ETV Bharat / state

आयोडीन की कमी बन रही है गंभीर समस्या, ऐसे करें बचाव: डॉ. सुरेखा चोपड़ा

दीन दयाल अस्पताल में ग्लोबल आयोडीन अल्पता विकार दिवस के उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई.

DDU shimla dr surekha chopra
डाॅ. सुरेखा चोपड़ा
author img

By

Published : Oct 21, 2020, 8:38 PM IST

शिमला: दीन दयाल अस्पताल में ग्लोबल आयोडीन अल्पता विकार दिवस के उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया.यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई.

डाॅ. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि आयोडीन अल्पता विकार एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. नमक में आयोडीन की कमी होने से थकान, कमजोरी, गर्भपात, भैंगापन, मंदबुद्धि, विकलांगता, बौनापन और बहरापन होता है. मानव शरीर की थायराइड ग्रंथि को ठीक प्रकार से काम करने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती हैे और इसकी कमी से घेंघा या गोयटर भी हो सकता है.

इस बीमारी में गर्दन में थायरायड ग्रंथि वाले स्थान पर सूजन आ जाती है. आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक व खाद्य पदार्थ जैसे रोस्टेड आलू, ब्राउन राइस, सी फूड, टूना फिश, दूध और दही आदि लेना जरूरी है. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर को प्रतिदिन अपने आहार में 100 से 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है.

स्वास्थ्य पर्यवेक्षक दिलसुख ने नमक में आयोडीन की जांच का नमूना देकर आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया. इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. मनीश सूद, डाॅ. ईशा ठाकुर, डाॅ. आरती, डाॅ. अकांक्षा सूद और स्वास्थ्य शिक्षक, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

पढ़ें: नैना देवी मंदिर में चढ़ावे से मेधावी बच्चों को स्कॉलरशिप व गरीब बेटियों की होती है शादी: हुसन चंद

शिमला: दीन दयाल अस्पताल में ग्लोबल आयोडीन अल्पता विकार दिवस के उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को बैठक का आयोजन किया गया.यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई.

डाॅ. सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि आयोडीन अल्पता विकार एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. नमक में आयोडीन की कमी होने से थकान, कमजोरी, गर्भपात, भैंगापन, मंदबुद्धि, विकलांगता, बौनापन और बहरापन होता है. मानव शरीर की थायराइड ग्रंथि को ठीक प्रकार से काम करने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती हैे और इसकी कमी से घेंघा या गोयटर भी हो सकता है.

इस बीमारी में गर्दन में थायरायड ग्रंथि वाले स्थान पर सूजन आ जाती है. आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक व खाद्य पदार्थ जैसे रोस्टेड आलू, ब्राउन राइस, सी फूड, टूना फिश, दूध और दही आदि लेना जरूरी है. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर को प्रतिदिन अपने आहार में 100 से 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है.

स्वास्थ्य पर्यवेक्षक दिलसुख ने नमक में आयोडीन की जांच का नमूना देकर आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया. इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. मनीश सूद, डाॅ. ईशा ठाकुर, डाॅ. आरती, डाॅ. अकांक्षा सूद और स्वास्थ्य शिक्षक, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

पढ़ें: नैना देवी मंदिर में चढ़ावे से मेधावी बच्चों को स्कॉलरशिप व गरीब बेटियों की होती है शादी: हुसन चंद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.