ETV Bharat / state

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की रोजी रोटी पर संकट, प्रतिदिन 14.20 करोड़ का नुकसान

कोरोना वायरस की वजह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा धक्का लगा है. टैक्सी चालक से लेकर प्राइवेट और वॉल्वो बस को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

Loss to transport business due to lockdown
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की रोजी रोटी पर संकट
author img

By

Published : Apr 28, 2020, 8:25 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के कारण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी पर संकट बन गया है. इस व्यवसाय में प्रतिदिन 14.28 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा रहा है. जिसमें 3.28 करोड़ रुपये का नुकसान यात्री वाहनों, प्राइवेट बस, वॉल्वो बस, टूरिस्ट बस और टैक्सी, कैब के व्यवसाय से जुड़े लोगों को हो रहा है.

बता दें कि इसके अलावा प्रतिदिन 11 करोड़ रुपये का नुकसान मालवाहक वाहन से जुड़े लोगों को झेलना पड़ रहा है. जिनमें ट्रक ड्राइवर, ट्रक मलिक, टेम्पो के व्यवसाय से जुडे़ लोगों की रोजी रोटी पर खतरा बन गया है. यहा आंकड़े सिर्फ लोगों के बिजनेस लॉस के हैं. इसमें कारोबार और उसके लाभ का आकलन नहीं किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रदेश परिवहन विभाग ने इस नुकसान का आंकलन किया है और इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भी सौंप दी है. विभाग ने यह आंकलन प्रतिदिन के आधार पर किया है. प्रदेश में एक महीने से लॉकडाउन जारी है. कोरोना के कारण सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर प्रभावित हुआ है क्योंकि प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्य भी लॉकडाउन के कारण बंद हैं. वहीं प्रदेश में निजी बसों, टैक्सी और अन्य बसें भी नहीं चल रही है.

लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी तरह का निजी ट्रांसपोर्ट बंद है, जिससे कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा. इसके अलावा परोक्ष रुप से भी बहुत से लोगों का करोबार प्रभावित हुआ है. जिनमें ढाबे वाले, टायर पंचर वाले, छोटे होटल कारोबारी शामिल हैं. इन सभी के पास ना ही अधिक धन संचय होता है और ना ही कोई अन्य आर्थिक साधन कोरोना वायरस के कारण इनको भी भारी नुकसान हुआ है.

निजी परिवहन मालिकों और व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि व्यवसाय ना चलने के कारण एक तरफ तो उनको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं दुसरी तरफ बैंकों कि किस्त का बोझ भी बढ़ता जा रहा है. उन्होने सरकार से सभी प्रकार के टैक्स माफ करने की मांग की है. इसके अलावा बेरोजगारी के इस दौर में बैंकों से ब्याज में भी राहत प्रदान करने मांग की है.

शिमला: कोरोना संकट के कारण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी पर संकट बन गया है. इस व्यवसाय में प्रतिदिन 14.28 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा रहा है. जिसमें 3.28 करोड़ रुपये का नुकसान यात्री वाहनों, प्राइवेट बस, वॉल्वो बस, टूरिस्ट बस और टैक्सी, कैब के व्यवसाय से जुड़े लोगों को हो रहा है.

बता दें कि इसके अलावा प्रतिदिन 11 करोड़ रुपये का नुकसान मालवाहक वाहन से जुड़े लोगों को झेलना पड़ रहा है. जिनमें ट्रक ड्राइवर, ट्रक मलिक, टेम्पो के व्यवसाय से जुडे़ लोगों की रोजी रोटी पर खतरा बन गया है. यहा आंकड़े सिर्फ लोगों के बिजनेस लॉस के हैं. इसमें कारोबार और उसके लाभ का आकलन नहीं किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

प्रदेश परिवहन विभाग ने इस नुकसान का आंकलन किया है और इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भी सौंप दी है. विभाग ने यह आंकलन प्रतिदिन के आधार पर किया है. प्रदेश में एक महीने से लॉकडाउन जारी है. कोरोना के कारण सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर प्रभावित हुआ है क्योंकि प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्य भी लॉकडाउन के कारण बंद हैं. वहीं प्रदेश में निजी बसों, टैक्सी और अन्य बसें भी नहीं चल रही है.

लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी तरह का निजी ट्रांसपोर्ट बंद है, जिससे कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल पा रहा. इसके अलावा परोक्ष रुप से भी बहुत से लोगों का करोबार प्रभावित हुआ है. जिनमें ढाबे वाले, टायर पंचर वाले, छोटे होटल कारोबारी शामिल हैं. इन सभी के पास ना ही अधिक धन संचय होता है और ना ही कोई अन्य आर्थिक साधन कोरोना वायरस के कारण इनको भी भारी नुकसान हुआ है.

निजी परिवहन मालिकों और व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि व्यवसाय ना चलने के कारण एक तरफ तो उनको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं दुसरी तरफ बैंकों कि किस्त का बोझ भी बढ़ता जा रहा है. उन्होने सरकार से सभी प्रकार के टैक्स माफ करने की मांग की है. इसके अलावा बेरोजगारी के इस दौर में बैंकों से ब्याज में भी राहत प्रदान करने मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.