाथकरघा और बुनकर दिवस पर शिमला के गेयटी थिएटर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पिछले कुछ दिनों से बुनकरों के लिए आयोजित स्टॉल और प्रदर्शनी का भी उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह (Industries Minister Bikram Singh) और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने दौर किया. इस मौके पर बुनकरों द्वारा तैयार हिमाचली परिधानों पर आधारित एक फैशन शो का आयोजन भी किया गया. उद्योग मंत्री ने बुनकरों को समस्या के साधन का आश्वासन दिया और बुनकर महिलाओं के स्वंय सहायता समूह को सम्मानित भी किया.

National Handloom Day organized at Gaiety Theater Shimla
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Published : Aug 7, 2021, 6:00 PM IST

शिमला: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. हथकरघा कारीगरों (Handloom artisan) और बुनकरों को सम्मानित भी किया जा रहा है, लेकिन उनकी मूल समस्याओं का किसी के पास कोई समाधान नहीं है. राष्ट्रीय हाथकरघा और बुनकर दिवस पर शिमला के गेयटी थिएटर (Gaiety Theater in Shimla) में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पिछले कुछ दिनों से बुनकरों के लिए आयोजित स्टॉल और प्रदर्शनी का भी उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने दौर किया.

इस मौके पर जब उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह (Industries Minister Bikram Singh) ने स्टॉल पर बुनकरों से बात की तो बुनकरों का दर्द सामने आ गया. बुनकरों ने बताया कि उन पर कर्ज का भारी बोझ आ गया है मॉल बिक नहीं रहा और ना ही बाजार मिल रहा. इसलिए उन्हें विशेष पैकेज दिया जाए. उद्योग मंत्री ने बुनकरों को समस्या के साधन का आश्वासन दिया और बुनकर महिलाओं के स्वंय सहायता समूह को सम्मानित भी किया. इस मौके पर बुनकरों द्वारा तैयार हिमाचली परिधानों पर आधारित एक फैशन शो का आयोजन भी किया गया.

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स्टॉल पर मौजूद व्यक्ति ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह कुल्लू जिला के दूर दराज क्षेत्र से रहने वाला है. बुनकर का काम पारंपरिक है. जब छोटी उम्र में ही काम सीखा था उस वक्त भी बाजार का आभाव था, लेकिन उस वक्त घरेलू बाजार में मांग कुछ ठीक थी भले ही दाम कम मिलते थे. अब स्थिति और खराब हो गई है, कोरोना महामारी के कारण भी असर पड़ा है.

पिछले दो साल से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण स्टॉल नहीं लगा पा रहे थे. कोरोना के कारण इस स्टॉल में भी खरीददार अधिक नहीं मिल रहे. हम लोगों ने दो साल पहले कर्ज लिया था. अब सामान तो तैयार कर दिया, लेकिन बेच नहीं पाए. बैंक का ब्याज बढ़ता जा रहा है. हमने सरकार से मांग की है ताकि बैंक का ब्याज माफ हो सके.

एक अन्य बुनकर जो कि किन्नौर से शिमला सरकार के बुलावे पर स्टॉल लगाने आया था. उसने बताया कि आने जाने का किराया और यहां दिहाड़ी तो सरकार दे रही है, लेकिन सामान के खरीददार कम हैं शायद कोरोना का असर है. सामान तैयार करने के लिए कच्चे माल की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं. जिसके कारण तैयार सामान भी महंगा होता जा रहा है. ऐसे में सरकार से निवेदन है कि जिस प्रकार अन्य लघु उद्योगों को राहत पैकेज घोषित किया है उसी प्रकार बुनकरों को भी राहत दी जाए.

