शिमला: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी जारी रखने का निर्णय लिया है.
शहरी विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में आजीविका की सुरक्षा के लिए प्रत्येक इच्छुक परिवार को वर्ष में 120 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है. योजना के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने के लिए किसी भी शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवार के वयस्क सदस्य को संबंधित शहरी निकाय में पंजीकरण करवाना होगा.
योजना के लिए अधिकतम आयु
उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कार्य करने के लिए ऊपरी आयु सीमा 65 वर्ष रखी गई है. पात्र लाभार्थियों को बेहतर आजीविका मुहैया करवाने के लिए उनका कौशल प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा साथ ही प्रशिक्षित लाभार्थियों को दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत बैंकों से सस्ती दर पर ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा.
जो भी शहरी निकायों में रह रहे इच्छुक व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे संबंधित शहरी निकाय से आवश्यक प्रपत्र प्राप्त करके, स्वयं को संबंधित शहरी निकाय में पंजीकृत करवा सकते हैं. पंजीकरण के बाद संबंधित शहरी निकाय द्वारा पंजीकृत व्यक्ति का निःशुल्क जाॅब कार्ड बनाया जाएगा.
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लाभार्थी को 15 दिन के भीतर रोजगार
प्रवक्ता ने कहा कि योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी को 15 दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. यदि किसी भी पात्र लाभार्थी को उक्त अवधि के भीतर रोजगार नहीं दिया जाता है तो वह उपरोक्त योजना के अन्तर्गत 75 रुपये प्रतिदिन की दर से बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने का भी हकदार होगा. इस योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी को सरकार द्वारा अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी अथवा 300 रुपये प्रतिदिन, जो भी अधिक हो, दिया जाएगा. मजदूरी का भुगतान 15 दिन का रोजगार समाप्त करने के बाद सात दिन की अवधि के भीतर सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में किया जाएगा.
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