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कांगड़ा से निकलता है सत्ता का रास्ता, कैबिनेट विस्तार में अनदेखी से नाराज नेताओं को मनाएंगे सीएम सुक्खू

हिमाचल कैबिनेट में कांगड़ा की अनदेखी से नाराज नेताओं को सीएम सुखविंदर सिंह कैबिनेट के अगले विस्तार में मनाकर जगह दे सकते हैं. सीएम इस समय दिल्ली में रहकर बड़े नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं. माना जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद विस्तार किया जाएगा और कांगड़ा की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की जाएगी.(Kangra ignored in Himachal cabinet)

कांगड़ा से निकलता है सत्ता का रास्ता
कांगड़ा से निकलता है सत्ता का रास्ता
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Published : Jan 10, 2023, 8:20 AM IST

शिमला: हिमाचल में चुनाव परिणाम निकलने के 1 माह बाद कैबिनेट विस्तार हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की टीम में 7 नए सदस्य जुड़े, लेकिन जिस जिले से सत्ता का रास्ता निकलता है, वो अनदेखा रह गया. सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने कांग्रेस की झोली में 10 सीटें डाली हैं. वहीं, कैबिनेट विस्तार में कांगड़ा के हिस्से केवल 1 मंत्री पद आया है .(Kangra ignored in Himachal cabinet)

अनार एक तलबगार अनेक: यहां ब्राह्मण नेता सुधीर शर्मा, दलित वर्ग से संबंध रखने वाले यादवेंद्र गोमा, राजपूत नेता भवानी पठानिया और कद्दावर नेता स्व. जीएस बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली मंत्री पद के दावेदार थे, परंतु ओबीसी नेता चंद्र कुमार ही जगह बना सके. अब कांगड़ा जिले की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जल्दी कुछ करना होगा. यदि कैबिनेट विस्तार का दूसरा चरण पूरा करना पड़ा तो 3 मंत्री और बनेंगे. इस विस्तार में हमीरपुर से राजेंद्र राणा, आईडी लखनपाल और बिलासपुर से राजेश धर्माणी को भी एडजस्ट करना पड़ेगा. यानी अनार एक है और तलबगार अनेक.

सीएम राजनीतिक कौशल की परीक्षा: ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक कौशल की परीक्षा होगी. वहीं, सोमवार को शिमला में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कार्यभार संभाला. इस अवसर पर उन्होंने कांगड़ा का जिक्र किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे जल्द ही कांगड़ा का दौरा करेंगे. उन्होंने कांगड़ा के साथ अपने पिता वीरभद्र सिंह के लगाव का जिक्र किया. साथ ही कहा कि वे पिता की सीख पर चलेंगे. (CM will convince angry leaders of Kangra)

सही को सही और गलत को गलत कहेंगे: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे सही को सही और गलत को गलत कहने से नहीं चूकेंगे. इससे संकेत मिलता है कि कैबिनेट विस्तार के बाद भी कांग्रेस में कुछ न कुछ पक रहा है. सोमवार को राज्य सरकार के 6 मंत्री दिल्ली पहुंच गए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी दिल्ली में हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री शिमला में ही हैं. दिल्ली की मीटिंग में हाईकमान से ये डिस्कस हो रहा है कि कैसे कैबिनेट विस्तार की दूसरी पारी को अंजाम देना है.(Minister Vikramaditya Singh will visit Kangra)

मकर संक्रांति बाद बाद हो सकता विस्तार: अभी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी हिमाचल से बाहर हैं. वे लोहड़ी पर्व के बाद ही आएंगे. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू हाईकमान से कांगड़ा जिले को प्रतिनिधित्व देने पर चर्चा कर आगामी कदम उठाएंगे. खुद सीएम सुक्खू को भी अहसास है कि कांगड़ा जिले को केवल 1 मंत्री पद मिला है. ये बात अलग है कि आशीष बुटेल व किशोरी लाल के तौर पर 2 सीपीएस मिले हैं, लेकिन सीपीएस मंत्री पद की बराबरी नहीं कर सकता. यही कारण है कि सीएम सुक्खू को जल्द ही लोअर हिमाचल की नाराजगी को दूर करना होगा. (Himachal cabinet expansion after Makar Sankranti)

