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हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में मरीज रहे परेशान, क्रसना लैब में टेस्टिंग बंद, सरकारी लैब की टाइमिंग बढ़ी

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कल की तरह आज भी मरीज परेशान रहे. वजह क्रसना लैब ने टेस्टिंग और एक्स-रे करना बंद कर दिया है. क्रसना लैब ने काम शुरू करने के लिए पहले सरकार से बकाया भुगतान करने की मांग की है. हालांकि, सरकारी अस्पतालों ने अपनी लैब की टाइमिंग दोपहर 12 बजे से बढ़ाकर 1 बजे तक कर दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Jan 11, 2024, 10:14 PM IST

शिमला/सोलन: हिमाचल प्रदेश में क्रसना लैब ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में लैब टेस्टिंग सुविधा बीते कल से बंद कर दी है. जिसकी वजह से सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को निजी लैबों में जांच कराने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है.

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को आज भी परेशानियां झेलनी पड़ी. दोपहर 12 बजे के बाद चिकित्सा संस्थानों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे नहीं हुए. इसके लिए मरीजों और तीमारदारों को प्राइवेट लैब का रुख करना पड़ा. वहीं, पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी काम पर लौटने को तैयार नहीं है.

क्रसना लैब ने पेमेंट नहीं मिलने की वजह से टेस्टिंग बंद कर दिया है. क्रसना कंपनी प्रबंधन की माने तो करीब 50 करोड़ की पेमेंट का सरकार ने भुगतान करना है. चार-पांच महीने से सरकार से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन उन्हें पेमेंट नहीं दी जा रही है. इस वजह से लैब ने सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी में निशुल्क टेस्ट और एक्स-रे की सुविधा बंद कर दिए हैं.

अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3,500 से 4,000 मरीज पहुंचते हैं. प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में भी रोजाना 500 से 2500 तक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं. प्रदेश के कई पीएचसी और सीएचसी में भी क्रसना लैब टेस्ट के सैंपल लेती है. कंपनी ने बीते बुधवार से ही टेस्टिंग का काम बंद कर दिया है.

एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि कंपनी के साथ बातचीत हो रही है. जल्द इसका समाधान निकाल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कंपनी को एग्रीमेंट के साथ सभी जगह लैब बनाने को कहा गया है. जल्द पेमेंट का मसला सुलझ जाएगा.

वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भी शिमला, सिरमौर और सोलन के लोग अपना इलाज करवाने के लिए रोजाना पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने क्रसना लैब बंद होने के चलते अब अस्पताल में चलने वाली सरकारी लैब की टाइमिंग को एक घंटा बढ़ा दिया है. ताकि अस्पताल में लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ एसएल वर्मा ने बताया कि बीते बुधवार से क्रसना लैब ने अस्पतालों में टेस्टिंग बंद कर दिया है. ऐसे में मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा अपनी लैब की टाइमिंग को बढ़ा दिया गया है. पहले सुबह 9:30 बजे से 12 तक टेस्ट सुविधा लोगों को अस्पताल में मिल पाती थी, लेकिन अब 1 बजे तक यहां पर सैंपल लिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा लोगों को किसी भी तरह के असुविधा अस्पताल में नहीं होने दी जाएगी. इसको लेकर कार्य किया जा रहा है. क्रसना लैब के अधिकारियों से भी उन्होंने बातचीत की है और उनके विषय को भी जाना है. जिसके बाद एक रिपोर्ट सरकार को बनाकर भेज दी गई है. अभी तक स्वास्थ्य मंत्री की ओर से इसको लेकर किसी भी तरह के निर्देश नहीं मिले हैं. जैसे ही किसी तरह के निर्देश उनके पास पहुंचते हैं, उसको लेकर कार्य किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों का प्रदर्शन, OPS की बहाली और MD को हटाने पर अड़े

शिमला/सोलन: हिमाचल प्रदेश में क्रसना लैब ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में लैब टेस्टिंग सुविधा बीते कल से बंद कर दी है. जिसकी वजह से सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को निजी लैबों में जांच कराने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है.

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को आज भी परेशानियां झेलनी पड़ी. दोपहर 12 बजे के बाद चिकित्सा संस्थानों में पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे नहीं हुए. इसके लिए मरीजों और तीमारदारों को प्राइवेट लैब का रुख करना पड़ा. वहीं, पैथोलॉजी टेस्ट और एक्स-रे के लिए अनुबंधित कंपनी काम पर लौटने को तैयार नहीं है.

क्रसना लैब ने पेमेंट नहीं मिलने की वजह से टेस्टिंग बंद कर दिया है. क्रसना कंपनी प्रबंधन की माने तो करीब 50 करोड़ की पेमेंट का सरकार ने भुगतान करना है. चार-पांच महीने से सरकार से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन उन्हें पेमेंट नहीं दी जा रही है. इस वजह से लैब ने सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, पीएचसी और सीएचसी में निशुल्क टेस्ट और एक्स-रे की सुविधा बंद कर दिए हैं.

अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3,500 से 4,000 मरीज पहुंचते हैं. प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में भी रोजाना 500 से 2500 तक मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं. प्रदेश के कई पीएचसी और सीएचसी में भी क्रसना लैब टेस्ट के सैंपल लेती है. कंपनी ने बीते बुधवार से ही टेस्टिंग का काम बंद कर दिया है.

एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि कंपनी के साथ बातचीत हो रही है. जल्द इसका समाधान निकाल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कंपनी को एग्रीमेंट के साथ सभी जगह लैब बनाने को कहा गया है. जल्द पेमेंट का मसला सुलझ जाएगा.

वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भी शिमला, सिरमौर और सोलन के लोग अपना इलाज करवाने के लिए रोजाना पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने क्रसना लैब बंद होने के चलते अब अस्पताल में चलने वाली सरकारी लैब की टाइमिंग को एक घंटा बढ़ा दिया है. ताकि अस्पताल में लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ एसएल वर्मा ने बताया कि बीते बुधवार से क्रसना लैब ने अस्पतालों में टेस्टिंग बंद कर दिया है. ऐसे में मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा अपनी लैब की टाइमिंग को बढ़ा दिया गया है. पहले सुबह 9:30 बजे से 12 तक टेस्ट सुविधा लोगों को अस्पताल में मिल पाती थी, लेकिन अब 1 बजे तक यहां पर सैंपल लिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा लोगों को किसी भी तरह के असुविधा अस्पताल में नहीं होने दी जाएगी. इसको लेकर कार्य किया जा रहा है. क्रसना लैब के अधिकारियों से भी उन्होंने बातचीत की है और उनके विषय को भी जाना है. जिसके बाद एक रिपोर्ट सरकार को बनाकर भेज दी गई है. अभी तक स्वास्थ्य मंत्री की ओर से इसको लेकर किसी भी तरह के निर्देश नहीं मिले हैं. जैसे ही किसी तरह के निर्देश उनके पास पहुंचते हैं, उसको लेकर कार्य किया जाएगा.

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Last Updated : Jan 11, 2024, 10:14 PM IST
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