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कॉलेजों में जल्द शुरू होंगे वोकेशनल कोर्सेज, उच्च शिक्षा को बनाया जाएगा रोजगार ओरिएंटेड - कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सेज

कॉलेजों में वर्षों से चल रहे कोर्सेज में अब बदलाव होगा. कॉलेजों में अब वोकेशनल कोर्सेज पर फोकस किया जाएगा, जिससे कि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें.

Sanjauli college
संजौली कॉलेज
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Published : Dec 20, 2019, 11:23 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 10:03 AM IST

शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में वर्षों से चल रहे कोर्सेज में अब बदलाव होगा. कॉलेजों में अब वोकेशनल कोर्से पर ध्यान किया जाएगा, जिससे कि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें. शिक्षा प्रणाली को इस तरह का बनाया जाएगा कि युवा जिस कोर्स में पढ़ाई करें उससे जुड़ा रोजगार उन्हें मिल सके.

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ये सुझाव हायर एजुकेशन काउंसिल की बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने दिए. प्रदेश में आज के दौर में इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षा हासिल करने वाला युवा भी चतुर्थ श्रेणी की पोस्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं जो कि शिक्षा के स्तर के लिए सही नहीं है.

ऐसे में अब कॉलेजों में चल रहे कोर्सेज की पद्धति को बदलना होगा और इस तरह के कोर्स शामिल करने होंगे, जिससे युवाओं को रोजगार उनकी पढ़ाई से संबंधित मिले. हायर एजुकेशन के गठन के बाद गुरुवार को शिमला के होटल हॉलिडे होम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में बैठक हुई.

बैठक में शिक्षा के विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही सदस्यों ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर भी अपने विचार दिए. कॉलेजों में भवन निर्माण के कार्य में देरी हो रही है. बैठक में रूसा के तहत दो चरणों में कॉलेजों को दिए गए बजट को लेकर भी चर्चा की गई. वहीं, कॉलेजों के नैक एक्रीडिटेशन को लेकर भी चर्चा की गई और जिन कॉलेजों ने अभी तक नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त नहीं की है. उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है.

ये प्रशिक्षण जोन के आधार पर दिया जाएगा जिसमें शिमला, मंडी, कांगड़ा और धर्मशाला को शामिल किया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा रोजगार से जुड़ी हुई होनी चाहिए. उच्च शिक्षा में क्या पढ़ाया जाना चाहिए, कौन से विषय होने चाहिए और विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज में किस तरह का पाठ्यक्रम होना चाहिए. इसके बारे में परिषद कार्य करेगी परिषद की ओर से जो भी सुझाव शिक्षा में सुधार के लिए दिए जाएंगे सरकार उसे लागू करेगी.

शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में वर्षों से चल रहे कोर्सेज में अब बदलाव होगा. कॉलेजों में अब वोकेशनल कोर्से पर ध्यान किया जाएगा, जिससे कि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें. शिक्षा प्रणाली को इस तरह का बनाया जाएगा कि युवा जिस कोर्स में पढ़ाई करें उससे जुड़ा रोजगार उन्हें मिल सके.

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ये सुझाव हायर एजुकेशन काउंसिल की बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने दिए. प्रदेश में आज के दौर में इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षा हासिल करने वाला युवा भी चतुर्थ श्रेणी की पोस्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं जो कि शिक्षा के स्तर के लिए सही नहीं है.

ऐसे में अब कॉलेजों में चल रहे कोर्सेज की पद्धति को बदलना होगा और इस तरह के कोर्स शामिल करने होंगे, जिससे युवाओं को रोजगार उनकी पढ़ाई से संबंधित मिले. हायर एजुकेशन के गठन के बाद गुरुवार को शिमला के होटल हॉलिडे होम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में बैठक हुई.

बैठक में शिक्षा के विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही सदस्यों ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर भी अपने विचार दिए. कॉलेजों में भवन निर्माण के कार्य में देरी हो रही है. बैठक में रूसा के तहत दो चरणों में कॉलेजों को दिए गए बजट को लेकर भी चर्चा की गई. वहीं, कॉलेजों के नैक एक्रीडिटेशन को लेकर भी चर्चा की गई और जिन कॉलेजों ने अभी तक नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त नहीं की है. उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है.

ये प्रशिक्षण जोन के आधार पर दिया जाएगा जिसमें शिमला, मंडी, कांगड़ा और धर्मशाला को शामिल किया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा रोजगार से जुड़ी हुई होनी चाहिए. उच्च शिक्षा में क्या पढ़ाया जाना चाहिए, कौन से विषय होने चाहिए और विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज में किस तरह का पाठ्यक्रम होना चाहिए. इसके बारे में परिषद कार्य करेगी परिषद की ओर से जो भी सुझाव शिक्षा में सुधार के लिए दिए जाएंगे सरकार उसे लागू करेगी.

