शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद सैंकड़ों सड़कें और कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके अलावा सैंकडों पानी की परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हैं. सरकार जनजीवन को सामान्य बनाने में जुटी हुई है, लेकिन कई जगह बारिश इन कामों में बाधा बन रही है. मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी भी पानी की 963 परियोजनाएं ठप हैं. इसके अलावा विभिन्न जगहों पर 793 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं. प्रदेश में कई इलाकों बिजली की सप्लाई भी बाधित है.
बारिश का कहर: हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारण बड़ी संख्या में सड़कें बंद हो गई हैं, इनमें कुछ नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे भी शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार एनएच-5 स्किब्बा और स्पीलो के पास बंद हो गया है. इसी तरह मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे-21, लाहौल स्पीति में ग्राम्फू से लोकार नेशनल हाईवे-505 बंद है. जिनको खोलने का प्रयास जारी है. इसी तरह कुल्लू से मनाली नेशनल हाईवे-3 भी बंद पड़ा है. सिरमौर में शिलाई के समीप नेशनल हाईवे-707 और तांदी से काधूनाला स्टेट हाईवे अभी बंद पड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब 1018 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई हैं.
कहीं पीने के पानी को, कहीं लाइट को तरसे लोग: हिमाचल में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की सैंकड़ों पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. कई परियोजनाओं में गाद जमा हो गई है, जिसको साफ करने का काम किया जा रहा है. जानकारी के मुतबाकि अभी भी प्रदेश में 963 जल परियोजनाएं बंद हैं. जल परियोजनाओं के साथ प्रदेश में कई जगहों पर अभी भी बिजली न होने से अंधेरा छाया हुआ है. कई बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे बिजली की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बिजली के करीब 1468 ट्रांसफार्मर बंद हैं. इनमें अधिकांश ग्रामीण इलाकों में ही हैं.
बारिश में 91 लोगों की जानें गई: हिमाचल में बारिश के कहर से कई लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं. बताया जा रहा है कि मानसून में अब तक 91 लोगों की मौत हुई है. मूसलाधार बारिश के बाद लैंडस्लाइड और बाढ़ से प्रदेश के कई हिस्सों में रियाहशी आवासों, दुकानों और गौशालाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार प्रदेश में बरसात शुरू होने से अब तक 1764 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 636 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 1128 घरों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इनके अलावा 78 दुकानों को भी बारिश से नुकसान हुआ है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 612 गौशालाएं भी भारी बारिश में ढह गई और 612 मवेशियों की भी मौत हुई है.
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