शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. राजधानी शिमला में दो महीने से बाजार पूरी तरह से बंद रहे. वहीं, नगर निगम अपने किराएदारों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है.
लॉकडाउन के दौरान बंद रही दुकानों ओर कैंटिन से नगर निगम किराया नहीं लेगा. इसके अलावा पार्किंग संचालकों को भी शुल्क में राहत नगर निगम दे सकता है. निगम ने वित्त कमेटी की बैठक में कारोबारियों को राहत देने के लिए मामला नगर निगम की मासिक बैठक में भेज दिया है. मासिक बैठक में ही राहत देने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा.
वहीं, इसके बाद नगर निगम सरकार को प्रस्ताव भेजेगी ओर यदि सरकार किराया माफ करने के बदले में निगम को अलग से बजट जाती करती है तो शहर के करोबिरियों को बड़ी राहत मिल सकती हैं. इसके अलावा पार्किंग संचालक भी निगम से दो महीने का शुल्क माफ करने की मांग कर रहे हैं.
संचालकों का कहना है कि दो माह में पार्किंग बंद पड़ी रही, जिससे उन्हें कोई कमाई नहीं हो पाई है. ऐसे में निगम उनका किराया माफ करे.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते बाजार बंद रहे,इसके चलते कई दुकानदारों ने नगर निगम से दो माह के दुकानों का किराया माफ करने की मांग की है. इस मामले पर वित्त कमेटी की बैठक में चर्चा हुई है और अब निगम की मासिक बैठक में इस पर चर्चा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि शहर में नगर निगम ने दुकानें ओर कैंटीन कारोबारियों को किराए पर दी हैं. हर माह नगर निगम किराया वसूल करता है, लेकिन कोरोना के चलते कारोबार बंद होने से ये कारोबारी किराया नहीं दे पा रहे हैं वही अब निगम इन लोगो को राहत देने की तैयारी में है.