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शिमला के शोघी में 50 साल के व्यक्ति ने की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस - shimla news hindi

शिमला शहर के साथ लगते शोघी में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि व्यक्ति मानसिक तौर पर परेशान था. शव का आइजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है इसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया जाएगा. (man committed suicide in Shoghi) (suicide case in Shimla)

suicide case in Shimla
suicide case in Shimla
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Published : Feb 20, 2023, 5:19 PM IST

शिमला: जिले में आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे रहे हैं. ताजा मामले में शिमला के शोघी से सामने आया है. जहां एक 50 साल के व्यक्ति ने आत्महत्या कर दी. व्यक्ति नेपाल का रहने वाला था. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है. पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता लग पाएगा.

मानसिक तौर पर परेशान व्यक्ति: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक कालू बहादुर शोघी में रहता था. उसका परिवार किसी काम से घर से बाहर गया हुआ था. इसी बीच रविवार देर रात उसने आत्महत्या कर ली. परिवार के लोगों ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक तौर पर परेशान था. अभी यह पता नहीं लग पाया है कि मौत के असली कारण क्या रहे हैं. शव का आइजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है इसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया जाएगा. पुलिस को फिलहाल किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है. मौत के कारणों की भी जांच हो रही है. एएसपी सुनील नेगी ने मामले की पुष्टि की है.

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: आइजीएमसी शिमला मनोरोग चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार की मानें तो आत्महत्या से पहले लोग बातों व व्यवहार से कई तरह के संकेत दे देते हैं. या तो वे कम बातें करेंगे या भावुक होकर रोना शुरू कर देंगे. इन संकेतों को परिवार वाले समझें व सुनें. चिकित्सक की सलाह लें. नशे के कारण भी लोग आत्महत्या करते हैं. नशा एक बीमारी है. इसका सेवन करने वालों का इलाज करवाएं. डिप्रेशन के कारण ज्यादातर लोग आत्महत्या करते हैं. लक्षण पाए जाने पर साइको थैरेपी व काउंसलिंग करवाएं. प्रीवेंशन के अर्ली स्टेपस उठाएं.

क्या कार्रवाई करती है पुलिस: अगर कहीं किसी ने जहरीला पदार्थ निगल लिया या फंदा लगाया हो तो पुलिस सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करती है. अगर स्वजन आरोप लगाते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया या प्रताड़ना से तंग आकर कदम उठाया तो आइपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होता है. ऐसा तभी होता है अगर पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट या अन्य सुबूत मिले हों.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के खिलाफ भाजपा शिमला मंडल का हस्ताक्षर अभियान, सरकार पर लगाए आरोप

शिमला: जिले में आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं. आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे रहे हैं. ताजा मामले में शिमला के शोघी से सामने आया है. जहां एक 50 साल के व्यक्ति ने आत्महत्या कर दी. व्यक्ति नेपाल का रहने वाला था. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है. पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता लग पाएगा.

मानसिक तौर पर परेशान व्यक्ति: पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक कालू बहादुर शोघी में रहता था. उसका परिवार किसी काम से घर से बाहर गया हुआ था. इसी बीच रविवार देर रात उसने आत्महत्या कर ली. परिवार के लोगों ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक तौर पर परेशान था. अभी यह पता नहीं लग पाया है कि मौत के असली कारण क्या रहे हैं. शव का आइजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है इसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया जाएगा. पुलिस को फिलहाल किसी तरह का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है. मौत के कारणों की भी जांच हो रही है. एएसपी सुनील नेगी ने मामले की पुष्टि की है.

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: आइजीएमसी शिमला मनोरोग चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार की मानें तो आत्महत्या से पहले लोग बातों व व्यवहार से कई तरह के संकेत दे देते हैं. या तो वे कम बातें करेंगे या भावुक होकर रोना शुरू कर देंगे. इन संकेतों को परिवार वाले समझें व सुनें. चिकित्सक की सलाह लें. नशे के कारण भी लोग आत्महत्या करते हैं. नशा एक बीमारी है. इसका सेवन करने वालों का इलाज करवाएं. डिप्रेशन के कारण ज्यादातर लोग आत्महत्या करते हैं. लक्षण पाए जाने पर साइको थैरेपी व काउंसलिंग करवाएं. प्रीवेंशन के अर्ली स्टेपस उठाएं.

क्या कार्रवाई करती है पुलिस: अगर कहीं किसी ने जहरीला पदार्थ निगल लिया या फंदा लगाया हो तो पुलिस सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई करती है. अगर स्वजन आरोप लगाते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाया गया या प्रताड़ना से तंग आकर कदम उठाया तो आइपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होता है. ऐसा तभी होता है अगर पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट या अन्य सुबूत मिले हों.

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