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तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा जवान का पार्थिव शरीर, शहीद विदेश ने मां से किया था जल्द घर आने का वादा - भारत-तिब्बत सीमा

किन्नौर जिला में भारत-तिब्बत सीमा के साथ डोगरी नाले में हिमखंड में दबने से शहीद हुए विदेश कुमार का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है. शहीद बेटे का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट घर पहुंचाया गया है.

martyr dead body
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Published : Mar 15, 2019, 12:44 PM IST

शिमला: किन्नौर जिला में भारत-तिब्बत सीमा के साथ डोगरी नाले में हिमखंड में दबने से शहीद हुए विदेश कुमार का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है. शहीद बेटे का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट घर पहुंचाया गया है.निरमंड की खरगा पंचायत के थरूवा गांव के सैनिक विदेश कुमार (32) के शहीद होने की खबर मिलने के बाद समूचे क्षेत्र के लोग गमगीन है. क्षेत्रवासी परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.

martyr dead body
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बीते 23 दिनों से विदेश के पिता आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त ईश्वर दास और माता पुष्पा देवी अपने बेटे की सही सलामत लौटने की उम्मीद लगाए हुए थे. बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और शुक्रवार सुबह ही शहीद विदेश का पार्थिव शरीर उनके घर थरूवा पहुंचाया गया है. हिमखंड की चपेट में आने से पहले शहीद विदेश कुमार ने मां पुष्पा देवी को फोन कर बताया था कि वे जल्द छुट्टी लेकर घर वापस लौटेंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि ऐसी खबर सुनने को मिलेगी. विदेश 20 फरवरी को सेना के छ जवानों के साथ हिमंखड में दब गए थे.

शिमला: किन्नौर जिला में भारत-तिब्बत सीमा के साथ डोगरी नाले में हिमखंड में दबने से शहीद हुए विदेश कुमार का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया है. शहीद बेटे का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट घर पहुंचाया गया है.निरमंड की खरगा पंचायत के थरूवा गांव के सैनिक विदेश कुमार (32) के शहीद होने की खबर मिलने के बाद समूचे क्षेत्र के लोग गमगीन है. क्षेत्रवासी परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.

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बीते 23 दिनों से विदेश के पिता आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त ईश्वर दास और माता पुष्पा देवी अपने बेटे की सही सलामत लौटने की उम्मीद लगाए हुए थे. बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और शुक्रवार सुबह ही शहीद विदेश का पार्थिव शरीर उनके घर थरूवा पहुंचाया गया है. हिमखंड की चपेट में आने से पहले शहीद विदेश कुमार ने मां पुष्पा देवी को फोन कर बताया था कि वे जल्द छुट्टी लेकर घर वापस लौटेंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि ऐसी खबर सुनने को मिलेगी. विदेश 20 फरवरी को सेना के छ जवानों के साथ हिमंखड में दब गए थे.
जवन विदेश का पार्थीव शरीर तिरंगे में लपेट कर घर ले जाते हुए जवान
रामपुर बुशहर, 15 मार्च मीनाक्षी 

किन्नौर जिला में भारत-तिब्बत सीमा के साथ डोगरी नाले में हिमखंड में दबने से शहीद हुए विदेश कुमार का पार्थीव शरीर आज उनके घर पहुच गया है। शहीद बेटे का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट घर पहुंचाया गया  है। । निरमंड की खरगा पंचायत के थरूवा गांव के सैनिक विदेश कुमार (32) के शहीद होने की खबर मिलने के बाद समूचे क्षेत्र के लोग गमगीन हैं। क्षेत्रवासी परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं।

बीते 23 दिनों से विदेश के पिता आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त ईश्वर दास और माता पुष्पा देवी अपने बेटे की सही सलामत लौटने की उम्मीद लगाए हुए थे। लेकिन बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। और आज सुबह ही शहीद विदेश का पार्थीव उनके घर थरूवा ला दिया गया है। 
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