शिमला: नई शिक्षा नीति को लागू करने में प्रदेश सरकार काफी कुछ कर चुकी है. आगामी सत्र से काफी हद तक नई शिक्षा नीति के नियम लागू कर दिए जाएंगे. बाकी नियमों को उससे आगे वाले सत्र लागू किया जा सकेगा. 26 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में भी शिक्षा नीति से संबंधित कुछ मुद्दों को सदन में रखा जा सकता है.
सब कमेटियों की रिपोर्ट के बाद इम्प्लीमेंटेशन प्रक्रिया होगी शुरू
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के लिए कमेटियां और सब कमेटियां बनाई गई हैं. कमेटियों की अलग-अलग बैठकें हो चुकी हैं और पूरा खाका तैयार है. हमें बस सब कमेटियों का ही इंतजार है.
कोरोना संक्रमण और उसके बाद पंचायत चुनाव आचार सहिंता के कारण यह बैठकें नहीं हो पाई. जैसे ही सब कमेटियों की रिपोर्ट हमारे पास आती है. इस शिक्षण सत्र से नई शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी जाएगी.
'हिमाचल अन्य राज्यों के मुकाबले काफी आगे'
वहीं, एनईपी में हिमाचल प्रदेश देशभर में बेहतरीन कार्य कर रहा है. नई शिक्षा नीति को लागू करने में हिमाचल अन्य राज्यों के मुकाबले काफी आगे है. इस नीति में सबसे बेहतर बात यह है कि क्षेत्रीय बोलियों को नई नीति में प्राथमिकता दी जाएगी.
कॉलेज प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेज प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन माध्यमों से इस बाबत चर्चा की है और सभी हितधारकों से सुझाव लेकर उनपर भी मंथन जारी है.
प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के बाद यहां शिक्षा में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे. जिसके तहत पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव देखे जा सकते हैं. जैसे ही एनसीईआरटी सिलेबस में बदलाव करती है वैसे ही प्रदेश में भी इसे लागू कर दिया जाएगा. मामले में अधिक जानकारी देते हुए शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया है कि इस टास्क फोर्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, वित्त, युवा और खेल सेवाओं को शामिल किया है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं.
रोजगार प्रदाताओं पर ध्यान केन्द्रित
34 साल पहले यानी 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी. लगभग तीन दशक से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. इसकी समीक्षा के लिए साल 1990 और साल 1993 में कमेटियां भी बनाई गईं. नई शिक्षा नीति में रोजगार चाहने वालों के स्थान पर रोजगार प्रदाताओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है और यह नीति विद्यार्थियों को रटने की आदत से समीक्षात्मक सोच की ओर अग्रसर करेगी. इस नीति में नए पाठ्यक्रम ढांचे की अवधारणा भी की गई हैं.
43 सदस्यों की टास्क फोर्स का गठन
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर टास्क फोर्स के अध्यक्ष बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को बतौर सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के सचिव, विश्वविद्यालयों के कुलपति और स्कूल व कॉलेजों के शिक्षकों को सदस्य के रूप में शामिल किया है.
टास्क फोर्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष, एचपीयू के अलावा क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी, तकनीकी यूनिवर्सिटी हमीरपुर के कुलपति, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, एससीईआरटी सोलन और डाइट शिमला के प्रिंसिपल भी सदस्य होंगे. इसके अलावा कुछ अन्य लोग मनोनीत किए गए हैं. मनोनीत सदस्यों में केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति सहित कई शिक्षकों और शिक्षाविदों को शामिल किया है.
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