शिमला: राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए अप्रिय विवाद के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को जयराम ठाकुर सरकार पर करारा तंज कसा. मुख्यमंत्री के बजट भाषण पर चर्चा का आरंभ करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को बॉडी विदाउट सोल, गवर्नमेंट विदाउट कंट्रोल की संज्ञा दी. यही नहीं, उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार को सबसे अधिक कर्जा लेने वाली सरकार के तौर पर याद किया जाएगा.
मुख्यमंत्री का बजट भाषण कागजी घोड़े दौड़ाने वाला है. जब सीएम अगला बजट पेश करेंगे और सरकार का कार्यकाल पूरा होगा तो हिमाचल पर 85 हजार करोड़ रुपए का कर्ज होगा. उन्होंने सरकार पर हमला किया और कहा कि ये बजट हिमाचल को क्रैश लैंडिंग की तरफ ले जाएगा.
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद नगर निगम संशोधन विधेयक पारित हुआ और उसके बाद बजट भाषण पर चर्चा शुरू हुई. मुकेश अग्निहोत्री ने एक-एक करके बजट भाषण के पहलुओं को छुआ और कहा कि सरकार ने रिसोर्स जुटाने का कोई जिक्र तक नहीं किया. उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश का कर्मचारी वर्ग सरकार से बुरी तरह नाराज है.
'पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से ही सीख ले लेते'
उन्होंने कहा कि पंजाब ने सोमवार को ही छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की बात कही है. इन्हें जुलाई से लागू किया जाना है. पंजाब ने तो इसके लिए अलग से 9 हजार करोड़ रुपए भी रख दिए हैं. जयराम सरकार चाहती तो इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से ही सीख ले लेते.
इस बजट में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई बात नहीं की गई. न ही अनुबंध कर्मचारियों के अनुबंध सेवाकाल की अवधि घटाई गई. अलबत्ता सरकार ने मानदेय के नाम पर चिल्लर बांटने का काम किया है. शगुन योजना में भी सरकार ने बेटियों को बांट कर रख दिया. इस योजना का लाभ सभी वर्ग की गरीब कन्याओं को क्यों नहीं दिया गया?
मुकेश ने कहा कि बजट में मल्टी टास्क और पार्ट टाइम वर्कर की बात की गई. यहां कोई भी पक्की नौकरी की बात नहीं की गई है. इससे भर्ती स्कैम की आशंका होगी. उन्होंने कहा कि सरकार को हरियाणा में ओपी चौटाला के वाकये से सीख लेनी चाहिए. चौटाला इस समय जेल में है.
'दो लाख से अधिक कर्मचारी बजट में कुछ न मिलने से आहत'
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के दो लाख से अधिक कर्मचारी बजट में कुछ न मिलने से आहत हैं. शिक्षकों, पुलिस कर्मियों व आउट सोर्स कर्मियों को बजट में पक्का करने की बात नहीं है. सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर वैट में कमी की घोषणा नहीं की. जून 2022 के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र से नहीं होगी, मगर सरकार ने इसे लेकर नहीं बताया कि ऐसी स्थिति में सरकार क्या करेगी?
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार सब्सिडी कम कर रही है. डिपो का राशन महंगा हो गया है. सरकार को घोषणाओं का ढेर लगाने की आदत है. अब तक तीन साल में सीएम जयराम ठाकुर ने 68 से अधिक घोषणाएं की हैं, लेकिन उनकी प्रगति के बारे में ये बजट मौन है.
'पर्यटन निगम को केवल कैंटीन चलाने के काम में लगा दिया है'
उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर में कुछ नहीं हो रहा. जयराम सरकार ने पर्यटन निगम को केवल कैंटीन चलाने के काम में लगा दिया है. उन्होंने सीएम से कहा कि उनके सलाहकार ठीक नहीं हैं. इस बजट में न तो रेल की बात है न नेशनल हाईवे की और न ही हवाई पट्टियों के विस्तार की बात की गई है.
किसानों को लेकर ये बजट कुछ नहीं कह रहा है. सेब को सरकार ने भुला दिया. निजी बस ऑपरेटर्स की मांगों को भी नजर अंदाज किया गया. मुकेश ने अपनी बात कहने के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए विवाद को भी परोक्ष रूप से छुआ.
उन्होंने कहा कि सीएम विपक्ष को जमीन में गाड़ने की बात कह रहे थे, लेकिन वे उन्हें बताना चाहते हैं कि जनता बीस साल से चुन कर सदन में भेज रही है. अपने भाषण के अंत में उन्होंने राहत इंदौरी की पंक्तियां- लगेगी आग तो आएंगे कई घर जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है, भी पढ़ीं. साथ ही अपनी राजनीतिक पारी पर कहा-सुरमे की तरह पीसा है हमें हालातों नेतब जाके चढ़े हैं लोगों की निगाहों में. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जो आज सत्ता में हैं, उन्हें अहंकार से बचना चाहिए.
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