ये भी पढ़ें: हिमाचल कैबिनेट गठन के बाद अब पोर्टफोलियो के लिए लॉबिंग, सीएम और मंत्री दिल्ली से आज लौटेंगे

शिमला: हिमाचल में चुनाव परिणाम निकलने के 1 माह बाद कैबिनेट विस्तार हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की टीम में 7 नए सदस्य जुड़े, लेकिन जिस जिले से सत्ता का रास्ता निकलता है, वो अनदेखा रह गया. सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने कांग्रेस की झोली में 10 सीटें डाली हैं. वहीं, कैबिनेट विस्तार में कांगड़ा के हिस्से केवल 1 मंत्री पद आया है .(Kangra ignored in Himachal cabinet)

अनार एक तलबगार अनेक: यहां ब्राह्मण नेता सुधीर शर्मा, दलित वर्ग से संबंध रखने वाले यादवेंद्र गोमा, राजपूत नेता भवानी पठानिया और कद्दावर नेता स्व. जीएस बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली मंत्री पद के दावेदार थे, परंतु ओबीसी नेता चंद्र कुमार ही जगह बना सके. अब कांगड़ा जिले की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जल्दी कुछ करना होगा. यदि कैबिनेट विस्तार का दूसरा चरण पूरा करना पड़ा तो 3 मंत्री और बनेंगे. इस विस्तार में हमीरपुर से राजेंद्र राणा, आईडी लखनपाल और बिलासपुर से राजेश धर्माणी को भी एडजस्ट करना पड़ेगा. यानी अनार एक है और तलबगार अनेक.

सीएम राजनीतिक कौशल की परीक्षा: ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक कौशल की परीक्षा होगी. वहीं, सोमवार को शिमला में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कार्यभार संभाला. इस अवसर पर उन्होंने कांगड़ा का जिक्र किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे जल्द ही कांगड़ा का दौरा करेंगे. उन्होंने कांगड़ा के साथ अपने पिता वीरभद्र सिंह के लगाव का जिक्र किया. साथ ही कहा कि वे पिता की सीख पर चलेंगे. (CM will convince angry leaders of Kangra)

सही को सही और गलत को गलत कहेंगे: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे सही को सही और गलत को गलत कहने से नहीं चूकेंगे. इससे संकेत मिलता है कि कैबिनेट विस्तार के बाद भी कांग्रेस में कुछ न कुछ पक रहा है. सोमवार को राज्य सरकार के 6 मंत्री दिल्ली पहुंच गए. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी दिल्ली में हैं. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री शिमला में ही हैं. दिल्ली की मीटिंग में हाईकमान से ये डिस्कस हो रहा है कि कैसे कैबिनेट विस्तार की दूसरी पारी को अंजाम देना है.(Minister Vikramaditya Singh will visit Kangra)

मकर संक्रांति बाद बाद हो सकता विस्तार: अभी राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी हिमाचल से बाहर हैं. वे लोहड़ी पर्व के बाद ही आएंगे. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू हाईकमान से कांगड़ा जिले को प्रतिनिधित्व देने पर चर्चा कर आगामी कदम उठाएंगे. खुद सीएम सुक्खू को भी अहसास है कि कांगड़ा जिले को केवल 1 मंत्री पद मिला है. ये बात अलग है कि आशीष बुटेल व किशोरी लाल के तौर पर 2 सीपीएस मिले हैं, लेकिन सीपीएस मंत्री पद की बराबरी नहीं कर सकता. यही कारण है कि सीएम सुक्खू को जल्द ही लोअर हिमाचल की नाराजगी को दूर करना होगा. (Himachal cabinet expansion after Makar Sankranti)

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