हमीरपुर: भोटा चैरिटेबल अस्पताल के बंद किए जाने के मामले में शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार एक दिसंबर को हाई लेवल की बैठक करेंगे. प्रदर्शन पर बैठे लोग सीएम सुक्खू के इस फैसले से खुश हैं. बीते दिन शुक्रवार को लोगों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया. सीएम के इस फैसले के बाद लोगों ने सड़क को जाम नहीं किया. सड़क किनारे बैठकर लोगों ने प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे रिटायर्ड एसडीओ रविन्द्र खन्ना ने बताया "मुख्यमंत्री सुक्खू के द्वारा पहली दिसंबर को भोटा अस्पताल को लेकर बैठक करने के फैसले का हम स्वागत करते हैं इसलिए हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर सीएम द्वारा 1 दिसंबर को अस्पताल को खुलवाने का प्रयास नाकाम रहता है तो लोग उग्र प्रदर्शन करेंगे."
धरने पर आई महिलाओं ने बताया "भोटा अस्पताल में कई सालों से निशुल्क और बहुत कम दाम पर लोगों का इलाज हो रहा है. यह अस्पताल बंद नहीं होना चाहिए" वहीं, एक प्रदर्शनकारी ने जानकारी देते हुए बताया, "अस्पताल के पहली दिसंबर से बंद होने की सूचना के बाद लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. क्षेत्र के एक हजार गांवों के लोग अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा पाते हैं इसलिए लोगों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. सीएम सुक्खू द्वारा बैठक बुलाने पर लोगों में खुशी है और उम्मीद है कि एक दिसंबर को इस समस्या का हल निकल जाएगा"
ये है मामला
राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन ने मांग उठाई है कि भोटा अस्पताल को उनकी ही सिस्टर कंसर्न महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर किया जाए. यदि ऐसा नहीं होता है तो राधा स्वामी सत्संग ब्यास ट्रस्ट इस अस्पताल को बंद कर देगा. 1 दिसंबर से अस्पताल को बंद करने का नोटिस भी अस्पताल के गेट पर लगाया गया है. इस अस्पताल को सोसायटी को ट्रांसफर करने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करना होगा. इसके लिए विधानसभा में बिल लाना होगा. हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बयान दिया है कि इसके लिए विधानसभा सेशन में बिल लाया जाएगा.