शिमला: राजधानी शिमला के उपनगरों में लंबे समय से एम्बुलेंस रोड की मांग कर रहे लोगों के लिए राहत की खबर है. शिमला नगर निगम की मासिक बैठक में ढली के इन्द्रनगर विकासनगर और अन्नाडेल में एम्बुलेंस रोड बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
इसके अलावा टूटू में बुक कैफे बनाने की मंजूरी भी दी गई. इसके अलावा नगर निगम सड़को को चौड़ा करने का कार्य अपने पैसों से करेगा स्मार्ट सिटी से सड़कों को चौड़ा करने के लिए राशि देने से इनकार किया है ऐसे में मासिक बैठक में फैसला लिया गया कि निगम वार्डो में सड़कों को चौड़ा किया जाएगा.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि मासिक बैठक में शहर में एम्बुलेंस रोड बनाने, बुक कैफे बनाने के साथ ही कई विकास कार्यो को मंजूरी दी गई है. ढली बाईपास से इन्द्रनगर के लिए 18 लाख मंजूर किये गए है. विकासनगर में में 45 लाख से एम्बुलेंस रोड बनाने का प्रस्ताव पास किया गया है.
इसके अलावा मज्याठ वार्ड में 26 लाख से वार्ड ऑफिस ओर बुक कैफे बनाने की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा शहर में स्मार्ट सिटी के कार्यो में तेजी लाने के निर्देश भी दिए है. उन्होंने कहा कि नगर निगम सब्जी मंडी में अपना कार्यालय बना रहा है ओर लिफ्ट पार्किंग में फ्लोर लेने के लिए मामला सरकार को भेजने का फैसला लिया गया है.
सब्जी मंडी में ही बने निगम का कार्यालय
लोगों को नगर निगम एक छत के नीचे सभी कार्यालय देने के लिए सब्जी मंडी में भवन बनाने के फैसले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है और ऐसी जगह कार्यालय बनाने की मांग की गई है जिसमें जहां पार्किंग की व्यवस्था हो.
कोर्ट ने नगर निगम को लिफ्ट पार्किंग में ही नगर निगम के कार्यालय खोलने की सुझाव दिया था, लेकिन पीपीपी मोड पर बनाई गई पार्किंग संचालक नगर निगम से 56 करोड की मांग कर रहा है .इस पर भी सदन में पार्षदों की राय ली गई. जिस पर पार्षदों ने कहा कि प्रॉपर्टी नगर निगम की है. ऐसे में उन्हें किस बात के पैसे देने हैं और नगर निगम अपना अलग से कहीं और कार्यालय बनाएं या प्रदेश सरकार से इस मामले को उठाया जाए.
स्मार्ट सिटी से नहीं होगी शहर की सड़कें चौड़ी
राजधानी शिमला में अब स्मार्ट सिटी के पैसे से शहर की सड़कें चौड़ी नहीं की जा सकेगी. नगर निगम को अपने ही पैसों से शहर की सड़कों को चौड़ा करना होगा .निगम की ओर से ऐसे 22 प्रोजेक्ट तैयार किए गए थे जिस पर 7 करोड़ पर खर्च होना था, लेकिन नगर निगम को स्मार्ट सिटी से इन कार्यों के लिए कोई पैसा नहीं मिल रहा है.
ई टॉयलेट पर पार्षदों ने उठाए सवाल
शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए ई टॉयलेट पर नगर निगम के पार्षदों ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्षदों का कहना है कि ई टॉयलेट में जाने से लोग डर रहे हैं. कई टॉयलेट के दरवाजे तक नहीं खुल रहे हैं और कई बार यह लॉक हो जाते हैं. पार्षदों ने नगर निगम से टॉयलेट के बाहर अपने कर्मचारियों को तैनात करने की मांग भी की.