शिमला: केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की गैप फंडिंग बंद करने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसका विरोध न करने पर सवाल खड़े किए हैं.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी का शेयर तक देने से इनकार कर दिया है. केंद्र को 3,200 करोड़ का शेयर हिमाचल को देना था, लेकिन केंद्र ने शार्ट फॉल को कर्ज के माध्यम से आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं. हिमाचल में पहले ही सरकार कर्ज के सहारे चल रही है. सरकार ने कर्ज लेने के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. वहीं, अब जीएसटी के शॉर्ट फॉल को कर्ज से पूरा करना पड़ेगा. इससे हिमाचल की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा जाएगी.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जून 2022 तक राज्यों को शार्ट फॉल की भरपाई का भरोसा दिया था, लेकिन अब राज्यों को इसकी भरपाई कर्ज लेकर करने की नसीहत दे रही है. वहीं, हिमाचल सरकार भी इस पर अपना मुंह सील कर बैठी है और जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसका विरोध तक नहीं किया गया.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसे लेकर जयराम ठाकुर चुप्पी साधे हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट को लेकर केंद्र सरकार से हुई बात को भी सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के वित्तीय हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं, लेकिन सरकार फिजूलखर्ची नहीं रोक रही है. रोज ऑनलाइन उद्घाटन कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने जिलों को पत्र लिखकर 35 फीसदी से ज्यादा डेवलपमेंट बजट खर्च न करने को कहा है, जिसका मतलब 65 फीसदी बजट पर कट लगा दिया गया है. प्रदेश में वित्तीय संकट के बावजूद सरकार नए मंत्री, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना रही है. साथ ही प्रदेश पर वित्तीय बोझ कम करने के बजाय बढ़ाने का काम कर रही है.
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