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स्वर्ण जयंती सुपर-100 की सूची में मेधावी छात्रा का नाम शामिल नहीं! शिकायत के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग - education news himachal prdesh

मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई स्वर्ण जयंती सुपर 100 की सूची में प्रदेश के एक मेधावी छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया है. छात्रा के परिजनों के अनुसार स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के लिए छात्रा के दस्तावेज समय पर जिला उप निदेशक कार्यालय को भेज दिए गए थे. बावजूद इसके इस योजना के तहत छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया. छात्रा का नाम सूची में नहीं होने के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को भेजी है. इसके अलावा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी की गई और मामले में उचित कार्रवाई की भी मांग की थी.

शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश
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Published : Mar 28, 2021, 9:57 PM IST

शिमला: मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई स्वर्ण जयंती सुपर 100 की सूची में प्रदेश के एक मेधावी छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया. समय पर दस्तावेज भेजने के बाद भी छात्रा का नाम सुपर 100 की सूची में ही नहीं था, जबकि छात्रा ने दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. हालांकि शिक्षा विभाग के पास ये मामला पहुंचने के बाद इस पर संज्ञान लिया गया है.

शिकायत मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड करेगा. दरअसल स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के तहत बीते दिनों शिक्षा विभाग ने मेरिट आधार पर टॉप सौ छात्रों की सूची जारी की थी, लेकिन इस सूची में जिला शिमला चियोग स्कूल की दसवीं की छात्रा का नाम शामिल ही नहीं था, जबकि छात्रा के दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक हैं.

समय पर उप निदेशक कार्यालय भेजे थे दस्तावेज

छात्रा के परिजनों के अनुसार स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के लिए छात्रा के दस्तावेज समय पर जिला उप निदेशक कार्यालय को भेज दिए गए थे. बावजूद इसके इस योजना के तहत छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया. छात्रा का नाम सूची में नहीं होने के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को भेजी है. इसके अलावा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी की गई और मामले में उचित कार्रवाई की भी मांग की थी.

शिकायत के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग

शिकायत मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है. विभाग ने छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड करने का फैसला लिया है और कमेटी अब इस मामले को देखेगी. शिकायत के अनुसार छात्रा के दस्तावेज स्कूल से 23 मार्च को जिला उपनिदेशक कार्यालय को भेजे गए थे. इसके अलावा विभाग को ई मेल भी की गई थी.

30 किमी दूर से 30 दिन में पहुंच दस्तावेज

छात्रा के परिजनों ने हैरानी जताई है कि शिमला से चियोग की दूरी 30 से 35 किलोमीटर है. इसके बावजूद इन दस्तावेजों को विभाग तक पहुंचने में 30 दिन का समय लग गया. परिजनों का आरोप है कि ई-मेल मिलने की सूचना भी विभाग की ओर से नहीं दी गई, जिस कारण विभाग की इस लापरवाही से छात्रा का नाम योजना से छूट गया है.

इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी लेगी अंतिम फैसला

बता दें कि प्रदेश सरकार ने 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले छात्रों के लिए स्वर्ण जयंती सुपर-100 योजना शुरू की है. इस योजना के तहत आने वाले मैधावियों को कोचिंग संस्थानों से नीट, जेईई, स्लैट व अन्य प्रतियोगि परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग दी जाती है. इस मामले पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड किया जाएगा और अब कमेटी ही इसमें फैसला लेगी.

पढ़ें: शिमला में बना था भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक टेलीफोन एक्सचेंज, लंदन के लिए लगा था पहला कॉल

पढ़ें: ऐसे संवरेगा बच्चों का भविष्य! कलहेल स्कूल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे होनहार

शिमला: मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई स्वर्ण जयंती सुपर 100 की सूची में प्रदेश के एक मेधावी छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया. समय पर दस्तावेज भेजने के बाद भी छात्रा का नाम सुपर 100 की सूची में ही नहीं था, जबकि छात्रा ने दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. हालांकि शिक्षा विभाग के पास ये मामला पहुंचने के बाद इस पर संज्ञान लिया गया है.

शिकायत मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड करेगा. दरअसल स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के तहत बीते दिनों शिक्षा विभाग ने मेरिट आधार पर टॉप सौ छात्रों की सूची जारी की थी, लेकिन इस सूची में जिला शिमला चियोग स्कूल की दसवीं की छात्रा का नाम शामिल ही नहीं था, जबकि छात्रा के दसवीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक हैं.

समय पर उप निदेशक कार्यालय भेजे थे दस्तावेज

छात्रा के परिजनों के अनुसार स्वर्ण जयंती सुपर 100 योजना के लिए छात्रा के दस्तावेज समय पर जिला उप निदेशक कार्यालय को भेज दिए गए थे. बावजूद इसके इस योजना के तहत छात्रा का नाम शामिल नहीं किया गया. छात्रा का नाम सूची में नहीं होने के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को भेजी है. इसके अलावा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी की गई और मामले में उचित कार्रवाई की भी मांग की थी.

शिकायत के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग

शिकायत मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है. विभाग ने छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड करने का फैसला लिया है और कमेटी अब इस मामले को देखेगी. शिकायत के अनुसार छात्रा के दस्तावेज स्कूल से 23 मार्च को जिला उपनिदेशक कार्यालय को भेजे गए थे. इसके अलावा विभाग को ई मेल भी की गई थी.

30 किमी दूर से 30 दिन में पहुंच दस्तावेज

छात्रा के परिजनों ने हैरानी जताई है कि शिमला से चियोग की दूरी 30 से 35 किलोमीटर है. इसके बावजूद इन दस्तावेजों को विभाग तक पहुंचने में 30 दिन का समय लग गया. परिजनों का आरोप है कि ई-मेल मिलने की सूचना भी विभाग की ओर से नहीं दी गई, जिस कारण विभाग की इस लापरवाही से छात्रा का नाम योजना से छूट गया है.

इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी लेगी अंतिम फैसला

बता दें कि प्रदेश सरकार ने 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले छात्रों के लिए स्वर्ण जयंती सुपर-100 योजना शुरू की है. इस योजना के तहत आने वाले मैधावियों को कोचिंग संस्थानों से नीट, जेईई, स्लैट व अन्य प्रतियोगि परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग दी जाती है. इस मामले पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि छात्रा का नाम इंप्लीमेन्टेंशन कमेटी के लिए रिकमेंड किया जाएगा और अब कमेटी ही इसमें फैसला लेगी.

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