शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा रहा है. बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को करीब 5300 करोड़ की क्षति पहुंची है. इसमें लोक निर्माण विभाग को 1739 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब चार दर्जन पुल भी भारी बारिश में क्षतिग्रस्त हुए. बारिश के बाद प्रदेश में सड़कें बंद हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं. प्रदेश में करीब 566 सड़कें भी बंद पडी हैं, जिनमें 363 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन की बंद हैं, जबकि 152 सड़कें मंडी जोन की बंद हैं. वहीं कांगड़ा जोन में 39 और हमीरपुर जोन के तहत 10 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित करीब एक हजार मशीनें लगाई हुई हैं.
जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं को 1543 करोड़ का नुकसान: दरअसल, मानसून में जल शक्ति विभाग की पानी और अन्य परियोजनाओं को भारी क्षति पहुंची है. जल शक्ति विभाग की करीब 8395 योजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इन परियोजनाओं में 6624 पेयजल की हैं, जिनमें से 6275 अस्थाई तौर पर बहाल की गई हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1516, फ्लड कंट्रोल की 181 और सीवरेज की 67 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1543 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके साथ ही प्रदेश में कृषि फसलों को करीब 167 करोड़ और फलों को भी करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, बिजली बोर्ड को भी करीब 1482 करोड़ के अलावा नगर निकायों में भी संपत्तियों को करीब 6.47 करोड़ का नुकसान भी हुआ है.
7300 से ज्यादा आशियाने, 2 हजार गौशालाएं ढहीं: प्रदेश में मानसून में संपत्तियों के साथ ही भारी जानी नुकसान भी हुआ है. मानसून में अब तक 168 लोगों की मौत हुई है, जबकि बारिश से संबंधित हादसों में करीब 195 लोग जख्म भी हुए. भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन व फ्लड 7338 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 652 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 6686 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा 236 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई और करीब दो हजार गौशालाएं भी ढह गईं.
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