शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में वर्षों से चल रहे कोर्सेज में अब बदलाव होगा. कॉलेजों में अब वोकेशनल कोर्से पर ध्यान किया जाएगा, जिससे कि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें. शिक्षा प्रणाली को इस तरह का बनाया जाएगा कि युवा जिस कोर्स में पढ़ाई करें उससे जुड़ा रोजगार उन्हें मिल सके.
ये सुझाव हायर एजुकेशन काउंसिल की बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने दिए. प्रदेश में आज के दौर में इंजीनियरिंग और उच्च शिक्षा हासिल करने वाला युवा भी चतुर्थ श्रेणी की पोस्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं जो कि शिक्षा के स्तर के लिए सही नहीं है.
ऐसे में अब कॉलेजों में चल रहे कोर्सेज की पद्धति को बदलना होगा और इस तरह के कोर्स शामिल करने होंगे, जिससे युवाओं को रोजगार उनकी पढ़ाई से संबंधित मिले. हायर एजुकेशन के गठन के बाद गुरुवार को शिमला के होटल हॉलिडे होम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में बैठक हुई.
बैठक में शिक्षा के विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही सदस्यों ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर भी अपने विचार दिए. कॉलेजों में भवन निर्माण के कार्य में देरी हो रही है. बैठक में रूसा के तहत दो चरणों में कॉलेजों को दिए गए बजट को लेकर भी चर्चा की गई. वहीं, कॉलेजों के नैक एक्रीडिटेशन को लेकर भी चर्चा की गई और जिन कॉलेजों ने अभी तक नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त नहीं की है. उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है.
ये प्रशिक्षण जोन के आधार पर दिया जाएगा जिसमें शिमला, मंडी, कांगड़ा और धर्मशाला को शामिल किया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा रोजगार से जुड़ी हुई होनी चाहिए. उच्च शिक्षा में क्या पढ़ाया जाना चाहिए, कौन से विषय होने चाहिए और विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज में किस तरह का पाठ्यक्रम होना चाहिए. इसके बारे में परिषद कार्य करेगी परिषद की ओर से जो भी सुझाव शिक्षा में सुधार के लिए दिए जाएंगे सरकार उसे लागू करेगी.