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Strike in Himachal: अनिरुद्ध सिंह ने की जिला परिषद कर्मियों से काम पर लौटने की अपील, कहा- आपदा एवं पुनर्वास कार्यों के लिए कर्मचारियों की मदद जरूरी

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 14, 2023, 3:30 PM IST

पिछले दो सप्ताह से अपनी मांगों को लेकर जिला परिषद कैडर के 4700 कर्मचारियों हड़ताल पर बैठे हैं. जिससे पंचायतों का कामकाज पूरी तरह से ठप है. जिसको लेकर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है...(Anirudh Singh appealed to Zilla Parishad Cadre Employees) (Strike in Himachal)

Strike in Himachal
अनिरुद्ध सिंह

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला परिषद कैडर से करीब 4700 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं. इस कारण पंचायतों में पूरी तरह से कामकाज ठप है. आपदा के बाद पंचायतों में राहत व पुनर्वास कार्य भी हड़ताल की कारण प्रभावित हो रहे हैं. जिसको देखते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने हड़ताल पर गए जिला परिषद कर्मचारियों से आपदा के बाद राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा इन कार्यों में कर्मचारियों की सेवाएं अति आवश्यक हैं.

अनिरूद्ध सिंह ने कहा इस साल हुई भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश ने अब तक सबसे बड़ी भीषण त्रासदी का सामना किया है. भारी बारिश और भूस्खलन होने से लोगों के घर, गौशालाएं ढह गए. निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हजारों करोड़ों का नुकसान पहुंचा है. कृषि एवं बागवानी भूमि और फसलों को भी भारी क्षति हुई है. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को मदद के लिए ₹4500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया है.

आर्थिक पैकेज से लोगों के घर बनाने से लेकर गौशालाओं व कृषि भूमि के संरक्षण के कार्य शामिल किए गए हैं. मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार लगभग एक हजार करोड़ रुपये ग्रामीण जीवन को पुनर्जीवित करने के लिए व्यय करने जा रही है.उन्होंने ने कहा कि यह सभी कार्य पंचायत स्तर पर पूर्ण किए जाने हैं, जिसमें जिला परिषद कर्मचारियों की प्रमुख भूमिका होती है. उन्होंने हड़ताल पर गए सभी कर्मियों से अपील की है कि वे प्रभावित परिवारों के दुःख-दर्द को समझते हुए वापस काम पर लौट जाएं.

पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने में जिला परिषद कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा है. विभिन्न वित्तीय बाधाओं के बावजूद वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी सदैव कर्मचारी हित में निर्णय लिए हैं.प्रदेश सरकार शुरू से ही जिला परिषद कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं. ऐसे में कर्मचारियों को विपक्ष के किसी भी प्रकार के झांसे में न आकर संयम बरतते हुए प्रभावित परिवारों व प्रदेश हित की सोच के साथ कार्य पर लौटना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Strike in Himachal: हिमाचल की पंचायतों में कामकाज ठप, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे 4700 जिला परिषद कैडर कर्मचारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला परिषद कैडर से करीब 4700 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं. इस कारण पंचायतों में पूरी तरह से कामकाज ठप है. आपदा के बाद पंचायतों में राहत व पुनर्वास कार्य भी हड़ताल की कारण प्रभावित हो रहे हैं. जिसको देखते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने हड़ताल पर गए जिला परिषद कर्मचारियों से आपदा के बाद राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा इन कार्यों में कर्मचारियों की सेवाएं अति आवश्यक हैं.

अनिरूद्ध सिंह ने कहा इस साल हुई भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश ने अब तक सबसे बड़ी भीषण त्रासदी का सामना किया है. भारी बारिश और भूस्खलन होने से लोगों के घर, गौशालाएं ढह गए. निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हजारों करोड़ों का नुकसान पहुंचा है. कृषि एवं बागवानी भूमि और फसलों को भी भारी क्षति हुई है. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को मदद के लिए ₹4500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया है.

आर्थिक पैकेज से लोगों के घर बनाने से लेकर गौशालाओं व कृषि भूमि के संरक्षण के कार्य शामिल किए गए हैं. मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार लगभग एक हजार करोड़ रुपये ग्रामीण जीवन को पुनर्जीवित करने के लिए व्यय करने जा रही है.उन्होंने ने कहा कि यह सभी कार्य पंचायत स्तर पर पूर्ण किए जाने हैं, जिसमें जिला परिषद कर्मचारियों की प्रमुख भूमिका होती है. उन्होंने हड़ताल पर गए सभी कर्मियों से अपील की है कि वे प्रभावित परिवारों के दुःख-दर्द को समझते हुए वापस काम पर लौट जाएं.

पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने में जिला परिषद कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा है. विभिन्न वित्तीय बाधाओं के बावजूद वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी सदैव कर्मचारी हित में निर्णय लिए हैं.प्रदेश सरकार शुरू से ही जिला परिषद कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं. ऐसे में कर्मचारियों को विपक्ष के किसी भी प्रकार के झांसे में न आकर संयम बरतते हुए प्रभावित परिवारों व प्रदेश हित की सोच के साथ कार्य पर लौटना चाहिए.

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