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कोटखाई के बागवान के सेब ने बिक्री के तोड़े रिकार्ड, 250 रुपए प्रति किलो बिका सेब, प्रति पेटी 5700 रुपये से 5800 रुपये

हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कोटखाई के बागवान के सेबों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ये एप्स किस्म का सेब मंडी में 250 रुपये किलो के हिसाब से बिक्री हुआ, जबकि पेटी के हिसाब से 5700 रुपये से 5800 रुपये पेटी बिका है. पढ़ें पूरी खबर...

Kotkhai gardener Prem Chauhan
कोटखाई के बागवान के सेब ने बिक्री के तोड़े रिकार्ड
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 8:06 PM IST

शिमला: जिला शिमला के कोटखाई के प्रगतिशील बागवान प्रेम चौहान के सेब ने बिक्री का रिकार्ड बनाया है. यह सेब मंडी में 250 रुपये किलो के हिसाब से बिका है. पेटी के हिसाब से देखा जाए तो यह सेब 5700 रुपये से 5800 रुपये पेटी बिका है. यह अपने आप में एक रिकार्ड है. पिछली बार यही सेब 4500 रुपये पेटी के हिसाब से बिका था, लेकिन अबकी बार इसी सेब ने अपना रिकॉर्ड तोड़ा है. कोटखाई के जलटाहर निवासी प्रेम चौहान का एप्स किस्म के सेब को खरीदने के लिए होड़ लगी रही.

प्रेम चौहान शिमला जिला के पराला मंडी में दो लॉट सेब ले गए थे. जिसमें एक लॉट 70 पेटियों का था, जबकि दूसरे लॉट में 49 पेटियां थीं. पराला मंडी में खरीदारों में इसको खरीदने के लिए होड़ लगी रही. इसमें एक लॉट 245 रुपए प्रति किलो और दूसरे लॉट की बोली 250 रुपए प्रति किलो तक बोली गई. पेटी के हिसाब से देखें तो करीब 5700-5800 रुपये की पेटी यह सेब बिका है. पिछली बार प्रेम चौहान का सेब मंडी में 4500 रुपये प्रति पेटी बिका था, इस बार इस सेब ने नया रिकार्ड बनाया है. इस तरह अपने ही रिकार्ड को ही प्रेम चौहान ने तोड़ा है.

प्रेम चौहान ने तैयार किया है अपना सेब: कोटखाई के इन प्रगतिशील बागवान ने अपना अलग किस्म का सेब तैयार किया है. इस सेब को एप्स नाम दिया गया है. इस सेब को प्रेम चौहान ने लंबी रिसर्च के बाद तैयार किया है. दरअसल उनका यह सेब एक तरह का रायल डिलिशियस का ही नया रूप है जिसको उन्होंने इजाद किया है. बड़ी बात यह है कि इस सेब को क्लोनल सीडलिंग तकनीक से तैयार किया गया है जिसकी जड़ें सीडलिंग प्लांट की तरह गहरी हैं. इस सेब का कलर स्ट्रेन विदेशी किस्म के सेब को भी मात दे रहा है.

इस सेब की किस्म की ये खासियतें: यही नहीं इसकी शेल्फ लाइफ भी काफी ज्यादा है और यह जूसी है. यही वजह है कि इस सेब की मांग बहुत ज्यादा है. प्रेम चौहान ने इस सेब के एक बीघा में करीब 1000 प्लांट तैयार किए हैं और मौजूदा समय में उनके पास करीब 20 हजार ऐसे प्लांटस हैं जिनमें से एक से दो क्रेट सेब निकाल रहे हैं. जबकि पारंपरिक तकनीक मे एक बीघा में 20 से 25 पेड़ ही लगाए जा सकते हैं. इस तरह प्रेम चौहान ने एक बीघा में 1000 पेड़ लगाकर बेहतर गुणवत्ता के इस सेब को तैयार किया है. प्रेम चौहान ने कहा है कि इस बार लोकल मंडी पराला में उनका सेब 250 रुपये किलो तक बिका है. बेहतर क्वालिटी, व कलर, लंबी शेल्फ लाइफ और जूसी होने के कारण इस सेब को बेहतर दाम मिले हैं.

