शिमला: नगर निगम शिमला के चुनाव करवाने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. नगर निगम चुनावों के लिए पांच वार्डों की मतदाता सूची में अधिकृत अधिकारियों के समक्ष दावे और आपत्तियां 26 दिसंबर से दायर की जा सकती हैं. सूचियों को 31 जनवरी को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस तरह अगली साल में नगर निगम शिमला के चुनाव करवाए जा सकते हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें कहा गया है कि मतदाता सूची की प्रक्रिया में नियुक्त किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण बिना आयोग की अनुमति से नहीं होगा. (Municipal Corporation Shimla Election)
राज्य चुनाव आयोग अब शिमला नगर निगम के 5 वार्डों की मतदाता सूची को अपग्रेड करने का काम शुरू करेगा. इन 5 वार्डों में नाभा, फागली, टूटीकंडी, बालूगंज और समरहिल वार्ड शामिल हैं. दरअसल इन वार्डों के पुर्नसीमांकन को लेकर विवाद हो गया था जो कि पहले हाई कोर्ट पहुंचा और फिर सुप्रीम कोर्ट यह मामला गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य निवार्चन आयोग ने इन वार्डों की मतदाता सूचियों के लिए दावे व आपत्तियां मांगें हैं. बाकी 36 वार्डों की सूची पहले ही फाइनल कर दी गई हैं. (Municipal Corporation Shimla Election) (Shimla Nagar Nigam Chunav)
26 दिसंबर से 4 जनवरी तक दायर होंगे दावे व आपत्तियां: नगर निगम शिमला के उपरोक्त पांच वार्डों के लिए मतदाता सूचियों में दावे और आपत्तियां 26 दिसंबर से लेकर 4 जनवरी तक पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष दायर की जा सकती हैं. इन दावों और आपत्तियों का निपटारा 16 जनवरी तक किया जा सकेगा. पुनरीक्षण प्राधिकारी के आदेश के विरूद्ध 19 जनवरी तक अपील दायर की जा सकती है. अपीलों का निपटारा 28 जनवरी तक किया जाएगा. इसके बाद 31 जनवरी 2013 को इन वार्डों की मतदाता सूचियों को फाइनल कर दिया जाएगा.
इसलिए रुका था चुनाव: नगर निगम शिमला के पहले 34 वार्ड थे लेकिन प्रदेश सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर बाद में 41 कर दी. मगर नए बनाए गए वार्डों के पुर्नगठन को लेकर विवाद हो गया. नाभा वार्ड की पार्षद सिमी नंदा और पूर्व पार्षद राजीव ठाकुर ने नगर निगम शिमला के वार्डों के पुनर्गठन को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनर्सीमांकन किया गया, जो कानून की दृष्टि से गलत है.
प्रदेश हाई कोर्ट ने नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए 5 वार्डों के संबंध में आपत्तियों को शामिल करने के निर्देश दिए, लेकिन याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि उनकी आपत्तियों पर गौर नहीं किया. इस पर वार्डों के पुनर्सीमांकन वाले आदेशों पर रोक लगा दी गई. चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर पांच वार्डों को छोड़कर निगम के चुनाव करवाने की अनुमति मांग, लेकिन अदालत ने चुनाव आयोग की इस मांग को नहीं माना. इसके बाद चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसका हाल ही में निपटारा हुआ है. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने दोबारा से प्रक्रिया शुरू कर दी है.
18 जून 2022 को पूरा हो चुका नगर निगम का कार्यकाल: शिमला नगर निगम का कार्यकाल 18 जून 2022 को पूरा हो गया है. यह मामला हाई कोर्ट में जाने की वजह से राज्य चुनाव आयोग चुनाव नहीं करवा पाया. अब चुनाव के लिए 6 महीने का समय ऊपर हो गया है. राज्य सरकार ने उपायुक्त को निगम का प्रशासक नियुक्त किया है. अब निवार्चन आयोग नगर निगम के चुनाव में जुट गया है. इन वार्डों की मतदाता सूची अपग्रेड करने के बाद शिमला नगर निगम के चुनाव करवाए जा सकते हैं.
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