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विधायक विक्रम सिंह जरयाल ने की बजट की सराहना, कहा- सभी वर्गों का रखा गया है ख्याल

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Published : Mar 6, 2020, 8:52 PM IST

विक्रम सिंह ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के आपार अवसर सृजित करने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया गया है.

MLA Vikram Singh Jaryal
विधायक विक्रम सिंह जरयाल

शिमला: हिमाचल के दूर दराज क्षेत्र बनीखेत से विधायक विक्रम सिंह ने विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रस्तुत बजट की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस बजट में समाज के सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है और यह प्रदेश को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाईयों की ओर लेकर जाएगा.

विक्रम सिंह ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के आपार अवसर सृजित करने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया गया है. इसी प्रकार किसानों, बागवानों, निर्धन व कमजोर वर्गों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, पेंशनधारकों और कर्मचारियों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जो अभूतपूर्व हैं.

आगामी वर्ष में 50 हजार और पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में लाने का प्रस्ताव है. विधवाओं और विकलांगजनों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाकर एक हजार रुपये करने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में भी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है.

वीडियो.

दिहाड़ीदारों की न्यूनतम दिहाड़ी 250 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये की जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में विभिन्न आवास योजनाओं का लाभ 10 हजार नए पात्र लोगों को दिया जाएगा, जिनमें 5100 आवास अनुसूचित जाति के पात्र लोगों के लिए बनाए जाएंगे. जरयाल ने कहा कि सरकार के सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने पंचायत सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 500 रुपये, आउटसोर्स आईटी शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत, शिक्षा विभाग में जलवाहकों को छह साल के बजाय पांच साल की सेवा के बाद नियमित करने, आशा वर्कर को मिलने वाले राज्य अंशदान में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि का प्रस्ताव भी किया है.

उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन को सुदृढ़ करने के लिए 20 करोड़ रुपये का कृषि कोष बनाना प्रस्तावित किया गया है जिससे आगामी तीन वर्षां में प्रदेश के हजारों किसान लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने में सहायक होगा. इस वित्त वर्ष में 20 हजार हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अंतर्गत लाने और पचास हजार और किसानों को इस प्राकृतिक खेती से जोड़ने का प्रस्ताव है जिससे किसानों की उत्पादन लागत में कमी आएगी और आमदनी में वृद्धि होगी.

सहारा योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को मिल रही आर्थिक सहायता दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार रूपये की जाएगी. बजट में सभी वर्गां के लोगों को 56 प्रकार के निशुल्क परीक्षण की सुविधा देने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी रखा गया है. प्रदेश सरकार ने बेसहारा लोगों के निशुल्क उपचार और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठजनों को निशुल्क आयुर्वेदिक दवाइयां देने का प्रस्ताव किया गया है. 2024 तक प्रदेश के सभी घरों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल देने का प्रस्ताव किया गया है.

ये भी पढे़ं: अद्भुत हिमाचल: धनुष का एक बाण तय करता है भविष्य में कितने होंगे पुत्र!

शिमला: हिमाचल के दूर दराज क्षेत्र बनीखेत से विधायक विक्रम सिंह ने विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रस्तुत बजट की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस बजट में समाज के सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है और यह प्रदेश को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाईयों की ओर लेकर जाएगा.

विक्रम सिंह ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के आपार अवसर सृजित करने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया गया है. इसी प्रकार किसानों, बागवानों, निर्धन व कमजोर वर्गों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, पेंशनधारकों और कर्मचारियों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जो अभूतपूर्व हैं.

आगामी वर्ष में 50 हजार और पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में लाने का प्रस्ताव है. विधवाओं और विकलांगजनों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाकर एक हजार रुपये करने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में भी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है.

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दिहाड़ीदारों की न्यूनतम दिहाड़ी 250 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये की जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में विभिन्न आवास योजनाओं का लाभ 10 हजार नए पात्र लोगों को दिया जाएगा, जिनमें 5100 आवास अनुसूचित जाति के पात्र लोगों के लिए बनाए जाएंगे. जरयाल ने कहा कि सरकार के सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने पंचायत सिलाई अध्यापिकाओं और पंचायत चौकीदारों के मानदेय में 500 रुपये, आउटसोर्स आईटी शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत, शिक्षा विभाग में जलवाहकों को छह साल के बजाय पांच साल की सेवा के बाद नियमित करने, आशा वर्कर को मिलने वाले राज्य अंशदान में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि का प्रस्ताव भी किया है.

उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन को सुदृढ़ करने के लिए 20 करोड़ रुपये का कृषि कोष बनाना प्रस्तावित किया गया है जिससे आगामी तीन वर्षां में प्रदेश के हजारों किसान लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने में सहायक होगा. इस वित्त वर्ष में 20 हजार हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अंतर्गत लाने और पचास हजार और किसानों को इस प्राकृतिक खेती से जोड़ने का प्रस्ताव है जिससे किसानों की उत्पादन लागत में कमी आएगी और आमदनी में वृद्धि होगी.

सहारा योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को मिल रही आर्थिक सहायता दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार रूपये की जाएगी. बजट में सभी वर्गां के लोगों को 56 प्रकार के निशुल्क परीक्षण की सुविधा देने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी रखा गया है. प्रदेश सरकार ने बेसहारा लोगों के निशुल्क उपचार और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठजनों को निशुल्क आयुर्वेदिक दवाइयां देने का प्रस्ताव किया गया है. 2024 तक प्रदेश के सभी घरों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल देने का प्रस्ताव किया गया है.

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