शिमला: सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जब एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार को ज्ञापन सौंपना चाहा और ज्ञापन सौंपने के लिए छात्र कुलपति से मिलने के लिए कुलपति कार्यालय में गए तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को कुलपति कार्यालय में प्रवेश करने से रोका.
इस दौरान जब छात्र कुलपति से मिलने पर अड़ गए तो जबरन पुलिस ने उन छात्रों को बाहर खदेड़ा. पुलिस की ओर से अपने बल का प्रयोग यहां पर किया गया और छात्रों को जबरदस्ती कुलपति कार्यालय से बाहर निकाला गया.
इस दौरान पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ता वीनू मेहता को कुलपति कार्यालय से बाहर निकालने के लिए बल का प्रयोग किया जिस पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके कार्यकर्ता के साथ पुलिस के द्वारा की गई बदसलूकी के दौरान चोट भी आई है.
लगातार पुलिस का इस तरह का रवैया विश्वविद्यालय में आंदोलनरत प्रदर्शनकारियों पर नजर आ रहा है. कुलपति छात्रों से नहीं मिल रहे हैं और पुलिस की ओर से इस तरह से बदसलूकी छात्रों के साथ की जा रही है. यही वजह भी है कि आज रात को एनएसयूआई, एबीवीपी और एसएफआई तीनों छात्र संगठनों ने एक साथ मिलकर कुलपति के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कुलपति के खिलाफ की.
विश्वविद्यालय में आंदोलनरत छात्र संगठनों का यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं कुलपति का कहना है कि वह छात्रों की मांगों को सुन रहे हैं और किसी को भी उनकी बात रखने से नहीं रोका जा रहा है, जबकि छात्र संगठन आरोप लगा रहे हैं कि कुलपति उनकी बातों को नहीं सुन रहे हैं और ना ही उनकी मांगों पर गौर कर रहे हैं, जबकि उनकी आवाज को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
छात्रों के साथ लगातार बदसलूकी की जा रही है. कुलपति छात्रों को उनके बैच उतार कर कुलपति कार्यालय में मिलने की बात कर रहे हैं जो छात्र संगठनों को मंजूर नहीं है. छात्र संगठनों का कहना है कि कुलपति उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं जिसे वह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे और अपनी आवाज को तब तक बुलंद करेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल नहीं किया जाता है.