Intro:प्रदेश की कॉलेज इसमें वर्षों से चल रहे एक जैसे कोर्सेज में अब बदलाव होगा। कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सेज पर ज्यादा फोकस किया जाएगा जिससे कि रोजगार के अवसर छात्रों को मिल सके। शिक्षा को इस तरह का बनाया जाएगा कि युवा जिस कोर्स की पढ़ाई करें उससे जुड़े रोजगार उन्हें मिल सके और पीएचडी,इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर उन्हें सफाई कर्मचारी स्तर या अन्य इस तरह की नौकरियों के लिए आवेदन ना करना पड़े। यह सुझाव हायर एजुकेशन कौंसिल की पहली बैठक में शामिल हुए कौंसिल के सदस्यों की ओर से दिए गए जिसमें कहा गया कि प्रदेश में आज के दौर में इंजीनियरिंग या उच्च शिक्षा हासिल करने वाला युवा भी चतुर्थ श्रेणी की पोस्ट के लिए आवेदन कर रहा है जो कि शिक्षा के स्तर के लिए सही बात नहीं है। ऐसे में अब कॉलेज में चल रही कोर्सेज की पद्धति को बदलना होगा और इस तरह के कोर्स शामिल करने होंगे जिससे कि युवा को रोजगार उसके कोर्स से संबंधित फील्ड में ही मिल सके।


Body:हायर एजुकेशन के गठन के बाद यह पहली बैठक थी जो शिमला के होटल हॉलिडे होम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में की गई। इस बैठक में कौंसिल के चेयरमैन प्रोफेसर सुनील गुप्ता के साथ ही प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत और कौंसिल के अन्य सदस्य भी शामिल रहे। बैठक में कौंसिल आगामी समय में शिक्षा से जुड़े किन किन मुद्दों को लेकर कार्य करेगी उन पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही सदस्यों ने भी उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए किस तरह के प्रयास हो सकते हैं और किस तरह की समस्याएं वर्तमान में प्रदेश के कॉलेजों और शिक्षा विभाग के समक्ष आ रही हैं उस पर भी चर्चा की गई जिसमें यह निकल कर सामने आया कि प्रदेश के कॉलेजों में भवन निर्माण के कार्य में देरी हो रही है। इसके समाधान के लिए अब शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में अलग से बैठक की जाएगी यह बैठक पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर, एक्सीयन के साथ होगी जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे और इसमें निर्माण कार्य में हो रही देरी पर चर्चा की जाएगी और उसका निदान किया जाएगा।


Conclusion:वहीं बैठक में रूसा के तहत दो चरणों में कितना बजट आया है और कितना फ़ीसदी बजट खर्च हो चुका है और कितने कॉलेजों को यह राशि दी गई है इसके बारे में पूरा विस्तार से चर्चा की गई। उसमें निकल कर सामने आया कि बजट पीडब्ल्यूडी को कॉलेजों के मूलभूत ढांचे को तैयार करने के लिए दिया गया है,लेकिन विभाग की ओर से वक्त पर मूलभूत ढांचे नहीं बनाए जा रहे हैं जिसके चलते कॉलेजों को निर्देश देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस बैठक में कॉलेजों के नैक एक्रीडिटेशन को लेकर भी चर्चा की गई और जिन कॉलेजों ने अभी तक नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त नहीं की है। उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। इसके तहत कॉलेज जो एक्रीडिटेशन प्राप्त करने के लिए पात्र हैं उनके प्रधानाचार्य कोऑर्डिनेटर और विभागों के शिक्षकों को बकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किस तरह से एक्रीडिटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है और किस तरह से बेहतर ग्रेड प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रशिक्षण जोन के आधार पर दिया जाएगा जिसमें शिमला, मंडी, कांगड़ा और धर्मशाला को शामिल किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा रोजगार से जुड़ी हुई होनी चाहिए उच्च शिक्षा में क्या पढ़ाया जाना चाहिए, कौन से विषय होने चाहिए और विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज में किस तरह का पाठ्यक्रम होना चाहिए। किस तरह से शिक्षा को रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए इसके बारे में परिषद कार्य करेगी परिषद की ओर से जो भी सुझाव शिक्षा में सुधार के लिए दिए जाएंगे सरकार उसे लागू करेगी।
Last Updated : Dec 21, 2019, 10:03 AM IST
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