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फिर धवाला की नाराजगी आई सामने, कहा: तानाशाही से ना संगठन चलता है ना राजनीति

भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने कहा कि भाजपा में सब ठीक नहीं चल रहा है सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल होना चाहिए. शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को बनाए रखने की बात कह कर संकेत दिए हैं कि पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है.

MLA Ramesh Dhawala, विधायक रमेश धवाला
विधायक रमेश धवाला
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Published : Jun 19, 2021, 11:00 PM IST

शिमला: भाजपा में सब ठीक नहीं चल रहा है सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल होना चाहिए. यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने कही है. भाजपा की तीन दिनों तक चली कोर कमेटी की बैठक के बाद रमेश धवाला अभी भी सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को बढ़ावा देने की बात कर रहे है.

शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को बनाए रखने की बात कह कर संकेत दिए हैं कि पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है.

पार्टी में कार्यकर्ताओं को अधिमान दिए जाने की बात कही

रमेश ध्वाला ने कहा कि सरकार और संगठन का जब संवाद होगा, तभी वह लोगों को जोड़ पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस शिविर में उन्होंने अपनी कमियों को भी उजागर किया और संगठन के लोगों ने जो गलतियां की, उसे भी सब के सामने रखा है. उन्होंने पार्टी में कार्यकर्ताओं को अधिमान दिए जाने की बात कही.

वीडियो.

ज्वालामुखी मंडल में उन्ही सहमति के बिना ही बार-बार बदलाव करने से खफा धवाला ने खेद जताते हुए कहा कि अगर संगठन के लोग मंडल स्तर पर समानांतर नेताओं को खड़ा करेंगे, तो वह एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर में संगठन और सरकार के तालमेल को बनाए रखने की बात कही . ध्वाला ने कहा कि इस पार्टी को उन्होने सींचा है.

संगठन में ऐसे कई लोग हैं जो थानेदार बन बैठे हैं

धवाला ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि संगठन में ऐसे कई लोग हैं जो थानेदार बन बैठे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि तानाशाही से न संगठन चलता है न राजनीति चलती है. राजनीति और संगठन संवाद से चलता है. किसी को टारगेट करने से या किसी के पीछे पड़ जाने से मंडल कमजोर होगा.

उन्होने कहा कि मंडल को अगर संगठित करना है तो वहां के अच्छे लोग जो पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, उन्हें साथ लेकर चलना पड़ेगा. रमेश धवाला ने कहा कि ज्यादा लीडर अगर एक-एक विधानसभा क्षेत्र में खड़े हो जाएंगे तो फिर किसी के लिए भी जीत पाना असंभव होगा.

कार्यकर्ताओं में रोष स्वाभाविक है

धवाला ने इस बात पर भी खेद जताया कि जो व्यक्ति पार्टी का प्रारंभिक सदस्य भी न हो, पार्टी के लिए जिस ने काम भी न किया हुआ और अगर उसे पार्टी में अधिमान दिया जाता है तो इससे कार्यकर्ताओं में रोष स्वाभाविक है.

मिशन रिपीट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ध्वाला ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और मंत्री मंडल स्तर पर जाएं और बड़े-बड़े मसलों को हल करवाए. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना है तो पहले पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को अधिमान देना होगा जो बीस-बीस सालों से पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Father's Day 2021: पिता की 'विरासत' को कुछ ऐसे संभाल रहे हैं जेपी नड्डा के बेटे

शिमला: भाजपा में सब ठीक नहीं चल रहा है सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल होना चाहिए. यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने कही है. भाजपा की तीन दिनों तक चली कोर कमेटी की बैठक के बाद रमेश धवाला अभी भी सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को बढ़ावा देने की बात कर रहे है.

शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए ज्वालामुखी से विधायक रमेश धवाला ने सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल को बनाए रखने की बात कह कर संकेत दिए हैं कि पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है.

पार्टी में कार्यकर्ताओं को अधिमान दिए जाने की बात कही

रमेश ध्वाला ने कहा कि सरकार और संगठन का जब संवाद होगा, तभी वह लोगों को जोड़ पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस शिविर में उन्होंने अपनी कमियों को भी उजागर किया और संगठन के लोगों ने जो गलतियां की, उसे भी सब के सामने रखा है. उन्होंने पार्टी में कार्यकर्ताओं को अधिमान दिए जाने की बात कही.

वीडियो.

ज्वालामुखी मंडल में उन्ही सहमति के बिना ही बार-बार बदलाव करने से खफा धवाला ने खेद जताते हुए कहा कि अगर संगठन के लोग मंडल स्तर पर समानांतर नेताओं को खड़ा करेंगे, तो वह एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर में संगठन और सरकार के तालमेल को बनाए रखने की बात कही . ध्वाला ने कहा कि इस पार्टी को उन्होने सींचा है.

संगठन में ऐसे कई लोग हैं जो थानेदार बन बैठे हैं

धवाला ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि संगठन में ऐसे कई लोग हैं जो थानेदार बन बैठे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि तानाशाही से न संगठन चलता है न राजनीति चलती है. राजनीति और संगठन संवाद से चलता है. किसी को टारगेट करने से या किसी के पीछे पड़ जाने से मंडल कमजोर होगा.

उन्होने कहा कि मंडल को अगर संगठित करना है तो वहां के अच्छे लोग जो पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, उन्हें साथ लेकर चलना पड़ेगा. रमेश धवाला ने कहा कि ज्यादा लीडर अगर एक-एक विधानसभा क्षेत्र में खड़े हो जाएंगे तो फिर किसी के लिए भी जीत पाना असंभव होगा.

कार्यकर्ताओं में रोष स्वाभाविक है

धवाला ने इस बात पर भी खेद जताया कि जो व्यक्ति पार्टी का प्रारंभिक सदस्य भी न हो, पार्टी के लिए जिस ने काम भी न किया हुआ और अगर उसे पार्टी में अधिमान दिया जाता है तो इससे कार्यकर्ताओं में रोष स्वाभाविक है.

मिशन रिपीट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ध्वाला ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और मंत्री मंडल स्तर पर जाएं और बड़े-बड़े मसलों को हल करवाए. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना है तो पहले पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को अधिमान देना होगा जो बीस-बीस सालों से पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं.

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