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HPU में तैयार हो रही किडनी डिटेक्शन किट, घर बैठे होगी पथरी की जांच - बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर

एचपीयू बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में कार्यरत डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह किडनी डिटेक्शन किट तैयार करने के लिए शोध कर रहे हैं, जिसके माध्यम से घर बैठे ही लोग किडनी स्टोन का टेस्ट करवा सकते हैं.

किडनी डिटेक्शन किट
Kidney stone kit
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Published : Dec 15, 2019, 10:58 PM IST

शिमला: आज की जीवनशैली में लोगों को किडनी में पथरी की समस्या आम होती जा रही है. ये बीमारी एसी है, जिसका पता नहीं चल पाता यही वजह है कि जब लोगों को असहनीय दर्द उठता है तो वो अस्पताल का रुख करते हैं, जिसके बाद लोगों को पता चलता है कि उन्हें पथरी की समस्या है.

अब इस समस्या का जल्द हल होने जा रहा है. आपको किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावना है तो इसका पता आप बिना अस्पताल जाए घर बैठे ही लगा सकेंगे. ये संभव होगा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थी द्वारा तैयार किए गए किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के माध्यम से.

एचपीयू बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में कार्यरत डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह इस किट को तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं. इस कीट के माध्यम से घर बैठे पता चल पाएगा कि आपको किडनी स्टोन है या इसके होने की संभावनाएं हैं.

वीडियो
किट को तैयार करने के लिए वह बीते चार महीने से शोध कर रहे थे और इसके तैयार होने की संभावनाओं को देखते हुए ही इंडियन पेटेंट ऑफिस में पेटेंट फाइल किया है, जिसके बाद उन्हें पेटेंट नंबर भी मिल चुका है. अब 12 महीने के अंदर इस किट को तैयार कर उन्हें इसका सफल डेमोंसट्रेशन देना होगा.

बता दें कि तैयार कि गई में यूरिन और ब्लड सैंपल के माध्यम से रंगों में कुछ इस तरह का बदलाव आएगा जिससे कि ये जानकारी मिल सकेगी की किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावनाएं कितनी हैं. महेंद्र सिंह का कहना है कि अभी तक लोग अस्पतालों में जाकर एक्सरे, सीटी स्कैन या फिर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ही यह जान पाते हैं कि उन्हें किडनी स्टोन है.

ये सभी माध्यम जहां खर्चीले हैं तो वहीं इनका असर भी शरीर पर पड़ता है. गर्भवती महिलाओं के लिए इसकी रेंज हानिकारक भी होती है, लेकिन जो किट ये तैयार कर रहे हैं उसमें मात्र 200 रुपये की लागत से घर बैठे ही बिना किसी साइड इफेक्ट के किडनी स्टोन की जानकारी मिल पाएगी.किट के तैयार होने के बाद राजधानी शिमला और प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में किडनी स्टोन के रोगियों पर इसका प्रयोग किया जाएगा अगर ये प्रयोग सफल होता है तो इस कीट को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत शोध के लिए हो रही फंडिंग

एचपीयू के बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में किए जा रहे किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के शोध के लिए फंडिंग सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत की जा रही है. इस शोध कार्य को पूरा करने के लिए 50 से 60 हजार का खर्च आएगा, जिसके बाद अनुमानित लागत से 200 रुपये की किट तैयार होगी, जिससे आसानी से घर पर ही किडनी स्टोन है या नहीं इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए टेस्ट किया जा सकेगा.

शिमला: आज की जीवनशैली में लोगों को किडनी में पथरी की समस्या आम होती जा रही है. ये बीमारी एसी है, जिसका पता नहीं चल पाता यही वजह है कि जब लोगों को असहनीय दर्द उठता है तो वो अस्पताल का रुख करते हैं, जिसके बाद लोगों को पता चलता है कि उन्हें पथरी की समस्या है.

अब इस समस्या का जल्द हल होने जा रहा है. आपको किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावना है तो इसका पता आप बिना अस्पताल जाए घर बैठे ही लगा सकेंगे. ये संभव होगा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थी द्वारा तैयार किए गए किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के माध्यम से.

एचपीयू बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में कार्यरत डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह इस किट को तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं. इस कीट के माध्यम से घर बैठे पता चल पाएगा कि आपको किडनी स्टोन है या इसके होने की संभावनाएं हैं.

वीडियो
किट को तैयार करने के लिए वह बीते चार महीने से शोध कर रहे थे और इसके तैयार होने की संभावनाओं को देखते हुए ही इंडियन पेटेंट ऑफिस में पेटेंट फाइल किया है, जिसके बाद उन्हें पेटेंट नंबर भी मिल चुका है. अब 12 महीने के अंदर इस किट को तैयार कर उन्हें इसका सफल डेमोंसट्रेशन देना होगा.

बता दें कि तैयार कि गई में यूरिन और ब्लड सैंपल के माध्यम से रंगों में कुछ इस तरह का बदलाव आएगा जिससे कि ये जानकारी मिल सकेगी की किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावनाएं कितनी हैं. महेंद्र सिंह का कहना है कि अभी तक लोग अस्पतालों में जाकर एक्सरे, सीटी स्कैन या फिर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ही यह जान पाते हैं कि उन्हें किडनी स्टोन है.

