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विपक्ष पर लागू हो नो वर्क नो पे, जनता ने सिर्फ नारे लगाने के लिए नहीं चुने हैं विधायक: इंद्र सिंह

राज्यपाल के साथ दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. धायक कर्नल इंद्र सिंह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष नेतृत्व की कमी है और सही दिशा की कमी भी है. विपक्ष के बीच में आपसी खींचातानी चल रही है. कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि राज्यपाल के पद की अपनी गरिमा होती है. इन सब को देखते हुए उस गरिमा को बनाए रखना हर सदस्य का काम है.

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Published : Mar 3, 2021, 8:10 PM IST

mla inder singh.
विधायक कर्नल इंद्र सिंह

शिमला: विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने सदन से विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे हो वॉकआउट पर खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जनता ने विधायकों को उनकी समस्याओं को सदन तक पहुंचाने के लिए चुना है. लेकिन विपक्ष द्वारा लगातार वकआउट किए जा रहे हैं. ऐसे में सदन के भीतर सार्थक चर्चा नहीं हो पा रही है. सदन को एक दिन चलाने में लाखों रुपए खर्च होते हैं. यह जनता की गाड़ी कमाई है. इसलिए यदि सदन में विपक्ष के सदस्य नहीं आ रहे हैं. तो उन पर नो वर्क नो पे का नियम लागू होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से डी-रेल हो गया है. यहां पर नेतृत्व की कमी है और सही दिशा की कमी भी है. विपक्ष के बीच में आपसी खींचातानी चल रही है. इसलिए इनका अब एकमात्र काम अवरोध पैदा करना हो गया है. विपक्ष के सदस्य ना चर्चा में भाग ले रहे हैं और ना ही चर्चा होने दे रहे हैं. उन्होंने कहा विपक्ष को चाहिए कि वह चर्चा में भाग लें और अपनी बात सभ्य तरीके से रखें ताकि कुछ सार्थक परिणाम निकल सके.

वीडियो.

राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी: इंद्र सिंह

कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार करना सही नहीं है. राज्यपाल केवल अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहे थे. कैबिनेट द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट को पढ़ रहे थे. वह ना तो उस डॉक्यूमेंट से कुछ हटा सकते हैं और ना ही अपनी तरफ से कुछ जोड़ सकते हैं. ऐसे में उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार सही नहीं है. कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि राज्यपाल के पद की अपनी गरिमा होती है. इन सब को देखते हुए उस गरिमा को बनाए रखना हर सदस्य का काम है.

राज्यपाल के सामने रोष व्यक्त करना ठीक नहीं: इंद्र सिंह

राज्यपाल ने क्या पढ़ा क्या नहीं, इसका उनके सामने रोष व्यक्त करना ठीक नहीं है. उसका विधानसभा के अंदर चर्चा के माध्यम से विरोध किया जा सकता है. इसके लिए विशेष तौर पर 4 दिन रखे गए हैं. विपक्ष प्रतिदिन प्रश्नकाल में पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठा रहा है और नारेबाजी कर वह कोर्ट कर रहा है. प्रश्नकाल का इंतजार विधायक लंबे समय तक करते हैं और यह समय सदन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इनमें विधायक अपने क्षेत्र से जुड़ी हुई लोगों की समस्याओं को उठाते हैं, लेकिन विपक्ष लगातार इस समय का दुरुपयोग कर रहा है जो कि निराशाजनक है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुरः कोरोना संकटकाल में प्रभावित 4 लोकल बस रूट किए बहाल, आरएम विवेक लखन पाल ने दी जानकारी

शिमला: विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने सदन से विपक्ष द्वारा लगातार किए जा रहे हो वॉकआउट पर खेद व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जनता ने विधायकों को उनकी समस्याओं को सदन तक पहुंचाने के लिए चुना है. लेकिन विपक्ष द्वारा लगातार वकआउट किए जा रहे हैं. ऐसे में सदन के भीतर सार्थक चर्चा नहीं हो पा रही है. सदन को एक दिन चलाने में लाखों रुपए खर्च होते हैं. यह जनता की गाड़ी कमाई है. इसलिए यदि सदन में विपक्ष के सदस्य नहीं आ रहे हैं. तो उन पर नो वर्क नो पे का नियम लागू होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से डी-रेल हो गया है. यहां पर नेतृत्व की कमी है और सही दिशा की कमी भी है. विपक्ष के बीच में आपसी खींचातानी चल रही है. इसलिए इनका अब एकमात्र काम अवरोध पैदा करना हो गया है. विपक्ष के सदस्य ना चर्चा में भाग ले रहे हैं और ना ही चर्चा होने दे रहे हैं. उन्होंने कहा विपक्ष को चाहिए कि वह चर्चा में भाग लें और अपनी बात सभ्य तरीके से रखें ताकि कुछ सार्थक परिणाम निकल सके.

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राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी: इंद्र सिंह

कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार करना सही नहीं है. राज्यपाल केवल अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहे थे. कैबिनेट द्वारा दिए गए डॉक्यूमेंट को पढ़ रहे थे. वह ना तो उस डॉक्यूमेंट से कुछ हटा सकते हैं और ना ही अपनी तरफ से कुछ जोड़ सकते हैं. ऐसे में उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार सही नहीं है. कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि राज्यपाल के पद की अपनी गरिमा होती है. इन सब को देखते हुए उस गरिमा को बनाए रखना हर सदस्य का काम है.

राज्यपाल के सामने रोष व्यक्त करना ठीक नहीं: इंद्र सिंह

राज्यपाल ने क्या पढ़ा क्या नहीं, इसका उनके सामने रोष व्यक्त करना ठीक नहीं है. उसका विधानसभा के अंदर चर्चा के माध्यम से विरोध किया जा सकता है. इसके लिए विशेष तौर पर 4 दिन रखे गए हैं. विपक्ष प्रतिदिन प्रश्नकाल में पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठा रहा है और नारेबाजी कर वह कोर्ट कर रहा है. प्रश्नकाल का इंतजार विधायक लंबे समय तक करते हैं और यह समय सदन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इनमें विधायक अपने क्षेत्र से जुड़ी हुई लोगों की समस्याओं को उठाते हैं, लेकिन विपक्ष लगातार इस समय का दुरुपयोग कर रहा है जो कि निराशाजनक है.

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