प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के लिए एमओयू पर बुनकरों का मानना है कि अभी इसका कोई अनुभव नहीं है कितना लाभ होगा, लेकिन अभी तक ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर देखा कि बुनकरों द्वारा तैयार समान काफी सस्ता मिल रहा है. अब वो सामान कैसे इतना सस्ता है यह समझ नहीं आ रहा. क्योंकि हम जो समान तैयार करते हैं उसमें कोई मिलावट नहीं होती शायद इसलिए तो थोड़ा महंगा तैयार होता है. हकीकत तभी पता चलेगी जब इसका प्रयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें- कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए भाजपा ने शुरू किया स्वास्थ्य स्वयंसेवक अभियान

शिमला: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. हथकरघा कारीगरों (Handloom artisan) और बुनकरों को सम्मानित भी किया जा रहा है, लेकिन उनकी मूल समस्याओं का किसी के पास कोई समाधान नहीं है. राष्ट्रीय हाथकरघा और बुनकर दिवस पर शिमला के गेयटी थिएटर (Gaiety Theater in Shimla) में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पिछले कुछ दिनों से बुनकरों के लिए आयोजित स्टॉल और प्रदर्शनी का भी उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने दौर किया.

इस मौके पर जब उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह (Industries Minister Bikram Singh) ने स्टॉल पर बुनकरों से बात की तो बुनकरों का दर्द सामने आ गया. बुनकरों ने बताया कि उन पर कर्ज का भारी बोझ आ गया है मॉल बिक नहीं रहा और ना ही बाजार मिल रहा. इसलिए उन्हें विशेष पैकेज दिया जाए. उद्योग मंत्री ने बुनकरों को समस्या के साधन का आश्वासन दिया और बुनकर महिलाओं के स्वंय सहायता समूह को सम्मानित भी किया. इस मौके पर बुनकरों द्वारा तैयार हिमाचली परिधानों पर आधारित एक फैशन शो का आयोजन भी किया गया.

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स्टॉल पर मौजूद व्यक्ति ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वह कुल्लू जिला के दूर दराज क्षेत्र से रहने वाला है. बुनकर का काम पारंपरिक है. जब छोटी उम्र में ही काम सीखा था उस वक्त भी बाजार का आभाव था, लेकिन उस वक्त घरेलू बाजार में मांग कुछ ठीक थी भले ही दाम कम मिलते थे. अब स्थिति और खराब हो गई है, कोरोना महामारी के कारण भी असर पड़ा है.

पिछले दो साल से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण स्टॉल नहीं लगा पा रहे थे. कोरोना के कारण इस स्टॉल में भी खरीददार अधिक नहीं मिल रहे. हम लोगों ने दो साल पहले कर्ज लिया था. अब सामान तो तैयार कर दिया, लेकिन बेच नहीं पाए. बैंक का ब्याज बढ़ता जा रहा है. हमने सरकार से मांग की है ताकि बैंक का ब्याज माफ हो सके.

एक अन्य बुनकर जो कि किन्नौर से शिमला सरकार के बुलावे पर स्टॉल लगाने आया था. उसने बताया कि आने जाने का किराया और यहां दिहाड़ी तो सरकार दे रही है, लेकिन सामान के खरीददार कम हैं शायद कोरोना का असर है. सामान तैयार करने के लिए कच्चे माल की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं. जिसके कारण तैयार सामान भी महंगा होता जा रहा है. ऐसे में सरकार से निवेदन है कि जिस प्रकार अन्य लघु उद्योगों को राहत पैकेज घोषित किया है उसी प्रकार बुनकरों को भी राहत दी जाए.

प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के लिए एमओयू पर बुनकरों का मानना है कि अभी इसका कोई अनुभव नहीं है कितना लाभ होगा, लेकिन अभी तक ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर देखा कि बुनकरों द्वारा तैयार समान काफी सस्ता मिल रहा है. अब वो सामान कैसे इतना सस्ता है यह समझ नहीं आ रहा. क्योंकि हम जो समान तैयार करते हैं उसमें कोई मिलावट नहीं होती शायद इसलिए तो थोड़ा महंगा तैयार होता है. हकीकत तभी पता चलेगी जब इसका प्रयोग करेंगे.

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