शिमला: हिमाचल प्रदेश भाजपा में अब नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ है. कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का शीतकालीन सत्र होने जा रहा है. सत्र से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक होगी. उसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा. पार्टी में नेता प्रतिपक्ष के लिए भाजपा के तेजतर्रार नेता और पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का नाम सबसे अधिक चर्चा में है. (Leader of Opposition in Himachal BJP)
परमार और सत्ती रेस में आगे: चूंकि भाजपा की मौजूदा परंपरा ये है कि चुनाव में हार के बाद सीएम रहने नेता को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में अन्य नेताओं की चर्चा है. इन नेताओं में सतपाल सिंह सत्ती के अलावा विधानसभा अध्यक्ष रहे विपिन सिंह परमार का नाम चल रहा है. सत पक्ष को घेरने के लिए तर्कों से लैस और तेजतर्रार नेता की जरूरत ये दोनों पूरी करते हैं. वहीं, हिमाचल में भाजपा को नया मुखिया भी तलाशना है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की पारी जनवरी में खत्म होने जा रही है. यानी उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में पूरा हो जाएगा. (Vipin Singh Parmar name for Leader of Opposition) (Satpal Satti name for Leader of Opposition)
अध्यक्ष के लिए इंदु गोस्वामी और रणधीर शर्मा का नाम: ऐसे में भाजपा को नए साल में नया मुखिया भी चुनना है. प्रदेश अध्यक्ष के लिए तेजतर्रार नेता राकेश जम्वाल, त्रिलोक जम्वाल के साथ ही अनुभव संपन्न रणधीर शर्मा का नाम चर्चा में है. यदि पार्टी की नीति के अनुसार राज्यसभा सांसद के नाम पर मुहर लगानी हो तो इंदू गोस्वामी और डॉ. सिकंदर कुमार का नाम आगे है. महिला को प्रतिनिधित्व देने की बारी आई तो इंदू गोस्वामी के नाम पर सहमति बन सकती है. (Indu Goswami name for Himachal BJP state president)
जयराम निभाएंगे अपनी जिम्मेदारियां: विधानसभा का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर से शुरू होगा. उससे पहले विधायक दल की मीटिंग में नेता प्रतिपक्ष का चयन भी हो जाएगा. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर कह चुके हैं कि पार्टी का सैट प्रोसीजर है और उसी के अनुसार भाजपा में काम होता है. वे सिराज से छठी बार चुन कर आए हैं और अपनी जिम्मेदारियों को सार्थक रूप से निभाएंगे. फिलहाल, शीतकालीन सत्र के बाद पार्टी में नए अध्यक्ष के लिए सरगर्मियां शुरू होंगी. (himachal assembly session from 22 december 2022)
नए अध्यक्ष के सामने होगी लोकसभा चुनाव की चुनौती: हिमाचल में पहली बार भाजपा ने दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देते हुए अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी है. सुरेश कश्यप पूर्व में विधायक रहे हैं और वर्तमान में शिमला सीट से सांसद हैं. हालांकि ,उनके कार्यकाल में भाजपा को उपचुनाव सहित विधानसभा चुनाव में भी हार ही मिली है, लेकिन इस हार के पीछे कई फैक्टर हैं. विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के मुखिया जेपी नड्डा और जयराम ठाकुर की साख भी दांव पर थी. खैर, हिमाचल में भाजपा को हार मिली और सत्ता कांग्रेस के हाथ आई है. अब भाजपा को नए साल में नया मुखिया तलाशना है और फिर नए अध्यक्ष के सामने 2024 के लोकसभा चुनाव की चुनौती होगी. (Himachal Legislative Assembly session in Dharamshala)
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