ये सभी माध्यम जहां खर्चीले हैं तो वहीं इनका असर भी शरीर पर पड़ता है. गर्भवती महिलाओं के लिए इसकी रेंज हानिकारक भी होती है, लेकिन जो किट ये तैयार कर रहे हैं उसमें मात्र 200 रुपये की लागत से घर बैठे ही बिना किसी साइड इफेक्ट के किडनी स्टोन की जानकारी मिल पाएगी.किट के तैयार होने के बाद राजधानी शिमला और प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में किडनी स्टोन के रोगियों पर इसका प्रयोग किया जाएगा अगर ये प्रयोग सफल होता है तो इस कीट को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत शोध के लिए हो रही फंडिंग

एचपीयू के बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में किए जा रहे किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के शोध के लिए फंडिंग सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत की जा रही है. इस शोध कार्य को पूरा करने के लिए 50 से 60 हजार का खर्च आएगा, जिसके बाद अनुमानित लागत से 200 रुपये की किट तैयार होगी, जिससे आसानी से घर पर ही किडनी स्टोन है या नहीं इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए टेस्ट किया जा सकेगा.

Intro:नोट: खबर के कुछ शॉट्स व्रैप से चैक करें।


आज की जीवनशैली में लोगों में किडनी में पथरी की समस्या आम होती जा रही है। इस समस्या से ज्यादातर लोग परेशान नजर आ रहे हैं। यह बीमारी भी ऐसी है जिसका पता जल्दी नहीं चल पाता है और यही वजह है कि जब लोगों को असहनीय पीड़ा होती है तभी वह अस्पताल का रुख करते हैं। जहां जाकर उन्हें पता चल पाता है कि उन्हें पथरी की समस्या है लेकिन अब यह समस्या जल्द ही हल होने जा रही है। आपको किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावना है इसका पता आप बिना अस्पताल जाए घर बैठे भी लगा सकेंगे। यह संभव होगा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शोधार्थी ओर से तैयार की जा रही किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के माध्यम से।


Body:जी हां अभी तक जहां घरों पर आप अपना डायबिटीज का टेस्ट कर सकते हैं। यहां तक कि बीपी भी चेक कर सकते हैं और अब तो यूरिक एसिड सहित अन्य कई बीमारियों की जांच के लिए छोटी-छोटी किट तैयार हो चुकी है जिनका इस्तेमाल लोग आसानी से घर पर ही कर रहे हैं तो वहीं अब किडनी की समस्या का भी इसी तरह का समाधान लोगों के घरों पर जल्द ही उपलब्ध होगा। एचपीयू बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में कार्यरत डॉ.महेंद्र प्रताप सिंह इस किट को तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। इस कीट के माध्यम से घर बैठे पता चल पाएगा कि आपको किडनी स्टोन है या इसके होने की संभावनाएं हैं। किट को तैयार करने के लिए वह बीते 4 महीने से शोध कर रहे थे और इसके तैयार होने की संभावनाओं को देखते हुए ही इंडियन पेटेंट ऑफिस में पेटेंट फाइल किया है जिसके बाद उन्हें पेटेंट नंबर भी मिल चुका है। अब 12 महीने के अंदर इस किट को तैयार कर उन्हें इसका सफल डेमोंसट्रेशन देना होगा।


Conclusion:बता दें कि यह जो किट तैयार होगी उसमें यूरिन या ब्लड सैंपल के माध्यम से रंगों में कुछ इस तरह का बदलाव आएगा जिससे कि यह जानकारी मिल सकेगी की किडनी स्टोन है या नहीं या इसके होने की संभावनाएं कितनी है। महेंद्र सिंह का कहना है कि अभी तक लोग अस्पतालों में जाकर एक्सरे,सीटी स्कैन या फिर अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ही यह जान पाते हैं कि उन्हें किडनी स्टोन है। यह सभी माध्यम जहां खर्चीले हैं तो वहीं इनका असर भी शरीर पर पड़ता है ओर गर्भवती महिलाओं के लिए इसकी रेज हानिकारक भी होती है,लेकिन जो किट यह तैयार कर रहे हैं उसमें मात्र 200 रुपए की लागत से घर बैठे ही बिना किसी साइड इफेक्ट के किडनी स्टोन की जानकारी मिल पाएगी। किट के तैयार होने के बाद राजधानी शिमला और प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में किडनी स्टोन के रोगियों पर इसका प्रयोग किया जाएगा अगर यह प्रयोग सफल होता है तो इस कीट को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

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सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत शोध के लिए हो रही फंडिंग

एचपीयू के बायो टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर में किए जा रहे किडनी स्टोन डिटेक्शन किट के शोध के लिए फंडिंग सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत की जा रही है। इस शोध कार्य को पूरा करने के लिए 50 से 60 हजार का खर्च आएगा जिसके बाद अनुमानित लागत 200 रुपए की किट तैयार होगी जिससे आसानी से घर पर ही किडनी स्टोन है या नहीं इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए टेस्ट किया जा सकेगा।
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