ये भी पढ़ें- G20 Summit: हिमाचल से 4 दिन दिल्ली नहीं जाएगा सेब, बागवानों को तुड़ान न करने की सलाह, बंद रहेगी आजादपुर मंडी

शिमला: जिला शिमला के कोटखाई के प्रगतिशील बागवान प्रेम चौहान के सेब ने बिक्री का रिकार्ड बनाया है. यह सेब मंडी में 250 रुपये किलो के हिसाब से बिका है. पेटी के हिसाब से देखा जाए तो यह सेब 5700 रुपये से 5800 रुपये पेटी बिका है. यह अपने आप में एक रिकार्ड है. पिछली बार यही सेब 4500 रुपये पेटी के हिसाब से बिका था, लेकिन अबकी बार इसी सेब ने अपना रिकॉर्ड तोड़ा है. कोटखाई के जलटाहर निवासी प्रेम चौहान का एप्स किस्म के सेब को खरीदने के लिए होड़ लगी रही.

प्रेम चौहान शिमला जिला के पराला मंडी में दो लॉट सेब ले गए थे. जिसमें एक लॉट 70 पेटियों का था, जबकि दूसरे लॉट में 49 पेटियां थीं. पराला मंडी में खरीदारों में इसको खरीदने के लिए होड़ लगी रही. इसमें एक लॉट 245 रुपए प्रति किलो और दूसरे लॉट की बोली 250 रुपए प्रति किलो तक बोली गई. पेटी के हिसाब से देखें तो करीब 5700-5800 रुपये की पेटी यह सेब बिका है. पिछली बार प्रेम चौहान का सेब मंडी में 4500 रुपये प्रति पेटी बिका था, इस बार इस सेब ने नया रिकार्ड बनाया है. इस तरह अपने ही रिकार्ड को ही प्रेम चौहान ने तोड़ा है.

प्रेम चौहान ने तैयार किया है अपना सेब: कोटखाई के इन प्रगतिशील बागवान ने अपना अलग किस्म का सेब तैयार किया है. इस सेब को एप्स नाम दिया गया है. इस सेब को प्रेम चौहान ने लंबी रिसर्च के बाद तैयार किया है. दरअसल उनका यह सेब एक तरह का रायल डिलिशियस का ही नया रूप है जिसको उन्होंने इजाद किया है. बड़ी बात यह है कि इस सेब को क्लोनल सीडलिंग तकनीक से तैयार किया गया है जिसकी जड़ें सीडलिंग प्लांट की तरह गहरी हैं. इस सेब का कलर स्ट्रेन विदेशी किस्म के सेब को भी मात दे रहा है.

इस सेब की किस्म की ये खासियतें: यही नहीं इसकी शेल्फ लाइफ भी काफी ज्यादा है और यह जूसी है. यही वजह है कि इस सेब की मांग बहुत ज्यादा है. प्रेम चौहान ने इस सेब के एक बीघा में करीब 1000 प्लांट तैयार किए हैं और मौजूदा समय में उनके पास करीब 20 हजार ऐसे प्लांटस हैं जिनमें से एक से दो क्रेट सेब निकाल रहे हैं. जबकि पारंपरिक तकनीक मे एक बीघा में 20 से 25 पेड़ ही लगाए जा सकते हैं. इस तरह प्रेम चौहान ने एक बीघा में 1000 पेड़ लगाकर बेहतर गुणवत्ता के इस सेब को तैयार किया है. प्रेम चौहान ने कहा है कि इस बार लोकल मंडी पराला में उनका सेब 250 रुपये किलो तक बिका है. बेहतर क्वालिटी, व कलर, लंबी शेल्फ लाइफ और जूसी होने के कारण इस सेब को बेहतर दाम मिले हैं.

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