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देश-विदेश के सैन्य अफसरों से सीएम जयराम ने सांझा की परमवीरों की गाथा, बताई हिमाचल की खूबियां

प्रदेश के दौरे पर आए देश-विदेश के 20 सैन्य अफसर ने सीएम जयराम ठाकुर से भेंट की. इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देव भूमि के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को वीर भूमि के रूप में भी जाना जाता है. साथ में जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, उद्योग, जलविद्युत, साहसिक खेलों और संबद्ध क्षेत्रों में व्यापक क्षमता है.

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Published : Apr 7, 2021, 8:29 PM IST

शिमलाः देश-विदेश के 20 सैन्य अफसरों ने बुधवार को शिमला में सीएम जयराम ठाकुर से भेंट की. प्रतिनिधिमंडल में भारत, नाइजिरिया, उज्बेकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के एयर मार्शल व ब्रिगेडियर स्तर अधिकारी शामिल थे. यह दल राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन के लिए 5 से 10 अप्रैल 2021 तक हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है. इस दल का प्रदेश के दौरे का प्रमुख उद्देश्य हिमाचल में विकास के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल करना है.

'हिमाचल है वीर भूमि'

प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देव भूमि के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को वीर भूमि के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि हिमाचल के काफी युवा देश की सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक भी हैं. उन्होंने कहा कि देश के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ हिमाचल प्रदेश से ही थे. कारगिल युद्ध के लिए प्रदान किए गए 4 परम वीर चक्रों में से 2 हिमाचल के बहादुर सैनिकों को प्रदान किए गए थे.

उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों और सेवारत सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित की हैं. पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से पूर्व सैनिक कल्याण निगम का गठन किया गया है और उन्हें सरकारी क्षेत्र में रोजगार के भी पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं.

हिमाचल ने प्राकृतिक खेती में बनाई अपनी विशेष पहचान

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, उद्योग, जलविद्युत, साहसिक खेलों और संबद्ध क्षेत्रों में व्यापक क्षमता है. सेब उत्पादन, गैर-मौसमी सब्जियों के उत्पादन और प्राकृतिक खेती में भी प्रदेश ने अपनी विशेष पहचान बनाई है. अटल टनल रोहतांग के निर्माण से खूबसूरत लाहौल घाटी पर्यटकों के लिए खुली है जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष किया था.

इस सुरंग के निर्माण से जहां जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति को वर्ष भर सम्पर्क की सुविधा मिली है. वहीं सामरिक दृष्टि से भी यह बहुत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और प्रदेश के विकास के लिए आरंभ की गई विकासात्मक परियोजनाओं के बारे में भी उन्हें जानकारी दी.

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक स्मृति चिन्ह

एयर मार्शल कमांडेंट डी चौधरी, एवीएसएम, वीएम, वीएसएम ने अपने विचार साझा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया.

प्रतिनिधिमंडल में ये अधिकारी हैं शामिल

प्रतिनिधिमंडल में एयर वाइस मार्शल बीवी उपाध्याय, विंग कमांडर तरूणा सिंह, जीवी मनोज कुमार, कमांडर विवेक दहिया, बिग्रेडियर एसके भांभू, मेजर किम हेरियोट, बिग्रेडियर वी शर्मा, कर्नल रवींद्र खत्री, महेश कुमार राॅय, पंकज पचनंदा, एयर कमांडर डीएस जोशी, ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्ला जुहुरी, ब्रिगेडियर सुभाशीष दास, कर्नल सोनम पेंजोरे, एयर कमांडर एमके मेहरा, ब्रिगेडियर संजीव लुथरा, कर्नल एडी युसुफ, ब्रिगेडियर एके पुंडीर, राघवेंद्र सिंह व प्रताप सिंह शामिल थे.

मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी शर्मा, विशेष सचिव राखी कहलों, हिप्पा की अतिरिक्त निदेशक ज्योति राणा भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं.

ये भी पढ़ेंः- टिकैत की हुंकार, कहा: किसान आंदोलन नहीं होगा खत्म चाहे आ जाए कोरोना का बाप

शिमलाः देश-विदेश के 20 सैन्य अफसरों ने बुधवार को शिमला में सीएम जयराम ठाकुर से भेंट की. प्रतिनिधिमंडल में भारत, नाइजिरिया, उज्बेकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के एयर मार्शल व ब्रिगेडियर स्तर अधिकारी शामिल थे. यह दल राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन के लिए 5 से 10 अप्रैल 2021 तक हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है. इस दल का प्रदेश के दौरे का प्रमुख उद्देश्य हिमाचल में विकास के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल करना है.

'हिमाचल है वीर भूमि'

प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देव भूमि के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश को वीर भूमि के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि हिमाचल के काफी युवा देश की सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक भी हैं. उन्होंने कहा कि देश के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ हिमाचल प्रदेश से ही थे. कारगिल युद्ध के लिए प्रदान किए गए 4 परम वीर चक्रों में से 2 हिमाचल के बहादुर सैनिकों को प्रदान किए गए थे.

उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों और सेवारत सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाएं कार्यान्वित की हैं. पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से पूर्व सैनिक कल्याण निगम का गठन किया गया है और उन्हें सरकारी क्षेत्र में रोजगार के भी पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं.

हिमाचल ने प्राकृतिक खेती में बनाई अपनी विशेष पहचान

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, उद्योग, जलविद्युत, साहसिक खेलों और संबद्ध क्षेत्रों में व्यापक क्षमता है. सेब उत्पादन, गैर-मौसमी सब्जियों के उत्पादन और प्राकृतिक खेती में भी प्रदेश ने अपनी विशेष पहचान बनाई है. अटल टनल रोहतांग के निर्माण से खूबसूरत लाहौल घाटी पर्यटकों के लिए खुली है जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष किया था.

इस सुरंग के निर्माण से जहां जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति को वर्ष भर सम्पर्क की सुविधा मिली है. वहीं सामरिक दृष्टि से भी यह बहुत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और प्रदेश के विकास के लिए आरंभ की गई विकासात्मक परियोजनाओं के बारे में भी उन्हें जानकारी दी.

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक स्मृति चिन्ह

एयर मार्शल कमांडेंट डी चौधरी, एवीएसएम, वीएम, वीएसएम ने अपने विचार साझा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया. प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई सदस्यों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया.

प्रतिनिधिमंडल में ये अधिकारी हैं शामिल

प्रतिनिधिमंडल में एयर वाइस मार्शल बीवी उपाध्याय, विंग कमांडर तरूणा सिंह, जीवी मनोज कुमार, कमांडर विवेक दहिया, बिग्रेडियर एसके भांभू, मेजर किम हेरियोट, बिग्रेडियर वी शर्मा, कर्नल रवींद्र खत्री, महेश कुमार राॅय, पंकज पचनंदा, एयर कमांडर डीएस जोशी, ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्ला जुहुरी, ब्रिगेडियर सुभाशीष दास, कर्नल सोनम पेंजोरे, एयर कमांडर एमके मेहरा, ब्रिगेडियर संजीव लुथरा, कर्नल एडी युसुफ, ब्रिगेडियर एके पुंडीर, राघवेंद्र सिंह व प्रताप सिंह शामिल थे.

मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी शर्मा, विशेष सचिव राखी कहलों, हिप्पा की अतिरिक्त निदेशक ज्योति राणा भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं.

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