शिमला: श्री नैना देवी व श्री आनंदपुर साहिब के बीच रोपवे के निर्माण को लेकर चंडीगढ़ के पंजाब भवन में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश व पंजाब दोनों राज्यों की बैठक हुए. जिसमें रोपवे निर्माण को लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों में चर्चा हुई.
बीते 28 सितंबर को हुए समझौता ज्ञापन के बाद हिमाचल प्रदेश व पंजाब दोनों राज्यों के संयुक्त उपक्रम के रूप में गठित श्री नैना देवी जी और श्री आनंदपुर साहिब जी रोपवे कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल की पहली बैठक चंडीगढ़ के पंजाब भवन में आयोजित की गई. जिसमें दोनों राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया.
210 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए गठित की गई संयुक्त उपक्रम कंपनी के निदेशक मंडल में पांच निदेशक हिमाचल प्रदेश सरकार और पांच निदेशक पंजाब सरकार द्वारा मनोनित किए गए. शुरुआती पूंजीगत निवेश में 50-50 लाख रुपये की राशि दोनों राज्यों द्वारा जमा करवाई जा रही है. इस रोपवे के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी और पंजाब के श्रद्धालु आराम से धार्मिक स्थल तक पहुंच सकेंगे.
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ा और कई अड़चनें भी राह में आई. साल 2012-13 में भी इस रोपवे के निर्माण का प्रयास किया गया था और इसके लिए 14 एकड़ जमीन भी अधिकृत की गई थी, लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया. पिछले साल 28 सितंबर को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और ये तय हुआ कि दोनों राज्य मिलकर इसके निर्माण को आगे बढ़ाएंगे और ये रोपवे दोनों राज्यों का संयुक्त उपक्रम होगा.
इस प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अप्पर टर्मिनल प्वाइंट श्री नैना देवी में होगा.
गौर हो कि श्री नैना देवी मंदिर में शीश नवाने अस्सी प्रतिशत श्रद्धालु पंजाब से आते हैं और पिछले साल करीब 25 लाख श्रद्धालु यहां पहुंचे थे. इस रोपवे के निर्माण से और अधिक श्रद्धालु श्री नैना देवी मंदिर पहुंच पाएंगे. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए दोनों राज्यों के पर्यटन विभाग इसकी नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहे हैं और आगामी ढ़ाई साल के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इस रोपवे के निर्माण के लिए मैसर्ज इंडियन पोर्ट रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) द्वारा फ्री फिजिबिलिटी स्टडी की गई थी और आज के इस निदेशक मंडल की बैठक में इस बारे कंपनी के अधिकारियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई. जिसमें ये बताया गया कि तीन वर्ष पहले गठित ये कंपनी इस समय देश में 12 ऐसे रोपवे बना रही है, जिनमें 8 किलोमीटर लंबा एलीफेंटा मुंबई रोपवे भी शामिल है.
ये प्रोजेक्ट दो राज्यों व दो धर्मों के बीच आपसी भाईचारे व सद्भावना की डोर को और मजबूत करेगा. जिस तरह 52 शक्तिपीठों में से एक श्री नैना देवी हिमाचल प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, उसी तरह श्री आनंदपुर साहब भी एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र है.
हिमाचल प्रदेश की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) राम सुभग सिंह, निदेशक पर्यटन अमित कश्यप व अतिरिक्त निदेशक मनोज शर्मा और पंजाब सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव बिन्नी महाजन, प्रधान सचिव (पर्यटन) विकास प्रताप, प्रधान सचिव (वित्त) अनिरूद्ध तिवारी, निदेशक पर्यटन मलविंदर सिंह जग्गी और आईआरएसई के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप के अग्रवाल इस बैठक में शामिल हुए.